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भाजपा पार्षदों ने लिया नगरपालिका अधिनियम का सहारा...एक तिहाई से ज्यादा पार्षदों ने मेयर को दिया नोटिस,अब एक सप्ताह में करानी होगी बैठक - हेरिटेज नगर निगम

हेरिटेज नगर निगम के बीते सवा साल में एक ही बोर्ड बैठक हुई है. ऐसे में विपक्ष ने नगरपालिका अधिनियम की धारा 51 की उपधारा (1) के तहत बोर्ड बैठक बुलाने को लेकर पार्षदों ने मेयर को नोटिस (bjp parshad give notice to mayor in jaipur) दिया है. इस नोटिस में एक तिहाई से ज्यादा 40 पार्षदों के हस्ताक्षर हैं.

bjp parshad give notice to mayor in jaipur
पार्षदों ने मेयर को नोटिस दिया
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Published : Mar 28, 2022, 6:12 PM IST

Updated : Mar 29, 2022, 9:10 AM IST

जयपुर. हेरिटेज नगर निगम के बीते सवा साल में एक ही बोर्ड बैठक हुई है. ऐसे में विपक्ष ने नगरपालिका अधिनियम की धारा 51 की उपधारा (1) के तहत बोर्ड बैठक बुलाने को लेकर पार्षदों ने मेयर को नोटिस दिया है. नियमों के तहत अब महापौर को 1 सप्ताह के अंदर बोर्ड की बैठक (bjp parshad give notice to mayor in jaipur) बुलानी होगी. राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 51 में बोर्ड बैठक बुलाने का अधिकार (notice to mayor to conduct Board meeting in jaipur) है. जिसमें वर्णित किया गया है कि 60 दिन में एक बैठक अनिवार्य रूप से होगी. इसके हिसाब से पूरे साल में 6 मीटिंग होने का प्रावधान है.

हेरिटेज नगर निगम के बोर्ड का गठन हुए सवा साल हो चुका है. इस अवधि में महज एक साधारण सभा की बैठक 9 फरवरी 2021 को हुई थी. लेकिन इसके बाद अब तक कोई बैठक नहीं हुई है. बीजेपी पार्षद विमल अग्रवाल ने कहा कि जब दूसरा बजट पारित कराने का समय आ गया, तब भी बोर्ड की मीटिंग नहीं बुलाई और बजट सीधा सरकार के पास भेज दिया गया. इसे लेकर बीजेपी ही नहीं कांग्रेस और निर्दलीय पार्षद भी अपना विरोध व्यक्त कर चुके हैं. हालांकि इसका मेयर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा. यही वजह है कि अब नगरपालिका अधिनियम धारा 51 की उपधारा (1) के तहत मेयर को नोटिस दिया गया है. इसमें स्पष्ट नियम है कि यदि बोर्ड के एक तिहाई पार्षद मिलकर मेयर को साधारण सभा कराने का नोटिस दें, तो उन्हें 7 दिन के अंदर साधारण सभा की बैठक बुलाना आवश्यक है. उन्होंने एक तिहाई से ज्यादा 40 पार्षदों के हस्ताक्षर के साथ मेयर को नोटिस देने के बाद उम्मीद जताई कि मेयर अब जल्द इस पर संज्ञान लेकर साधारण सभा की बैठक बुलाई जाएगी.

एक तिहाई से ज्यादा पार्षदों ने मेयर को दिया नोटिस

सरकार की गले की फांस बना निगम को बांटना: उधर, बीजेपी के एक अन्य पार्षद रवि प्रकाश सैनी ने कहा कि राजस्थान सरकार ने जयपुर निगम को दो निगमों में बांटकर जनता को सुविधाएं देने का जो दम भरा था, वो अब सरकार के ही गले की फांस बन गई है. यही वजह है कि जिस जयपुर का नाम यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल है, वहीं आज कचरा प्रबंधन, ठेकेदारों का भुगतान प्रबंधन और लाइट संबंधी व्यवस्था फेल हो चुकी है. जिसे लेकर जनता में भी आक्रोश है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है, इसलिए काम नहीं कर पा रही. यही वजह है कि आज जनता के कामों के लिए नोटिस दिया गया है.

पढ़ें-Protest against Greater Nagar Nigam: अपने ही बोर्ड के खिलाफ हुए कांग्रेस-भाजपा के पार्षद, कार्यालय के बाहर दिया धरना

वहीं कुछ पार्षदों ने हेरिटेज नगर निगम की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए. पार्षद महेंद्र पहाड़िया ने कहा कि उनके वार्ड में अब तक 1 रूपय का काम नहीं किया गया है. वार्ड में सड़क, सीवर और लाइट का कोई काम नहीं किया गया और ना ही सफाई की कोई खास व्यवस्था की गई है. और जब इन्हें काम ही नहीं करना था, तो पार्षद क्यों बने बैठे हैं. इन हालातों पर तो मेयर को इस्तीफा दे देना चाहिए. वहीं पार्षद रेखा राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी ही नहीं कांग्रेस के पार्षद भी मेयर और निगम प्रशासन की कार्यशैली से असंतुष्ट होकर धरने पर बैठे हैं. आलम ये है कि आज हेरिटेज निगम मंत्रियों के अधीन है.

जयपुर. हेरिटेज नगर निगम के बीते सवा साल में एक ही बोर्ड बैठक हुई है. ऐसे में विपक्ष ने नगरपालिका अधिनियम की धारा 51 की उपधारा (1) के तहत बोर्ड बैठक बुलाने को लेकर पार्षदों ने मेयर को नोटिस दिया है. नियमों के तहत अब महापौर को 1 सप्ताह के अंदर बोर्ड की बैठक (bjp parshad give notice to mayor in jaipur) बुलानी होगी. राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 51 में बोर्ड बैठक बुलाने का अधिकार (notice to mayor to conduct Board meeting in jaipur) है. जिसमें वर्णित किया गया है कि 60 दिन में एक बैठक अनिवार्य रूप से होगी. इसके हिसाब से पूरे साल में 6 मीटिंग होने का प्रावधान है.

हेरिटेज नगर निगम के बोर्ड का गठन हुए सवा साल हो चुका है. इस अवधि में महज एक साधारण सभा की बैठक 9 फरवरी 2021 को हुई थी. लेकिन इसके बाद अब तक कोई बैठक नहीं हुई है. बीजेपी पार्षद विमल अग्रवाल ने कहा कि जब दूसरा बजट पारित कराने का समय आ गया, तब भी बोर्ड की मीटिंग नहीं बुलाई और बजट सीधा सरकार के पास भेज दिया गया. इसे लेकर बीजेपी ही नहीं कांग्रेस और निर्दलीय पार्षद भी अपना विरोध व्यक्त कर चुके हैं. हालांकि इसका मेयर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा. यही वजह है कि अब नगरपालिका अधिनियम धारा 51 की उपधारा (1) के तहत मेयर को नोटिस दिया गया है. इसमें स्पष्ट नियम है कि यदि बोर्ड के एक तिहाई पार्षद मिलकर मेयर को साधारण सभा कराने का नोटिस दें, तो उन्हें 7 दिन के अंदर साधारण सभा की बैठक बुलाना आवश्यक है. उन्होंने एक तिहाई से ज्यादा 40 पार्षदों के हस्ताक्षर के साथ मेयर को नोटिस देने के बाद उम्मीद जताई कि मेयर अब जल्द इस पर संज्ञान लेकर साधारण सभा की बैठक बुलाई जाएगी.

एक तिहाई से ज्यादा पार्षदों ने मेयर को दिया नोटिस

सरकार की गले की फांस बना निगम को बांटना: उधर, बीजेपी के एक अन्य पार्षद रवि प्रकाश सैनी ने कहा कि राजस्थान सरकार ने जयपुर निगम को दो निगमों में बांटकर जनता को सुविधाएं देने का जो दम भरा था, वो अब सरकार के ही गले की फांस बन गई है. यही वजह है कि जिस जयपुर का नाम यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल है, वहीं आज कचरा प्रबंधन, ठेकेदारों का भुगतान प्रबंधन और लाइट संबंधी व्यवस्था फेल हो चुकी है. जिसे लेकर जनता में भी आक्रोश है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है, इसलिए काम नहीं कर पा रही. यही वजह है कि आज जनता के कामों के लिए नोटिस दिया गया है.

पढ़ें-Protest against Greater Nagar Nigam: अपने ही बोर्ड के खिलाफ हुए कांग्रेस-भाजपा के पार्षद, कार्यालय के बाहर दिया धरना

वहीं कुछ पार्षदों ने हेरिटेज नगर निगम की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए. पार्षद महेंद्र पहाड़िया ने कहा कि उनके वार्ड में अब तक 1 रूपय का काम नहीं किया गया है. वार्ड में सड़क, सीवर और लाइट का कोई काम नहीं किया गया और ना ही सफाई की कोई खास व्यवस्था की गई है. और जब इन्हें काम ही नहीं करना था, तो पार्षद क्यों बने बैठे हैं. इन हालातों पर तो मेयर को इस्तीफा दे देना चाहिए. वहीं पार्षद रेखा राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी ही नहीं कांग्रेस के पार्षद भी मेयर और निगम प्रशासन की कार्यशैली से असंतुष्ट होकर धरने पर बैठे हैं. आलम ये है कि आज हेरिटेज निगम मंत्रियों के अधीन है.

Last Updated : Mar 29, 2022, 9:10 AM IST

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