जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में नमाज पढ़ने का मामला सामने आने के बाद सियासी बवाल फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज सोमवार को एनएसयूआई ने कुलपति सचिवालय के सामने मौन धरना देकर विरोध जताया और एक कोने में नमाज पढ़ रहे छात्र को रोकने वाले शिक्षक को बर्खास्त किए जाने की मांग की. दूसरी तरफ राजस्थान कॉलेज के प्राचार्य एसएल शर्मा का कहना है कि शिक्षा के मंदिर में किसी भी तरह की अन्य गतिविधियां अनुमत नहीं होंगी.
राजस्थान कॉलेज के प्राचार्य एसएल शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राजस्थान कॉलेज, राजस्थान विश्वविद्यालय का बहुत पुराना कॉलेज है. हम चाहते हैं कि यहां से छात्र अपना भविष्य बनाकर आगे जाएं और देश-समाज की सेवा करें. कोई भी शिक्षण संस्था किसी भी तरह की अन्य गतिविधि की परमिशन नहीं देती है. उनका कहना है कि इस मुद्दे पर कई ऐसे लोग जो विश्वविद्यालय के विद्यार्थी नहीं हो, वे माहौल खराब कर रहे हैं. विश्वविद्यालय और महाविद्यालय का शैक्षणिक माहौल बना रहना चाहिए. चूंकि अब कक्षाएं फुल स्ट्रेंथ में चल रही हैं, तो विद्यार्थी भी परेशान होते हैं. इस तरह की चीजों को शिक्षण संस्थाओं में ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए. जहां तक आस्था का प्रश्न है, यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता है. चाहे घर के अंदर हो या बाहर. धार्मिक आस्थाएं निर्धारित स्थान पर ही होती हैं.
आज सुबह राजस्थान कॉलेज परिसर में एबीवीपी कार्यकर्ताओं के हनुमान चालीसा का पाठ करने के सवाल पर प्राचार्य शर्मा ने कहा कि कैम्पस में शैक्षणिक गतिविधि के अलावा कोई अन्य तरह की गतिविधि नहीं होनी चाहिए. यह सुनिश्चित किया जाएगा. इस संबंध में किसी तरह के लिखित आदेश जारी करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आर्डर नहीं, हम समझाएंगे. सभी हमारे विद्यार्थी हैं और वे समझ जाएंगे.