जयपुर. गर्भ में बेटियों की हत्या रोकने लिए चिकित्सा विभाग ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है. विभाग की टीम ने पिछले चार (Sex Ratio in Rajasthan) महीने में एक के बाद एक 2500 सोनोग्राफी केंद्रों पर छापा मारा है. सोनोग्राफी केंद्रों पर कार्रवाई के भय ने प्रदेश में लिंगानुपात बढ़ाया है. चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग ने कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए PCPNDT एक्ट के तहत सोनोग्राफी केंद्रों की मिशन स्तर पर जांच की और डिकॉय ऑपरेशन किए.
साल 2021 से ज्यादा कार्रवाई चिकित्सा विभाग ने साल 2022 में की है. जिसमें 4 माह में ही इन सोनोग्राफी केन्द्रों का निरीक्षण किया है. साल 2021 में चिकित्सा विभाग ने कुल 2200 निरीक्षण और डिकॉय किए थे. इस साल जिला स्तरीय और राज्य स्तरीय निरीक्षण दल ने कुल 2459 सोनोग्राफी केन्द्रों का निरीक्षण किया और 9 मशीनों को सीज किया. इस दौरान जिला स्तरीय निरीक्षण दलों ने 2328 और राज्य स्तरीय निरीक्षण दल ने 131 सोनोग्राफी केन्द्रों का निरीक्षण किया.
पढ़ें. Jodhpur Crime News: पीसीपीएनडीटी सेल ने भ्रूण परीक्षण डॉक्टर और नर्स को किया गिरफ्तार
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट के अनुसार लड़कियों के जन्म के लिंगानुपात में पीछे रहने वाला (Number of Girl Child exceeds in Rajasthan) राजस्थान इस रिपोर्ट में आंकड़ों में आगे बढ़ गया है. सर्वे-5 की रिपोर्ट के अनुसार पहली बार देश की कुल आबादी में एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 1009 है. वहीं इससे पहले 2015-2016 में हुए एनएफएचएस-4 सर्वे में ये आंकड़ा प्रदेश में 973 महिलाओं का दर्ज किया गया था.
रिकॉर्ड डिकॉय आपरेशन: प्रदेश में भ्रूण परीक्षण रोकने के मकसद से जांच दलों ने इस साल कुल तीन डिकॉय ऑपरेशन किए. जिसमें मां की कोख में पल रहे बच्चे की लिंग जांच कर रहे सात लोगों को गिरफ्तार किया. इस पर विभाग ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की. डिकॉय ऑपरेशन की शुरूआत करने के बाद से राज्य में अब तक कुल 164 डिकॉय ऑपरेशन किए जा चुके हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग की न्यायलय में भी जांचने वाले आरोपियों के खिलाफ सबूत और मजबूत पैरवी से करने से राज्य में अब तक दर्ज 762 परिवादों में से 155 को दोषी माना गया है.