जयपुर. मिलावटी शराब पर रोक लगाने के लिए सरकार की ओर से अब नई व्यवस्था शुरू की जा रही है. शराब की शुद्धता के लिए सरकार की ओर से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. शराब और बीयर की बोतलों पर होलोग्राम के साथ क्यूआर कोड लगाने के (Hologram and QR code will be on liquor bottles) आदेश जारी किए गए हैं. बिना क्यूआर कोड और होलोग्राम के अब शराब की बिक्री नहीं की जा सकेगी. बारकोड से शराब की मिलावट और दूसरे ब्रांड की जानकारी भी मिल सकेगी.
कई बार देखने को मिलता है कि शराब माफिया अधिक मुनाफे के लालच में मिलावटी शराब बेचने लगते हैं. दूसरे राज्यों से बनकर आने वाली सस्ती शराब भी धड़ल्ले से बेची जाती है जिससे सरकार को भी राजस्व का नुकसान होता है. मिलावटी शराब लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत हानिकारक होती है. कई बार तो मिलावटी या जहरीली शराब पीने से कई लोगों की जान भी चली जाती है. मिलावटी और अवैध शराब पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने प्रत्येक शराब की बोतल पर होलोग्राम और क्यूआर कोड लगाने का फैसला लिया है.
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जानकारी के मुताबिक सरकार ने बीयर और शराब की बोतलों पर क्यूआर कोड के साथ होलोग्राम लगाकर बेचने का फैसला किया है. शराब निर्माता कंपनियों को 16 अगस्त से राजस्थान स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के डिपो पर क्यूआर कोड विद होलोग्राम लगी शराब और बीयर सप्लाई करने के आदेश दिए गए हैं. शराब विक्रेताओं को बारकोड पढ़ने और बिल बनाने के लिए पॉस मशीन या लेबर रीडर मशीन दी जाएगी. इस मशीन के माध्यम से बोतल पर लगे क्यूआर कोड या बार कोड को स्कैन करने के बाद बिल जनरेट भी हो सकेगा.
आबकारी विभाग के अधिकारियों की माने तो राजस्थान स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के डिपो पर 16 अगस्त से केवल होलोग्राम लगी शराब और बीयर ही बेची जाएगी. डिपो पर रखे पुराने स्टॉक को 15 सितंबर तक खत्म किया जा सकेगा. 16 सितंबर से आरएसबीसीएल के डिपो से केवल होलोग्राम लगी बोतल ही रिटेल विक्रेताओं को सप्लाई की जाएगी. प्लांट से निकलने वाली प्रत्येक शराब की बोतल पर सिक्योरिटी होलोग्राम और बार कोड होगा. शराब को भेजने से पहले प्लांट से बारकोड रीड करके भेजा जाएगा. गोदाम में पहुंचने के बाद शराब की पेटियों के बारकोड को दोबारा से स्कैन किया जाएगा. रिटेल विक्रेताओं की दुकान पर भेजवाने के दौरान भी बैच नंबर लिखा जाएगा ताकि पता चल सके कि शराब किस दुकान पर गई है.