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नर्स ग्रेड द्वितीय और एएनएम भर्ती- 2018 में नियुक्तियों पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्स ग्रेड द्वितीय और एएनएम भर्ती- 2018 से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नर्स ग्रेड द्वितीय और एएनएम की करीब 11 हजार पदों के लिए नियुक्तियां देने पर रोक लगा दी है. पढ़ें विस्तृत खबर... याचिकाकर्ता के वकील रामप्रताप सैनी

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Published : Feb 10, 2020, 2:53 PM IST

Updated : Feb 10, 2020, 3:03 PM IST

नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती 2018, Rajasthan High court
ban on Nurse Grade II and ANM appointments

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्स ग्रेड द्वितीय और एएनएम भर्ती- 2018 में उम्मीदवारों को नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है. इसके साथ की अदालत स्वास्थ्य विभाग को 17 फरवरी तक शपथ पत्र पेश एससी, एसटी के प्रमाण पत्रों के संबंध में जारी परिपत्रों की जानकारी देने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश लीलावती और सोनू वर्मा की याचिकाओं पर दिए.

याचिकाकर्ता के वकील रामप्रताप सैनी

सुनवाई के दौरान अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक अदालत में पेश हुए. उन्होंने अदालत को बताया की भर्ती विज्ञापन में पिता के नाम जारी प्रमाण पत्र की शर्त लगा रखी है. इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और कार्मिक विभाग ने भी सर्कुलर जारी कर रखे हैं. इस पर अदालत ने सर्कुलरों की जानकारी पेश करने के आदेश देते हुए भर्ती में नियुक्तियां देने पर रोक लगा दी है.

पढे़ंः स्पेशल रिपोर्ट: कैंसर से लड़ने में कारगर है सरसों की ये खास नस्ल, कई बीमारियों की रोकथाम में भी गुणकारी

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने मई 2018 में नर्स ग्रेड द्वितीय के 6 हजार 35 और एएनएम के 4 हजार 9 सौ 65 पदों पर भर्ती निकाली थी. जिसमें याचिकाकर्ता ने एसटी और एससी वर्ग में भाग लिया. विभाग ने तहत की उसकी काउन्सलिंग भी कर ली. इस दौरान याचिकाकर्ता ने अपने पिता और पति के नाम से बने जाति प्रमाण पत्र भी पेश कर दिए.

पढे़ंः वसुंधरा राजे के कार्यकाल में निर्णयों की समीक्षा पर सियासत तेज, पूनिया के आरोप और कल्ला का स्पष्टिकरण

वहीं विभाग की ओर से जारी परिणाम में याचिकाकर्ता को अचयनीत सूची में डालते हुए सामान्य वर्ग का उम्मीदवार दर्शा दिया. जबकि याचिकाकर्ता एसटी और एससी वर्ग की कट ऑफ से अधिक अंक रखते हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने परिपत्रों के जानकारी की जानकारी मांगते हुए नियुक्तियां देने पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्स ग्रेड द्वितीय और एएनएम भर्ती- 2018 में उम्मीदवारों को नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है. इसके साथ की अदालत स्वास्थ्य विभाग को 17 फरवरी तक शपथ पत्र पेश एससी, एसटी के प्रमाण पत्रों के संबंध में जारी परिपत्रों की जानकारी देने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश लीलावती और सोनू वर्मा की याचिकाओं पर दिए.

याचिकाकर्ता के वकील रामप्रताप सैनी

सुनवाई के दौरान अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक अदालत में पेश हुए. उन्होंने अदालत को बताया की भर्ती विज्ञापन में पिता के नाम जारी प्रमाण पत्र की शर्त लगा रखी है. इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और कार्मिक विभाग ने भी सर्कुलर जारी कर रखे हैं. इस पर अदालत ने सर्कुलरों की जानकारी पेश करने के आदेश देते हुए भर्ती में नियुक्तियां देने पर रोक लगा दी है.

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याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने मई 2018 में नर्स ग्रेड द्वितीय के 6 हजार 35 और एएनएम के 4 हजार 9 सौ 65 पदों पर भर्ती निकाली थी. जिसमें याचिकाकर्ता ने एसटी और एससी वर्ग में भाग लिया. विभाग ने तहत की उसकी काउन्सलिंग भी कर ली. इस दौरान याचिकाकर्ता ने अपने पिता और पति के नाम से बने जाति प्रमाण पत्र भी पेश कर दिए.

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वहीं विभाग की ओर से जारी परिणाम में याचिकाकर्ता को अचयनीत सूची में डालते हुए सामान्य वर्ग का उम्मीदवार दर्शा दिया. जबकि याचिकाकर्ता एसटी और एससी वर्ग की कट ऑफ से अधिक अंक रखते हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने परिपत्रों के जानकारी की जानकारी मांगते हुए नियुक्तियां देने पर रोक लगा दी है.

Intro:बाईट - याचिकाकर्ता के वकील रामप्रताप सैनी

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्स ग्रेड द्वितीय और एएनएम भर्ती- 2018 में उम्मीदवारों को नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है। इसके साथ की अदालत स्वास्थ्य विभाग को 17 फरवरी तक शपथ पत्र पेश एससी, एसटी के प्रमाण पत्रों के संबंध में जारी परिपत्रों की जानकारी देने को कहा है। न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश लीलावती और सोनू वर्मा की याचिकाओ पर दिए।
Body:सुनवाई के दौरान अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक अदालत में पेश हुए। उन्होंने अदालत को बताया की भर्ती विज्ञापन में पिता के नाम जारी प्रमाण पत्र की शर्त लगा रखी है। इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और कार्मिक विभाग ने भी सर्कुलर जारी कर रखे हैं। इस पर अदालत ने सर्कुलरो की जानकारी पेश करने के आदेश देते हुए भर्ती में नियुक्तियां देने पर रोक लगा दी है।
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने मई 2018 में नर्स ग्रेड द्वितीय के छह हजार 35 और एएनएम के 4965 पदों पर भर्ती निकाली। जिसमें याचिकाकर्ता ने एसटी और एससी वर्ग में भाग लिया। विभाग ने तहत की उसकी काउन्सलिंग भी कर ली। इस दौरान याचिकाकर्ता ने अपने पिता और पति के नाम से बने जाति प्रमाण पत्र भी पेश कर दिए। वहीं विभाग की ओर से जारी परिणाम में याचिकाकर्ता को अचयनीत सूची में डालते हुए सामान्य वर्ग का उम्मीदवार दर्शा दिया। जबकि याचिकाकर्ता एसटी और एससी वर्ग की कट ऑफ से अधिक अंक रखते है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने परिपत्रों के जानकारी की जानकारी मांगते हुए नियुक्तियां देने पर रोक लगा दी है।Conclusion:
Last Updated : Feb 10, 2020, 3:03 PM IST
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