जयपुर. राजधानी के एक निजी अस्पताल में पहली बार रोबोटिक एंजियोप्लास्टी की गई है. चिकित्सकों ने दावा किया है कि उत्तर भारत (North India first robotic angioplasty in Jaipur) में पहली बार जयपुर में रोबोट के माध्यम से ऑपरेशन किया गया है. इस मौके पर अस्पताल की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहां पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (west bengal governor jagdeep dhankhad) भी पहुंचे.
कार्यक्रम के दौरान रोबोटिक एंजियोप्लास्टी के बारे में बताया गया और विडियो के माध्यम से अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रविंद्र सिंह राव ने ओटी से लाइव रोबोटिक एंजियोप्लास्टी करके भी दिखाई. डॉ. राव ने बताया कि दिल की बीमारियों से जुड़े मरीजों की इस तकनीक के सहारे रोबोटिक एंजियोप्लास्टी की जा रही है. रोबोटिक प्रक्रिया से मरीज को इंफेक्शन और रेडियशन का खतरा नही होता. इसके अलावा हार्ट में ब्लॉकेज को भी आसानी से हटाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस तकनीक के माध्यम से स्टंट को सटीक उसी जगह लगाया जा सकता है, जहां पर हार्ट को रक्त पहुंचाने वाली धमनी ब्लॉक होती है.
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अस्पताल के प्रेसिडेंट डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि रोबोटिक टेक्नोलॉजी से एंजियोप्लास्टी कर स्टंट लगाया जाता है. रोबोटिक तकनीक की मदद से न सिर्फ मरीज ज्यादा सुरक्षित रहेंगे, बल्कि सर्जरी के दौरान मरीजों के साथ डॉक्टर और कैथ लैब में काम कर रहे स्टाफ भी रेडिएशन के संपर्क में कम आएंगे. कार्यक्रम में अस्पताल के चेयरमैन डॉ. एसएस अग्रवाल, डॉ. सर्वेश अग्रवाल, सीईओ विजय सारस्वत, आरयूएचएस के कुलपति और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी भी मौजूद रहे.