जयपुर. 5 जून को पूरे देश भर में पर्यावरण दिवस (environment Day) मनाया जाता है. इसके संरक्षण को लेकर आमजनता को जागरूक करने के लिए सरकारी स्तर पर कई तरह के अभियान चलाए जाते हैं. इन अभियानों से आमजनता को पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने की सीख दी जाती है, लेकिन खुद सरकारी नुमाइंदे ही सरकारी सीख पर अमल नहीं कर रहे हैं.
राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Transport Minister) ने एक मुहिम शुरू की थी. इस मुहिम के जरिए परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को सप्ताह के पहले दिन अपने कार्यालय सार्वजनिक परिवहन या साइकिल के जरिए पहुंचने की बात की गई थी. अफसोस मंत्री की मुहिम हवा हवाई ही साबित हो रही है और विभाग में यह मुहिम चर्चा का विषय बन कर ही रह गई है.
परिवहन विभाग में परिवहन मंत्री ने नो व्हीकल डे मनाने के निर्देश दिए थे. शुरुआती दौर में विभाग के मुखिया से लेकर सभी कर्मचारी और अधिकारी सार्वजनिक परिवहन या साइकिल से अपने दफ्तर पहुंच रहे थे. लेकिन बीते कुछ महीनों को देखा जाए तो विभाग के मुखिया की इस पहल को सभी अधिकारी और कर्मचारी भुला बैठे हैं. इस मुहिम के अंदर परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सार्वजनिक वाहन या साइकिल से कार्यालय पहुंचते थे. अब सब इस मुहिम को भुला बैठे हैं. मंत्री के विभाग में नो व्हीकल डे करने का मुख्य उद्देश्य था कि प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण, वाहन प्रदूषण को कम करने और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए नो व्हीकल डे सप्ताह के पहले दिन मनाया जाए.
नो व्हीकल डे में परिवहन में कार्यरत असाध्य रोगों से पीड़ित दिव्यांगों को छूट दी गई थी. मुहिम के शुरू होने पर शुरुआती दौर में सभी लोगों ने इसमें समर्थन किया था. अब लोग इससे दूर होते जा रहे हैं. नो विकल डे मुहिम का उद्देश्य से प्रदेश में वायु प्रदूषण कम होगा, सड़क सुरक्षा का इजाफा होगा, पर्यावरण संरक्षित होगा, सभी लोगों को एकदम सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करना चाहिए, या फिर प्रदूषण रहित वाहन जैसे इलेक्ट्रिक साइकिल, वाहन का उपयोग करना चाहिए. जिससे शहर में जाम की स्थिति भी नहीं होंगी और आसानी से अपने कार्यालय और अपनी जगह पर समय से पहुंच सकेंगे.