जयपुर. देशभर में विद्युतीकृत ट्रेन से जुड़े कार्य केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर) की ओर से किया जा रहा है. रेलवे का पीएसयू राइट्स, आरवीएनएल कर रही है. राइट्स की ओर से जयपुर और सवाई माधोपुर के बीच विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया गया है. लेकिन इसके बावजूद मार्च से पहले इस रूट पर बिजली की ट्रेन का संचालन नहीं हो सकेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले दिनों जयपुर स्टेशन पर यार्ड मॉडलिंग का कार्य किया गया था और सिग्नल सिस्टम भी नया लगाया गया था. जिसके बाद कोर के अधिकारियों का मानना है कि अब दोबारा से ड्रॉइंग बनाई जाएगी और उसके बाद ही फिर से योजना बनाकर मार्च तक विद्युतीकृत ट्रेन चलाई जाएगी.
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उत्तर पश्चिम रेलवे के विद्युतीकरण के चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर हरीश मीणा का कहना है कि रेवाड़ी-फुलेरा-उदयपुर तक का कार्य पूरा हो गया है और वहां पर चेकिंग की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस महीने तक इस रूट का कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही कहा कि फुलेरा-जयपुर-अजमेर बांदीकुई का कार्य पूरा हो चुका है और इन रूटों पर जल्दी ही सीआरएस का इंस्पेक्शन करवाकर यहां पर बिजली की ट्रेनें भी दौड़वा दी जाएंगी.
इन रूटों पर चलेगी विद्युतीकृत ट्रेन
1- जयपुर सवाईमाधोपुर प्रोजेक्ट
- जयपुर से सवाई माधोपुर प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 131 किलोमीटर
- प्रोजेक्ट की कुल लागत 200 करोड़ रुपए
- जयपुर से मुंबई के लिए सवाई माधोपुर में इंजन बदलने की जरूरत होगी खत्म
- अभी सवाईमाधोपुर से आगे इलेक्ट्रिफिकेशन होने के कारण बदलना पड़ता है इंजन
2- फुलेरा जयपुर प्रोजेक्ट
- फुलेरा से जयपुर 55 किलोमीटर का प्रोजेक्ट
- प्रोजेक्ट की कुल लागत बताई जा रही 50 करोड़
- रूट पर कार्य हो गया पूरा, दिसंबर में सीआरएस का होगा निरीक्षण
3- भरतपुर बांदीकुई प्रोजेक्ट
- 97 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 102.96 करोड़
- कार्य पूरा भी हुआ और सीआरएस की मिली मंजूरी
- आगरा कानपुर इलाहाबाद जैसे बड़े स्टेशन जुड़ेंगे विद्युतीकरण मार्ग से
4- जयपुर बांदीकुई प्रोजेक्ट
- जयपुर से बांदीकुई की कुल दूरी 91 किलोमीटर
- प्रोजेक्ट की कुल लागत है 50 करोड़
- रूट पर विद्युतीकरण कार्य दिसंबर तक होगा पूरा