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जयपुरः कॉलेजों में शुरू होगी पेरेंट्स प्रोफेसर मीटिंग, ये है मकसद

जयपुर में उच्च शिक्षा ने सत्र 2019-2020 से प्रदेश के सभी कॉलेजों में अभिभावक संवाद कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है. इसका उद्देश्य कॉलेजों में अनुशासन और स्टूडेंट की परफॉर्मेंस बढ़ाने के साथ ही विद्यार्थियों के अभिभावक और कॉलेज प्रशासन में संवाद बढ़ाना है.

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Published : Oct 13, 2019, 8:10 PM IST

जयपुर. स्कूल की तर्ज पर पेरेंट्स-टीचर मीटिंग की योजना अब कॉलेजों में भी शुरू होगी. उच्च शिक्षा ने सत्र 2019-2020 से प्रदेश के सभी कॉलेजों में अभिभावक संवाद कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है. इसका उद्देश्य सरकारी कॉलेजों में पढ़ रहे चार लाख से ज्यादा विद्यार्थियों के अभिभावक और कॉलेज प्रशासन में संवाद बढ़ाना है. ताकि कॉलेजों में अनुशासन और स्टूडेंट की परफॉर्मेंस बढ़ सके.

अब कॉलेजों में शुरू होगी पेरेंट्स प्रोफेसर मीटिंग

वहीं कॉलेज आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ ने बताया कि स्कूलों में पेरेंट्स टीचर मीटिंग के जरिये बच्चों की परफॉरमेंस की जानकारी अभिभावकों तक पहुंचती है लेकिन कॉलेजों के स्टूडेंट्स की जानकारी अभिभावकों तक नहीं पहुंच पाती है. इसलिए बच्चों की परफॉरमेंस अभिभावकों तक पहुँचाने के लिए पेरेंट्स प्रोफेसर मीट की शुरुआत की गई है.

पढ़ेंः जयपुरः प्रतिभा सम्मान समारोह में 150 लोगों को किया गया सम्मानित

साथ ही बोरड़ ने बताया कि पीपीएम के लिए विभाग ने फरवरी तक तिथियों को तय कर लिया है ताकि पेरेंट्स कॉलेज में पहुंच सकेंगे. पीपीएम में कॉलेज के ओर से वाद विवाद, संगीत, प्ले जैसे कुछ गतिविधियों को भी रखा गया है ताकि स्टूडेंट्स अभिभावकों के सामने परफॉर्म कर सके.

बता दें कि कॉलेज कम्युनिटी कनेक्ट प्रोग्राम के तहत यह कदम उठाया गया है. वहीं कॉलेजों में पहली पीपीएम हो चुकी है लेकिन कई कॉलेजों में अभिभावक नहीं पहुंचे तो कई जगह में स्टूडेंट्स ही नहीं आए. ऐसे में कहीं ना कहीं पहली पीपीएम खटाई में पड़ती दिख रही है.

जयपुर. स्कूल की तर्ज पर पेरेंट्स-टीचर मीटिंग की योजना अब कॉलेजों में भी शुरू होगी. उच्च शिक्षा ने सत्र 2019-2020 से प्रदेश के सभी कॉलेजों में अभिभावक संवाद कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है. इसका उद्देश्य सरकारी कॉलेजों में पढ़ रहे चार लाख से ज्यादा विद्यार्थियों के अभिभावक और कॉलेज प्रशासन में संवाद बढ़ाना है. ताकि कॉलेजों में अनुशासन और स्टूडेंट की परफॉर्मेंस बढ़ सके.

अब कॉलेजों में शुरू होगी पेरेंट्स प्रोफेसर मीटिंग

वहीं कॉलेज आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ ने बताया कि स्कूलों में पेरेंट्स टीचर मीटिंग के जरिये बच्चों की परफॉरमेंस की जानकारी अभिभावकों तक पहुंचती है लेकिन कॉलेजों के स्टूडेंट्स की जानकारी अभिभावकों तक नहीं पहुंच पाती है. इसलिए बच्चों की परफॉरमेंस अभिभावकों तक पहुँचाने के लिए पेरेंट्स प्रोफेसर मीट की शुरुआत की गई है.

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साथ ही बोरड़ ने बताया कि पीपीएम के लिए विभाग ने फरवरी तक तिथियों को तय कर लिया है ताकि पेरेंट्स कॉलेज में पहुंच सकेंगे. पीपीएम में कॉलेज के ओर से वाद विवाद, संगीत, प्ले जैसे कुछ गतिविधियों को भी रखा गया है ताकि स्टूडेंट्स अभिभावकों के सामने परफॉर्म कर सके.

बता दें कि कॉलेज कम्युनिटी कनेक्ट प्रोग्राम के तहत यह कदम उठाया गया है. वहीं कॉलेजों में पहली पीपीएम हो चुकी है लेकिन कई कॉलेजों में अभिभावक नहीं पहुंचे तो कई जगह में स्टूडेंट्स ही नहीं आए. ऐसे में कहीं ना कहीं पहली पीपीएम खटाई में पड़ती दिख रही है.

Intro:जयपुर- स्कूल की तर्ज पर पेरेंट्स टीचर मीटिंग की योजना अब कॉलेजों में भी शुरू होगी। उच्च शिक्षा ने सत्र 2019 20 से प्रदेश के सभी कॉलेजों में अभिभावक संवाद कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है। कॉलेज आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ ने बताया कि स्कूलों में पेरेंट्स टीचर मीटिंग के जरिये बच्चों की परफॉरमेंस की जानकारी अभिभावकों तक पहुँचती है लेकिन कॉलेजों के स्टूडेंट्स की जानकारी अभिभावकों तक नहीं पहुँच पाती है। इसलिए बच्चों की परफॉरमेंस अभिभावकों तक पहुँचाने के लिए पेरेंट्स प्रोफेसर मीट की शुरुआत की गई है।


Body:कॉलेज कम्युनिटी कनेक्ट प्रोग्राम के तहत यह कदम उठाया गया है। इसका उद्देश्य सरकारी कॉलेजों में पढ़ रहे चार लाख से ज्यादा छात्र छात्राओं के अभिभावक और कॉलेज प्रशासन में संवाद बढ़ाना है। ताकि कॉलेजों में अनुशासन और स्टूडेंट की परफॉर्मेंस बढ़ सके। बोरड़ ने बताया कि पीपीएम के लिए विभाग ने फरवरी तक तिथियों को तय कर लिया है ताकि पेरेंट्स कॉलेज में पहुँच सकेंगे। पीपीएम में कॉलेज द्वारा कुछ गतिविधियों को भी रखा गया है जिसमें वाद विवाद, संगीत, प्ले आदि ताकि स्टूडेंट्स अभिभावकों के सामने परफॉर्म कर सके। कॉलेजों में पहली पीपीएम हो चुकी है लेकिन कई कॉलेजों में अभिभावक नहीं पहुँचे तो कईओ में स्टूडेंट्स ही नहीं आए। ऐसे में कई ना कई पहली पीपीएम खटाई में पड़ती दिख रही है।

बाईट- प्रदीप कुमार बोरड़, कॉलेज आयुक्त


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