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ICU, वेंटिलेटर्स और ऑक्सीजन बेड बढ़ाने में कोई कमी नहीं रखें, जरूरत पड़े तो अन्य जिलों में भी लग सकती धारा 144: CM गहलोत

प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति के मद्देनजर सूबे के मुखिया अशोक गहलोत ने ऑक्सीजन युक्त, आईसीयू और वेंटिलेटर्स युक्त बेड की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संसाधनों का बेहतर प्रबंधन कर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने में कोई कमी नहीं रखेगी.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिए दिशा-निर्देश
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Published : Sep 22, 2020, 7:25 AM IST

जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति के मद्देनजर सूबे के मुखिया अशोक गहलोत ने ऑक्सीजन युक्त, आईसीयू और वेंटिलेटर्स युक्त बेड की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संसाधनों का बेहतर प्रबंधन कर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने में कोई कमी नहीं रखेगी.

सीएम अशोक गहलोत सोमवार रात मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति और उसकी रोकथाम की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने निर्देश दिए कि कोविड संक्रमण को देखते हुए इन बेड्स की संख्या में आवश्यकता के अनुरूप पर्याप्त संख्या में वृद्धि की जाए.

  • प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति के मद्देनजर ऑक्सीजन युक्त, आईसीयू एवं वेंटिलेटर्स युक्त बैड की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार संसाधनों का बेहतर प्रबंधन कर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने में कोई कमी नहीं रखेगी। #Rajasthan pic.twitter.com/uh5oG8mviI

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 21, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री ने कहा कि जोधपुर, कोटा, बीकानेर, उदयपुर और अजमेर संभागीय मुख्यालयों पर पूरे संभाग से लोग उपचार के लिए आते हैं. ऐसे में वहां चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही जयपुर में प्राथमिकता से ऑक्सीजन, आईसीयू और वेंटिलेटर्स के एक हजार बेड्स अतिरिक्त बढ़ाए जाएं.

मृत्यु दर को नियंत्रित और रिकवरी रेट को बेहतर रखने में कामयाब

बैठक में चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोरा ने बताया कि लगातार प्रयासों के चलते मृत्यु दर को नियंत्रित करने में हम कामयाब रहे हैं. प्रदेश में सितम्बर माह में अब तक मृत्यु दर 0.9 प्रतिशत से भी कम रही है. अगस्त माह में भी यह 1 प्रतिशत से कम थी. वर्तमान में राजस्थान में कोरोना से औसत मृत्यु दर 1.16 प्रतिशत है, जो कि न सिर्फ राष्ट्रीय औसत बल्कि दिल्ली, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों से कम है.

  • इस दौरान प्रदेश के 11 जिला मुख्यालयों पर लगाई गई धारा 144 के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की। निर्देश दिए कि इसकी सख्ती से अनुपालना हो। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जरूरत पड़ने पर अन्य जिलों में भी सरकार ऐसा कदम उठाने से नहीं हिचकेगी।

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 21, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इसी प्रकार, रिकवरी दर 83 प्रतिशत है, जो कि राष्ट्रीय औसत के साथ-साथ कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से बेहतर है.

गहलोत ने इस दौरान प्रदेश के 11 जिला मुख्यालयों पर लगाई गई धारा 144 के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिए कि इसकी सख्ती से अनुपालना हो. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जरूरत पड़ने पर अन्य जिलों में भी सरकार ऎसा कदम उठाने से नहीं हिचकेगी.मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह को निर्देश दिए कि धारा 144 की पालना के लिए पुलिस स्थान विशेष को चिन्हित करके फ्लेग मार्च निकाले.

पढ़ेंः जयपुर: निजी शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री से ज्ञापन सौंपकर की लॉकडाउन के समय का वेतन दिलाने की मांग

बैठक में बताया गया कि कोविड-19 से संक्रमित जिन रोगियों को बेड्स की आवश्यकता है. उनकी तत्काल मदद करने के लिए ‘मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181‘ प्रारम्भ कर दी गई है. गहलोत ने इस व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने के साथ ही हैल्पलाइन पर होम आइसोलेशन और एसिम्प्टोमेटिक रोगियों को चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए. अरोरा ने बताया कि पहले दिन 17 रोगियों ने ‘मुख्यमंत्री हेल्पलाइन‘ पर सम्पर्क कर मदद चाही, जिनको वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल सहायता उपलब्ध कराई.

जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति के मद्देनजर सूबे के मुखिया अशोक गहलोत ने ऑक्सीजन युक्त, आईसीयू और वेंटिलेटर्स युक्त बेड की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संसाधनों का बेहतर प्रबंधन कर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने में कोई कमी नहीं रखेगी.

सीएम अशोक गहलोत सोमवार रात मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति और उसकी रोकथाम की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने निर्देश दिए कि कोविड संक्रमण को देखते हुए इन बेड्स की संख्या में आवश्यकता के अनुरूप पर्याप्त संख्या में वृद्धि की जाए.

  • प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति के मद्देनजर ऑक्सीजन युक्त, आईसीयू एवं वेंटिलेटर्स युक्त बैड की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार संसाधनों का बेहतर प्रबंधन कर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने में कोई कमी नहीं रखेगी। #Rajasthan pic.twitter.com/uh5oG8mviI

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जोधपुर, कोटा, बीकानेर, उदयपुर और अजमेर संभागीय मुख्यालयों पर पूरे संभाग से लोग उपचार के लिए आते हैं. ऐसे में वहां चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही जयपुर में प्राथमिकता से ऑक्सीजन, आईसीयू और वेंटिलेटर्स के एक हजार बेड्स अतिरिक्त बढ़ाए जाएं.

मृत्यु दर को नियंत्रित और रिकवरी रेट को बेहतर रखने में कामयाब

बैठक में चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोरा ने बताया कि लगातार प्रयासों के चलते मृत्यु दर को नियंत्रित करने में हम कामयाब रहे हैं. प्रदेश में सितम्बर माह में अब तक मृत्यु दर 0.9 प्रतिशत से भी कम रही है. अगस्त माह में भी यह 1 प्रतिशत से कम थी. वर्तमान में राजस्थान में कोरोना से औसत मृत्यु दर 1.16 प्रतिशत है, जो कि न सिर्फ राष्ट्रीय औसत बल्कि दिल्ली, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों से कम है.

  • इस दौरान प्रदेश के 11 जिला मुख्यालयों पर लगाई गई धारा 144 के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की। निर्देश दिए कि इसकी सख्ती से अनुपालना हो। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जरूरत पड़ने पर अन्य जिलों में भी सरकार ऐसा कदम उठाने से नहीं हिचकेगी।

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इसी प्रकार, रिकवरी दर 83 प्रतिशत है, जो कि राष्ट्रीय औसत के साथ-साथ कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से बेहतर है.

गहलोत ने इस दौरान प्रदेश के 11 जिला मुख्यालयों पर लगाई गई धारा 144 के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिए कि इसकी सख्ती से अनुपालना हो. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जरूरत पड़ने पर अन्य जिलों में भी सरकार ऎसा कदम उठाने से नहीं हिचकेगी.मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह को निर्देश दिए कि धारा 144 की पालना के लिए पुलिस स्थान विशेष को चिन्हित करके फ्लेग मार्च निकाले.

पढ़ेंः जयपुर: निजी शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री से ज्ञापन सौंपकर की लॉकडाउन के समय का वेतन दिलाने की मांग

बैठक में बताया गया कि कोविड-19 से संक्रमित जिन रोगियों को बेड्स की आवश्यकता है. उनकी तत्काल मदद करने के लिए ‘मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181‘ प्रारम्भ कर दी गई है. गहलोत ने इस व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने के साथ ही हैल्पलाइन पर होम आइसोलेशन और एसिम्प्टोमेटिक रोगियों को चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए. अरोरा ने बताया कि पहले दिन 17 रोगियों ने ‘मुख्यमंत्री हेल्पलाइन‘ पर सम्पर्क कर मदद चाही, जिनको वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल सहायता उपलब्ध कराई.

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