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अब सादे कागज पर भी मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र का प्रिंट ले सकेंगे आवेदक - डिजिटल फॉर्मेट

राज्य सरकार ने ई मित्र सेवाओं में एक बड़ा बदलाव किया है. अब मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र आदि का प्रिंट आवेदक कहीं से भी निकाल सकता है. अब उसे डिजिटल फॉर्मेट में प्रिंट लेने के लिए ई मित्र पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी.

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अब सादे कागज पर भी मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र का प्रिंट ले सकेंगे आवेदक
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Published : Jul 8, 2020, 10:21 AM IST

जयपुर. सरकार की ओर से ई मित्रों के सेवाओं में एक बड़ा बदलाव किया गया है. इस बदलाव के तहत अब मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र आदि का प्रिंट आवेदक कहीं से भी निकाल सकता है. अब उसे डिजिटल फॉर्मेट में प्रिंट लेने के लिए ई मित्र पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी. करीब 9 साल बाद इस सेवा में बदलाव किया गया है. आवेदक ए 4 साइज कागज पर भी यह प्रिंट ले सकेंगे.

अब सादे कागज पर भी मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र का प्रिंट ले सकेंगे आवेदक

ई मित्रों पर यह सेवा 2011 में शुरू की गई थी. इसके माध्यम से आवेदक ई मित्र के माध्यम से जाति, मूल निवास प्रमाण पत्र का प्रिंट डिजिटल कागज पर लेता था. आवेदक जाति और मूलनिवास के लिए ईमित्र के माध्यम से ही आवेदन करता था. यह सभी आवेदन तहसील कार्यालय में आते थे और जांच के बाद इसे अप्रूव किया जाता था. प्रमाण पत्र के अप्रूव होने के बाद आवेदक ई मित्र के माध्यम से डिजिटल स्टेशनरी पर ही उसका प्रिंट ले सकता था.

डीओआईटी (सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग) के उपनिदेशक रितेश कुमार शर्मा ने बताया कि प्रिंटेड कागज पर होलोग्राम, वाटर मार्क और कई तरह के सुरक्षात्मक फीचर्स थे. जिसके कारण कोई डुप्लीकेट प्रमाण पत्र नहीं बना सके और ना ही कोई फर्जीवाड़ा कर सके. यह स्टेशनरी सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ई मित्रों को उपलब्ध कराता था.

रितेश कुमार शर्मा ने बताया कि सादे कागज पर प्रमाण पत्र का प्रिंट लेने पर इसके ऑनलाइन जांच करने की सुविधा भी ई मित्रों पर रहेगी. प्रमाण पत्र के नंबर जब पोर्टल पर वेरीफिकेशन कॉलम में डालते हैं, तो पता चल जाता है कि यह प्रमाण पत्र सही है या गलत है. शर्मा ने बताया कि जब पोर्टल पर प्रमाण पत्र के वेरिफिकेशन की सुविधा है तो प्री प्रिंटेड स्टेशनरी की कोई आवश्यकता नहीं है. कोई भी पोर्टल पर जाकर प्रमाण पत्र की जांच कर सकता है.

यह भी पढ़ें- कोटा में ज्वेलर ने तैयार किए चांदी के मास्क, N-95 के बराबर प्रोटेक्शन का दावा

इसलिए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया कि डिजिटल प्रमाण पत्र का प्रिंट अब सादे कागज पर भी लिया जा सकता है. इस सुविधा के बाद आवेदक को एक बहुत बड़ी राहत मिली है, क्योंकि प्रमाण पत्र बनने के बाद आवेदक को उसका डिजिटल कागज पर प्रिंट लेने के लिए ई मित्र पर जाना ही पड़ता था, क्योंकि प्रिंटेड स्टेशनरी ई मित्र पर ही उपलब्ध होती थी. अब टोकन नंबर के आधार पर आवेदक भी आसानी से सादा कागज पर इसका प्रिंट निकाल सकता है.

सरकार की ओर से आवेदक को यह सुविधा देने के बाद ही ई मित्रों को नुकसान होगा, क्योंकि पहले इस डिजिटल प्रमाण पत्र का प्रिंट देने के लिए वह आवेदक से शुल्क लेता था. उपनिदेशक रितेश कुमार शर्मा ने कहा कि ई मित्रों को आय का नुकसान होगा, लेकिन उनके पास और भी जनता से जुड़ी कई सेवाएं हैं, जिसका वे शुल्क लेते हैं. इसलिए ज्यादा कुछ फर्क नहीं पड़ेगा.

जयपुर. सरकार की ओर से ई मित्रों के सेवाओं में एक बड़ा बदलाव किया गया है. इस बदलाव के तहत अब मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र आदि का प्रिंट आवेदक कहीं से भी निकाल सकता है. अब उसे डिजिटल फॉर्मेट में प्रिंट लेने के लिए ई मित्र पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी. करीब 9 साल बाद इस सेवा में बदलाव किया गया है. आवेदक ए 4 साइज कागज पर भी यह प्रिंट ले सकेंगे.

अब सादे कागज पर भी मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र का प्रिंट ले सकेंगे आवेदक

ई मित्रों पर यह सेवा 2011 में शुरू की गई थी. इसके माध्यम से आवेदक ई मित्र के माध्यम से जाति, मूल निवास प्रमाण पत्र का प्रिंट डिजिटल कागज पर लेता था. आवेदक जाति और मूलनिवास के लिए ईमित्र के माध्यम से ही आवेदन करता था. यह सभी आवेदन तहसील कार्यालय में आते थे और जांच के बाद इसे अप्रूव किया जाता था. प्रमाण पत्र के अप्रूव होने के बाद आवेदक ई मित्र के माध्यम से डिजिटल स्टेशनरी पर ही उसका प्रिंट ले सकता था.

डीओआईटी (सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग) के उपनिदेशक रितेश कुमार शर्मा ने बताया कि प्रिंटेड कागज पर होलोग्राम, वाटर मार्क और कई तरह के सुरक्षात्मक फीचर्स थे. जिसके कारण कोई डुप्लीकेट प्रमाण पत्र नहीं बना सके और ना ही कोई फर्जीवाड़ा कर सके. यह स्टेशनरी सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ई मित्रों को उपलब्ध कराता था.

रितेश कुमार शर्मा ने बताया कि सादे कागज पर प्रमाण पत्र का प्रिंट लेने पर इसके ऑनलाइन जांच करने की सुविधा भी ई मित्रों पर रहेगी. प्रमाण पत्र के नंबर जब पोर्टल पर वेरीफिकेशन कॉलम में डालते हैं, तो पता चल जाता है कि यह प्रमाण पत्र सही है या गलत है. शर्मा ने बताया कि जब पोर्टल पर प्रमाण पत्र के वेरिफिकेशन की सुविधा है तो प्री प्रिंटेड स्टेशनरी की कोई आवश्यकता नहीं है. कोई भी पोर्टल पर जाकर प्रमाण पत्र की जांच कर सकता है.

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इसलिए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया कि डिजिटल प्रमाण पत्र का प्रिंट अब सादे कागज पर भी लिया जा सकता है. इस सुविधा के बाद आवेदक को एक बहुत बड़ी राहत मिली है, क्योंकि प्रमाण पत्र बनने के बाद आवेदक को उसका डिजिटल कागज पर प्रिंट लेने के लिए ई मित्र पर जाना ही पड़ता था, क्योंकि प्रिंटेड स्टेशनरी ई मित्र पर ही उपलब्ध होती थी. अब टोकन नंबर के आधार पर आवेदक भी आसानी से सादा कागज पर इसका प्रिंट निकाल सकता है.

सरकार की ओर से आवेदक को यह सुविधा देने के बाद ही ई मित्रों को नुकसान होगा, क्योंकि पहले इस डिजिटल प्रमाण पत्र का प्रिंट देने के लिए वह आवेदक से शुल्क लेता था. उपनिदेशक रितेश कुमार शर्मा ने कहा कि ई मित्रों को आय का नुकसान होगा, लेकिन उनके पास और भी जनता से जुड़ी कई सेवाएं हैं, जिसका वे शुल्क लेते हैं. इसलिए ज्यादा कुछ फर्क नहीं पड़ेगा.

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