जयपुर. एनएसयूआई अपना 51वां स्थापना दिवस मना रही है. राजस्थान एनएसयूआई की ओर से भी इस मौके पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी वर्चुअल माध्यम से एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. अशोक गहलोत ने कहा कि उन्हें राजस्थान का पहला एनएसयूआई का अध्यक्ष बनने का सौभाग्य मिला और एनएसयूआई से ही हो सांसद, मंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और तीसरी बार मुख्यमंत्री के तौर पर सबके सामने बैठे हैं.
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नरेंद्र मोदी को इंदिरा गांधी का नाम लेने में शर्म आती है
उन्होंने कहा कि एनएसयूआई मुझे सबसे प्यारी है. क्योंकि छात्र शक्ति ही देश का भविष्य तय करती है. इतिहास गवाह है कि कांग्रेस लोकतंत्र में विश्वास रखती है और यही भावना देश को अखंड बनाए रखी है. आजादी के 70 सालों में देश के सामने कई चुनौतियां आई और उन चुनौतियों के बावजूद भारत अखंड रहा. जबकि रूस जैसे शक्तिशाली देश एक नहीं रह सके. कांग्रेस का जो इतिहास है उसमें इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश को आजाद करवाया और ऐसा विश्व में दूसरा उदाहरण कहीं नहीं है कि 90000 सैनिकों को सरेंडर करवा दिया जाए, लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इंदिरा गांधी का नाम लेने में शर्म आती है.
'जो जितना फिरता है उतना चरता है'
गहलोत ने कहा कि इंदिरा गांधी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान दे दी. राजीव गांधी भी शहीद हुए. कांग्रेस पार्टी ने ही देश को उस लोकतंत्र पर चलाया जो हमारा संविधान कहता है. जो जितना ज्यादा घूमेगा उतना ज्यादा सीखेगा, उन्होंने राजस्थानी कहावत 'जो जितना फिरता है उतना चरता है' से एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को संदेश दिया. उन्होंने कहा कि झालावाड़ में जब वह उस समय जाते थे तो वहां आंधियां चलती थी. लेकिन वसुंधरा राजे ने अब झालावाड़ में मिनी सचिवालय भी बना दिया है और अन्य सुविधाएं भी कर दी हैं.
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मोदी से मुकाबला केवल राहुल गांधी कर रहे हैं
अशोक गहलोत ने कहा कि आज देश में कांग्रेस के 54 सांसद हैं, यह हमारे लिए चुनौती भी है और आप जैसे युवाओं के लिए एक अवसर भी. क्योंकि इंदिरा गांधी जब चुनाव हारी तो लोग कांग्रेस के टिकट नहीं ले रहे थे. उस समय मैंने कांग्रेस का टिकट लिया और केवल 4000 से चुनाव हारा. लेकिन यही छोटी हार मेरे लिए सबसे बड़ा वरदान बनी. ऐसे में हर किसी को 54 सांसद और 44 सांसद की बात छोड़ देनी चाहिए, हमको यह याद रखना चाहिए कि मोदी से मुकाबला केवल राहुल गांधी कर रहे हैं. जबकि देश में बसपा, सपा और माकपा जैसी बड़ी-बड़ी पार्टियां थी और बड़े-बड़े नाम थे, लेकिन अब उनका पता नहीं है कि वह कहां चले गए.
भाजपा का चाल, चरित्र, चेहरा अलग है
उन्होंने कहा कि कांग्रेस थी तो सबको मौका मिलता था लेकिन आज सरकार गिराने की कवायद होती है, खरीद-फरोख्त हो रही है. संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव बढ़ गया है. देश किस दिशा में जाएगा यह युवा ही तय करता है. उन्होंने अपना एक दुख भी एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के सामने रखते हुए कहा कि भाजपा झूठ बोलने में माहिर है, लेकिन सरकार हमारी होती है तो हम जो बड़े-बड़े काम करते हैं. वह भी नहीं बता पाते हैं और भाजपा जो काम करती नहीं है उसके बारे में भी जबरदस्त माहौल बना देती है. भाजपा का चाल चरित्र चेहरा अलग है.
गहलोत ने कोरोना को लेकर कहा कि कोरोना पीक समय से भी अब ज्यादा फैल रहा है. राजस्थान के गांव कोरोना से बचे हुए हैं. लेकिन अब गुजरात से जो लोग डूंगरपुर बांसवाड़ा पहुंच रहे हैं, वह अब गांव में भी कोरोना फैला रहे हैं. ऐसे में एनएसयूआई को मास्क को लेकर अभियान चलाना चाहिए. उन्होंने एनएसयूआई से कहा कि एक कैंप 3 दिन का उन्हें लगाना चाहिए और बड़ा अधिवेशन करना चाहिए, जिसमें हम बड़े नेता भी पहुंचेंगे. गहलोत ने कहा कि भाजपा हिंदू की बात करती है और हम उनसे डर रहे हैं. जबकि होना यह चाहिए कि हमें अपनी नीतियों और विचारधारा पर ही चलना चाहिए.