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परिवहन मंत्री के दावे 'हवा-हवाई'...RTO ऑफिस में फिटनेस सेंटर को लेकर नहीं हुई कवायद शुरू

राजधानी सहित प्रदेश भर के आरटीओ ऑफिस में फिटनेस सेंटरों के दावे लगातार फेल होते नजर आ रहे हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि परिवहन विभाग की ओर से फिटनेस सेंटरों को निजी हाथों में सौंपने का विरोध लगातार जारी है. वहीं, इसी बीच परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की ओर से भी कई बार मीडिया में बयान दिया गया है, लेकिन अब परिवहन मंत्री के दावे हवा होते नजर आ रहे हैं.

Transport Department Rajasthan, rajasthan news
परिवहन मंत्री के "दावे हवा-हवाई"
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Published : Aug 7, 2020, 4:09 PM IST

जयपुर. परिवहन विभाग की ओर से फिटनेस सेंटरों को निजी हाथों में सौंपने का विरोध लगातार जारी है. इसी बीच परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की ओर से भी कई बार मीडिया में बयान दिया गया है कि प्रदेश के सभी आरटीओ ऑफिस में दोबारा से फिटनेस सेंटरों को सुचारू रूप से चालू किया जाएगा. लेकिन अब परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं.

परिवहन मंत्री के दावे 'हवा-हवाई'

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जहां बीते दिनों सभी ट्रांसपोर्टर्स के साथ परिवहन मुख्यालय में मीटिंग की थी. उसमें भी फिटनेस सेंटरों को दोबारा से आरटीओ ऑफिस में चालू करने का वादा किया गया था. लेकिन प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच अब मंत्री ही अपने वादे भूलते नजर आ रहे हैं. वहीं अभी तक एक भी आरटीओ ऑफिस में दोबारा से सरकारी फिटनेस सेंटरों को चालू नहीं किया गया है.

वहीं, दूसरी ओर फिटनेस सेंटर को चालू करना तो दूर उनको लेकर अभी तक कोई तैयारी भी नहीं की गई है. ऐसे में अब परिवहन मंत्री के दावे हवा होते नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही दूसरी और प्रदेश में प्राइवेट फिटनेस सेंटर वाले सभी लोग इसका जमकर फायदा भी उठा रहे हैं और अपनी मनमानी भी कर रहे हैं.

पढ़ें- CBI ऑफिस में कोरोना की दस्तक, दो कर्मचारी निकले पॉजिटिव

बता दें कि जयपुर में वाहन मालिकों को फिटनेस कराने के लिए जयपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. ऐसे में ट्रांसपोर्टर्स में भी अब विरोध उत्पन्न हो रहा है और ट्रांसपोर्टर्स के द्वारा लगातार इसका विरोध भी किया जा रहा है. वहीं, ट्रांसपोर्टर्स की ओर से कई बार परिवहन मंत्री से पटना सेंटरों को लेकर विरोध भी किया गया है और मांग भी की गई है कि वह जल्द से जल्द दोबारा से आरटीओ ऑफिस में ही फिटनेस को दोबारा से शुरू कराएं.

इसके साथ ही निजी फिटनेस सेंटरों में नियमों की पालना भी नहीं हो रही है. ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर कब दोबारा से आरटीओ कार्यालय में फिटनेस सेंटर शुरू होंगे. क्योंकि अभी निजी फिटनेस सेंटरों पर रोजाना 20 से 30 गाड़ियों की फिटनेस हो पा रही है. जबकि आंकड़ों को देखा जाए तो सरकारी फिटनेस सेंटरों में रोजाना सैकड़ों वाहनों की फिटनेस हो पाती थी.

ऐसे में आमजन को भी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन विभाग की ओर से अभी तक फिटनेस सेंटर को लेकर कोई कवायद नहीं की गई है. जिसके चलते निजी फिटनेस सेंटर के मालिक इसका जमकर फायदा भी उठा रहे हैं.

जयपुर. परिवहन विभाग की ओर से फिटनेस सेंटरों को निजी हाथों में सौंपने का विरोध लगातार जारी है. इसी बीच परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की ओर से भी कई बार मीडिया में बयान दिया गया है कि प्रदेश के सभी आरटीओ ऑफिस में दोबारा से फिटनेस सेंटरों को सुचारू रूप से चालू किया जाएगा. लेकिन अब परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं.

परिवहन मंत्री के दावे 'हवा-हवाई'

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जहां बीते दिनों सभी ट्रांसपोर्टर्स के साथ परिवहन मुख्यालय में मीटिंग की थी. उसमें भी फिटनेस सेंटरों को दोबारा से आरटीओ ऑफिस में चालू करने का वादा किया गया था. लेकिन प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच अब मंत्री ही अपने वादे भूलते नजर आ रहे हैं. वहीं अभी तक एक भी आरटीओ ऑफिस में दोबारा से सरकारी फिटनेस सेंटरों को चालू नहीं किया गया है.

वहीं, दूसरी ओर फिटनेस सेंटर को चालू करना तो दूर उनको लेकर अभी तक कोई तैयारी भी नहीं की गई है. ऐसे में अब परिवहन मंत्री के दावे हवा होते नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही दूसरी और प्रदेश में प्राइवेट फिटनेस सेंटर वाले सभी लोग इसका जमकर फायदा भी उठा रहे हैं और अपनी मनमानी भी कर रहे हैं.

पढ़ें- CBI ऑफिस में कोरोना की दस्तक, दो कर्मचारी निकले पॉजिटिव

बता दें कि जयपुर में वाहन मालिकों को फिटनेस कराने के लिए जयपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. ऐसे में ट्रांसपोर्टर्स में भी अब विरोध उत्पन्न हो रहा है और ट्रांसपोर्टर्स के द्वारा लगातार इसका विरोध भी किया जा रहा है. वहीं, ट्रांसपोर्टर्स की ओर से कई बार परिवहन मंत्री से पटना सेंटरों को लेकर विरोध भी किया गया है और मांग भी की गई है कि वह जल्द से जल्द दोबारा से आरटीओ ऑफिस में ही फिटनेस को दोबारा से शुरू कराएं.

इसके साथ ही निजी फिटनेस सेंटरों में नियमों की पालना भी नहीं हो रही है. ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर कब दोबारा से आरटीओ कार्यालय में फिटनेस सेंटर शुरू होंगे. क्योंकि अभी निजी फिटनेस सेंटरों पर रोजाना 20 से 30 गाड़ियों की फिटनेस हो पा रही है. जबकि आंकड़ों को देखा जाए तो सरकारी फिटनेस सेंटरों में रोजाना सैकड़ों वाहनों की फिटनेस हो पाती थी.

ऐसे में आमजन को भी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन विभाग की ओर से अभी तक फिटनेस सेंटर को लेकर कोई कवायद नहीं की गई है. जिसके चलते निजी फिटनेस सेंटर के मालिक इसका जमकर फायदा भी उठा रहे हैं.

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