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उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 1620 किलोमीटर रेलवे ट्रेक का हुआ विद्युतीकरण, होंगे कई फायदे

उत्तर पश्चिम रेलवे लाइन पर रेल विद्युतीकरण का काम तेज गति से किया जा रहा है. कार्य के पूर्ण होने पर संपर्क विद्युतीकरण लाइनें आपस में जुड़ जाने के बाद विद्युतीकृत रेलगाड़ियां चलाई जाएगी. इससे उत्तर पश्चिम रेलवे पर यात्रियों को काफी फायदे होंगे.

उत्तर पश्चिम रेलवे, north western railway, रेल विद्युतीकरण
1620 किलोमीटर रेलवे ट्रेक का हुआ विद्युतीकरण
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Published : Feb 18, 2020, 7:07 AM IST

जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे लाइन पर रेल विद्युतीकरण का काम तेज गति से किया जा रहा है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 1620 किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का काम पूरा कर चुका है.

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अभय शर्मा ने बताया कि, उत्तर प्रश्न रेलवे पर संपूर्ण ब्रॉडगेज लाइनों का विद्युतीकरण का काम स्वीकृत किया गया है. जिसमें 1620 किलोमीटर लाइनों के विद्युतीकरण के काम को पूरा कर लिया गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर 2014 के बाद विद्युतीकरण का काम किया गया है. साल 2019-20 में उत्तर पश्चिम रेलवे पर 370 किलोमीटर रेलखंड के विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया गया.

1620 किलोमीटर रेलवे ट्रेक का हुआ विद्युतीकरण
2019-20 में विद्युतीकरण कार्यः-

सूरतगढ़- विरधवाल (27.48 किलोमीटर)

भीनवालिया- रानी- जवाई बांध (61.96 किलोमीटर)

सवाईमाधोपुर- शिवदासपुरा (106.54 किलोमीटर)

कनकपुरा- फुलेरा (48.60 किलोमीटर)

रेवाड़ी- महेंद्रगढ़ (50.09 किलोमीटर)

अलवर -बांदीकुई (62.25 किलोमीटर)

मदार -अजमेर- आदर्श नगर (12.81 किलोमीटर)

पढ़ें. अधिकारी सरकार के नीचे काम करते हैं, इसलिए गलतफहमी में ना रहेंः खाचरियावास

उत्तर पश्चिम रेलवे पर भिवानी- रोहतक रेलखंड पर डीजल ट्रेक्शन से चलने वाली 8 पैसेंजर ट्रेन और रोहतक- हिसार रेलखंड पर डीजल ट्रेक्शन से चलने वाली 2 पैसेंजर ट्रेन का संचालन इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर किया जा रहा है. इसके अलावा अलवर- रेवाड़ी- भिवानी- हिसार- भटिण्डा और रोहतक -भिवानी रेलखंड पर मालगाड़ियों का संचालन भी इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर किया जा रहा है. वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे पर 912 किलोमीटर विद्युतीकरण का काम प्रगति पर है. इसके अलावा 2946 किलोमीटर के विद्युतीकरण का काम स्वीकृत है.

विद्युतीकरण कार्य के पूर्ण होने पर संपर्क विद्युतीकरण लाइनें आपस में जुड़ जाने के बाद विद्युतीकृत रेलगाड़ियां चलाई जाएगी. विद्युतीकरण होने से उत्तर पश्चिम रेलवे पर यात्रियों को काफी फायदे होंगे.

विद्युतीकरण के फायदे-

- ट्रेनों की औसत गति में वृद्धि होगी

- डीजल इंजन के धुएं से होने वाले प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी

- विद्युत इंजनों की लोड क्षमता अधिक होने के कारण अधिक भार वहन

- अधिक ट्रेनों का संचालन संभव

- वर्तमान में इलेक्ट्रिक ट्रेनों का उत्पादन अधिक होने और इनमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग के कारण अधिक सुविधाएं मिलेंगी।

- ईंधन आयात पर निर्भरता में कमी आएगी

- डीजल की अपेक्षा बिजली की लागत कम होने से राजस्व की बचत होगी

- डीजल इंजन से विद्युतीकरण लाइन पर इंजन बदलने वाले समय में कमी आएगी

जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे लाइन पर रेल विद्युतीकरण का काम तेज गति से किया जा रहा है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 1620 किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का काम पूरा कर चुका है.

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अभय शर्मा ने बताया कि, उत्तर प्रश्न रेलवे पर संपूर्ण ब्रॉडगेज लाइनों का विद्युतीकरण का काम स्वीकृत किया गया है. जिसमें 1620 किलोमीटर लाइनों के विद्युतीकरण के काम को पूरा कर लिया गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर 2014 के बाद विद्युतीकरण का काम किया गया है. साल 2019-20 में उत्तर पश्चिम रेलवे पर 370 किलोमीटर रेलखंड के विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया गया.

1620 किलोमीटर रेलवे ट्रेक का हुआ विद्युतीकरण
2019-20 में विद्युतीकरण कार्यः-

सूरतगढ़- विरधवाल (27.48 किलोमीटर)

भीनवालिया- रानी- जवाई बांध (61.96 किलोमीटर)

सवाईमाधोपुर- शिवदासपुरा (106.54 किलोमीटर)

कनकपुरा- फुलेरा (48.60 किलोमीटर)

रेवाड़ी- महेंद्रगढ़ (50.09 किलोमीटर)

अलवर -बांदीकुई (62.25 किलोमीटर)

मदार -अजमेर- आदर्श नगर (12.81 किलोमीटर)

पढ़ें. अधिकारी सरकार के नीचे काम करते हैं, इसलिए गलतफहमी में ना रहेंः खाचरियावास

उत्तर पश्चिम रेलवे पर भिवानी- रोहतक रेलखंड पर डीजल ट्रेक्शन से चलने वाली 8 पैसेंजर ट्रेन और रोहतक- हिसार रेलखंड पर डीजल ट्रेक्शन से चलने वाली 2 पैसेंजर ट्रेन का संचालन इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर किया जा रहा है. इसके अलावा अलवर- रेवाड़ी- भिवानी- हिसार- भटिण्डा और रोहतक -भिवानी रेलखंड पर मालगाड़ियों का संचालन भी इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर किया जा रहा है. वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे पर 912 किलोमीटर विद्युतीकरण का काम प्रगति पर है. इसके अलावा 2946 किलोमीटर के विद्युतीकरण का काम स्वीकृत है.

विद्युतीकरण कार्य के पूर्ण होने पर संपर्क विद्युतीकरण लाइनें आपस में जुड़ जाने के बाद विद्युतीकृत रेलगाड़ियां चलाई जाएगी. विद्युतीकरण होने से उत्तर पश्चिम रेलवे पर यात्रियों को काफी फायदे होंगे.

विद्युतीकरण के फायदे-

- ट्रेनों की औसत गति में वृद्धि होगी

- डीजल इंजन के धुएं से होने वाले प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी

- विद्युत इंजनों की लोड क्षमता अधिक होने के कारण अधिक भार वहन

- अधिक ट्रेनों का संचालन संभव

- वर्तमान में इलेक्ट्रिक ट्रेनों का उत्पादन अधिक होने और इनमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग के कारण अधिक सुविधाएं मिलेंगी।

- ईंधन आयात पर निर्भरता में कमी आएगी

- डीजल की अपेक्षा बिजली की लागत कम होने से राजस्व की बचत होगी

- डीजल इंजन से विद्युतीकरण लाइन पर इंजन बदलने वाले समय में कमी आएगी

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