जयपुर. 'नो बैग डे' शिक्षा विभाग की ये पहल स्कूली छात्रों को खेल-खेल में राजस्थान से लेकर विज्ञान तक कोई जानने का मौका देगी. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब हर शनिवार खेलकूद की गतिविधियों से लेकर कई तरह की प्रतियोगिताएं और उत्सव मनाएं जाएंगे. प्रदेश की गहलोत सरकार ने इस सत्र से 'नो बैग डे' बनाने की योजना लागू की (No bag day in schools) है.
राजस्थान में हर शनिवार छात्रों को बस्ते के बिना स्कूल जाना होगा. उस दिन ना कोई पहली कक्षा में होगा ना कोई 12वीं कक्षा में. शिक्षा विभाग के कैलेंडर में हर शनिवार छात्रों को मनोरंजक तरीके से सीखने-सिखाने के लिए क्लासेस को 5 समूह में बांटा गया है. पहली-दूसरी के छात्रों के समूह को अंकुर नाम दिया गया है. तीसरी से पांचवी तक के समूह को प्रवेश, छठी से 8वीं तक के समूह को दिशा, 9वीं और 10वीं का समूह क्षितिज और 11वीं- 12वीं के विद्यार्थियों का समूह उन्नति के नाम से जाना जाएगा.
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वहीं शिक्षा विभाग ने हर शनिवार अलग-अलग गतिविधियां निर्धारित की (Activities in No Bag Day in schools) हैं. महीने के पहले शनिवार को छात्रों को राजस्थान से परिचय कराने के लिए 'राजस्थान को पहचानो' कार्यक्रम होगा, जिसमें समूह के स्तर के अनुसार उन्हें राजस्थान के इतिहास, संस्कृति और भूगोल से पहचान कराते हुए क्विज प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे. चूंकि देश-विदेश में सैकड़ों भाषा और बोलियां प्रचलित हैं. ऐसे में छात्र को उनके समूह के हिसाब से दूसरे शनिवार 'भाषा कौशल विकास' कार्यक्रम के जरिए लैंग्वेज स्किल्स में निखार लाया जाएगा. तीसरे शनिवार को 'खेलेगा राजस्थान तो बढ़ेगा राजस्थान' की थीम पर विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी. जिसमें सतोलिया, कबड्डी, कुश्ती जैसे स्थानीय और पारंपरिक खेलों को सिखाते हुए उनकी प्रतियोगिताएं भी होंगी.
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वहीं सप्ताह के चौथे शनिवार को 'मैं वैज्ञानिक बनूंगा' की थीम पर विज्ञान से जुड़ी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया (Themes for No Bag day) जाएगा. जिसमें देश के महान वैज्ञानिकों की दास्तां बयां करने के साथ-साथ वैज्ञानिकों के आविष्कारों को लेकर क्विज कंपटीशन भी आयोजित होंगे. जबकि पांचवें शनिवार को 'बाल सभा-मेरे अपनों के साथ' प्रोग्राम के जरिए छात्रों के अभिभावकों को भी स्कूल से जोड़ा जाएगा. छात्र और उनके परिजनों की संयुक्त प्रतियोगिता और पेरेंट टीचर मीटिंग जैसे प्रोग्राम ऑर्गेनाइज किए जाएंगे. साथ ही छात्रों को परिवार और परिजनों के साथ कैसा व्यवहार रखें, उनके साथ क्वालिटी टाइम कैसे बिताया जा सके इसका पाठ भी पढ़ाया जाएगा.
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इसके अलावा शनिवार ही वह दिन होगा जब संबंधित सप्ताह में आने वाले उत्सव और जयंतियां मनाई जाएंगी. सोमवार से रविवार तक आने वाले उत्सव और जयंती उस दिन नहीं मनाकर केवल शनिवार को ही मनाई जाएगी ताकि शैक्षणिक सत्र बाधित ना हो.