जयपुर. कोरोना महामारी के दौरान मरीजों को बेहतर और सुलभ उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निजी चिकित्सालयों और विभाग के बीच तालमेल के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव सिद्धार्थ महाजन ने नोडल अधिकारियों की नियुक्ति के सबंध में आदेश जारी किए.
उन्होंने बताया कि नोडल अधिकारी 60 और उससे अधिक बेड वाले निजी चिकित्सालयों में कोरोना मरीजों के लिए 25 प्रतिशत बेड हो इसे सुनिश्चित करेंगे. नोडल अधिकारी निजी चिकित्सालयों में हो रहे वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने के सबंध में भी प्रयास करेंगे. साथ ही चिकित्सालयों में आने वाले कोविड संक्रमित मरीजों के साथ मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 181 के जरिए आने वाले मरीजों को भी तत्काल बेड उपलब्ध कराने का कार्य करेंगे.
महाजन ने बताया कि जयपुर जिले में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है. उन्होंने बताया अन्य जिलों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति जिला कलेक्टर की ओर से की जाएगी. नोडल अधिकारी के सहयोग के लिए जिला कलेक्टर एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी या उससे उच्च अधिकारी को सहायक नोडल अधिकारी के तौर पर भी नियुक्त करेंगे.
उन्होंने बताया कि निजी चिकित्सालयों की ओर से राज्य सरकार द्वारा तय दर पर कोरोना मरीजों का इलाज सुनिश्चत करना भी नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी है. सचिव ने बताया कि निजी चिकित्सालय यदि तय कोविड इलाज की दर से अधिक की राशि मरीज से वसूलते हैं तो इसकी शिकायत की जा सकती है. इन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक कमेटी गठित की गई है.
इस कमेटी में जिला कलेक्टर की ओर से नामित अतिरिक्त जिला कलेक्टर, सीएमएचओ, वरिष्ठ चिकित्सक मेडिसन, वरिष्ठ चिकित्सक निश्चेतन सम्मलित है. कमेटी की ओर से सात दिन के भीतर प्रकरण का निपटारा किया जाएगा.