जयपुर. दो निगम बनने से निगम राजस्व पर पड़ रहे अतिरिक्त भार को कवर करने के लिए निगम का पूरा फोकस अब रेवेन्यू कलेक्शन पर है. इसे लेकर बुधवार को जयपुर हेरिटेज और जयपुर ग्रेटर के राजस्व अधिकारियों को, नवनियुक्त आयुक्त दिनेश यादव और लोक बंधु ने बकायेदारों से उनके बकाया टैक्स वसूलने के लिए निर्देशित किया. वहीं विद्याधर नगर जोन के राजस्व अधिकारी अकबर खान, डीके बम्बानी, हंसा मीणा, सांगानेर जोन के प्रमोद शर्मा, हवामहल पश्चिम जोन के चेतन जैन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
इसी तरह आमेर जोन के राजस्व निरीक्षक राजपाल बुनकर, हवा महल पश्चिम जोन के सहायक राजस्व निरीक्षक अजीत सिंह चंद्रावत, सांगानेर जोन के चंचल तनेजा, मोती डूंगरी जोन के देवेंद्र कुमार सागर, हवामहल पूर्व जोन के जगदीश प्रसाद और सांगानेर जोन के कर निर्धारक गजेंद्र छाबड़ा को भी कारण बताओ नोटिस देते हुए, 3 दिन में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं. इन अधिकारियों द्वारा यूडी टैक्स के बकायेदारों को नोटिस तामील करवाने में लापरवाही बरतने और यूडी टैक्स की कम रसीदें काटने पर नोटिस जारी किया गया है.
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इस संबंध में ग्रेटर नगर निगम आयुक्त दिनेश यादव ने कहा कि निगम के राजस्व में भारी गिरावट आई है. जिससे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में संबंधित अधिकारियों को यूडी टैक्स और दूसरे कर इकट्ठा करने के लिए अवधि दी गई है. वहीं टैक्स भुगतान नहीं करने वालों के खिलाफ अब सीजर की कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी.
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बता दें कि जयपुर के दोनों निगमों में राजस्व की समस्या को हल करने के लिए अब निजी कंपनी के साथ अनुबंध भी किया गया है. ये कंपनी आगामी 2 महीने में शहर के 6 लाख मकान और दुकानों का सर्वे करेगी और उसके बाद निगम के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मिलकर रेवेन्यू कलेक्ट करने का काम करेगी. हालांकि जानकारों की मानें तो निगम प्रशासन प्राइवेट फर्म को जमाने के लिए राजस्व टीम पर दबाव बना रहा है.