जयपुर. पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन किया हुआ है. यह लॉकडाउन 14 अप्रैल तक चलेगा. इस दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी कामकाज ठप पड़े हैं. इन आवश्यक सेवाओं में किराने और दवाइयों की दुकान शामिल है. खाद्य सामग्रियों से संबंधित काम के अलावा सभी कामकाज ठप पड़े हैं.
इनके कारण मजदूर वर्ग भी काम पर नहीं जा पा रहा, जिससे मजदूर वर्ग की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है. कई जगह पर मालिकों ने मजदूरों को काम से भी निकाल दिया है. जिसके कारण वह अपने गांव की ओर पलायन करने पर मजबूर हैं. मकान मालिक भी इन श्रमिकों से किराए की मांग रहे हैं. किराया नहीं देने पर इन मजदूरों को घर से निकाला भी जा रहा था और इससे संबंधित कई शिकायतें भी जयपुर जिला कलेक्टर के पास पहुंची थी.
इसे देखते हुए जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने निर्देश दिए हैं कि कोई भी नियोक्ता लॉकडाउन की अवधि के दौरान श्रमिक को अपने काम से नहीं निकालेगा. साथ ही उन श्रमिकों को लॉकडाउन की अवधि का पूरा भुगतान किया जाएगा. चाहे उसने काम किया हो या नहीं किया हो.
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जिला कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए हैं कि कोई भी मकान मालिक लॉकडाउन की अवधि में कार्मिक को मकान खाली करने के लिए नहीं कहेगा. इसके लिए ज्वाइंट लेबर कमिश्नर, पुलिस तथा उद्योग विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दे दिए गए हैं. कलेक्टर जोगाराम ने कहा कि इस तरह की कई शिकायतें जिला प्रशासन के पास पहुंची थी और उन शिकायतों का निस्तारण भी कर दिया गया है.