डूंगरपुर. कोरोना के कारण जनजीवन से लेकर शिक्षा पर असर पड़ा है. सरकार ने स्कूलों से लेकर कॉलेज तक की परीक्षाएं निरस्त कर दी लेकिन नर्सिंग छात्र अभी तक अधर में अटके हुए हैं. जिसके बाद नर्सिंग छात्रों ने विपक्ष की शरण ली है और अपने मुद्दों को सरकार के सामने रखने की मांग रखी है.
जिले के नर्सिंग छात्रों का कहना है कि उन्हें न तो प्रमोट किया गया है और ना ही उनकी परीक्षाओं को लेकर स्थिति साफ है. प्रशिक्षित और अध्ययनरत नर्सिंग छात्रों ने भाजपा के प्रदेश महामंत्री और राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री सुशील को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन के माध्यम से नर्सिंग छात्रों ने विपक्ष से इन मुद्दों को सरकार के समक्ष उठाने की मांग की है.
यह भी पढ़ें. मुख्यमंत्री निवास और दफ्तर पर 30 कमर्चारी मिले कोरोना पॉजिटिव, VC के जरिए हो सकती है कैबिनेट बैठक
नर्सिंग छात्रों का कहना है कि सभी पाठ्यक्रमों में छात्रों को कोविड के कारण परीक्षाएं नहीं होने से प्रमोट कर दिया गया है, लेकिन नर्सिंग छात्रों को लेकर अभी तक कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है. ऐसे में नर्सिंग छात्रों ने फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर के छात्रों को प्रमोट किए जाने की मांग रखी है. नर्सिंग छात्रों ने मांग रखी है कि डिग्रीधारियों को नर्सिंग केयर सेंटर चलाने से भी पुलिस रोकती है, जबकि असल मे फर्जी तो झोलाछाप हैं.
वहीं AIIMS में नर्सिंगकर्मियों की भर्ती में महिलाओं के 80 और पुरुषों के 20 फीसदी पद आरक्षित किए गए हैं, जो अन्याय है. जबकि एडमिशन के समय इस तरह का आरक्षण नहीं था. ऐसे में नर्सिंग छात्रों ने विपक्ष से इन मांंगों को उठाकर उनका समाधान करवाने की मांग की है.