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No bag day : भाषा कौशल विकास कार्यक्रम से दूसरी भाषाओं के प्रति छात्रों में बढ़ रही रुचि

राजस्थान में शनिवार को स्कूल छात्रों के बैग का बोझ कम करने के लिए नो बैग डे मनाया (No Bag Day in Rajasthan) जा रहा है. जिसके तहत बच्चों को पहली से 12वीं तक के बच्चों की पढ़ाई नहीं होगी. नो बैग पर भाषा कौशल विकास कार्यक्रम के तहत लैंग्वेज स्किल इंप्रूव से जुड़ी गतिविधियां कराई जाएंगी.

No Bag Day in Rajasthan
स्कूली छात्रों का आज नो बैग डे
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Published : Oct 8, 2022, 7:43 AM IST

जयपुर. स्कूली छात्रों के बैग का बोझ कम करने और उनके शारीरिक-बौद्धिक विकास के लिए शनिवार को नो बैग डे मनाया जा रहा है. हर शनिवार को अलग-अलग शैक्षणिक गतिविधियां कराए जाने के निर्देशों के क्रम में आज नो बैग डे पर भाषा कौशल विकास कार्यक्रम के तहत लैंग्वेज स्किल इंप्रूव से जुड़ी गतिविधियां कराई जाएंगी.

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे लाखों बच्चों के लिए राज्य सरकार ने पहल करते हुए शनिवार को 'नो बैग डे' का फैसला लिया. जिसके तहत शनिवार को सरकारी स्कूलों में बैग नहीं ले जाने और उस दिन कोई अध्यापन कार्य नहीं किए जाने के आदेश हैं. साथ ही इस दिन अलग-अलग थीम पर गतिविधियां कराने के निर्देश हैं.

  • माह के पहले शनिवार राजस्थान को पहचानो
  • दूसरा शनिवार भाषा कौशल विकास
  • तीसरा शनिवार खेलेगा राजस्थान-बढ़ेगा राजस्थान
  • चौथा शनिवार मैं वैज्ञानिक बनूंगा
  • पांचवा शनिवार बालसभा मेरे अपनों के साथ.

पढ़ें: No Bag day in Schools : खेल-खेल में जानेंगे राजस्थान और विज्ञान, जानिए 'नो बैग डे' कंसेप्ट

यानी स्कूली छात्रों को खेल-खेल में राजस्थान से लेकर विज्ञान तक हर जानकारी को जानने का मौका दिया जा रहा है. चूंकि देश विदेश में सैकड़ों भाषाएं और बोलियां प्रचलित हैं. ऐसे में छात्र को उनके समूह के हिसाब से दूसरे शनिवार 'भाषा कौशल विकास' कार्यक्रम के जरिए लैंग्वेज स्किल्स में निखार लाने का कार्यक्रम निर्धारित है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो इससे विद्यार्थियों का मानसिक विकास होगा. साथ ही सह शैक्षणिक गतिविधियों के प्रति विद्यार्थियों की रुचि भी बढ़ रही है. इसके अलावा कुछ विद्यालयों में शनिवार को ही गांधी सप्ताह के उपलक्ष्य में संगोष्ठी और सामाजिक चेतना कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. वहीं कुछ स्कूल में वायु सेना दिवस भी मनाया जाएगा.

बता दें कि राजस्थान में हर शनिवार छात्रों को बस्ते के बिना स्कूल जाना होता है. उस दिन न कोई पहली कक्षा में होता है न कोई 12वीं कक्षा में. शिक्षा विभाग के कैलेंडर में हर शनिवार छात्रों को मनोरंजक तरीके से सीखने-सिखाने के लिए क्लासेस को 5 समूह में बांटा गया है. पहली-दूसरी के छात्रों के समूह को अंकुर नाम दिया गया है. तीसरी से पांचवी तक के समूह को प्रवेश, छठी से 8वीं तक के समूह को दिशा, 9वीं और 10वीं का समूह क्षितिज और 11वीं- 12वीं के विद्यार्थियों का समूह उन्नति के नाम से जाना जाता है.

जयपुर. स्कूली छात्रों के बैग का बोझ कम करने और उनके शारीरिक-बौद्धिक विकास के लिए शनिवार को नो बैग डे मनाया जा रहा है. हर शनिवार को अलग-अलग शैक्षणिक गतिविधियां कराए जाने के निर्देशों के क्रम में आज नो बैग डे पर भाषा कौशल विकास कार्यक्रम के तहत लैंग्वेज स्किल इंप्रूव से जुड़ी गतिविधियां कराई जाएंगी.

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे लाखों बच्चों के लिए राज्य सरकार ने पहल करते हुए शनिवार को 'नो बैग डे' का फैसला लिया. जिसके तहत शनिवार को सरकारी स्कूलों में बैग नहीं ले जाने और उस दिन कोई अध्यापन कार्य नहीं किए जाने के आदेश हैं. साथ ही इस दिन अलग-अलग थीम पर गतिविधियां कराने के निर्देश हैं.

  • माह के पहले शनिवार राजस्थान को पहचानो
  • दूसरा शनिवार भाषा कौशल विकास
  • तीसरा शनिवार खेलेगा राजस्थान-बढ़ेगा राजस्थान
  • चौथा शनिवार मैं वैज्ञानिक बनूंगा
  • पांचवा शनिवार बालसभा मेरे अपनों के साथ.

पढ़ें: No Bag day in Schools : खेल-खेल में जानेंगे राजस्थान और विज्ञान, जानिए 'नो बैग डे' कंसेप्ट

यानी स्कूली छात्रों को खेल-खेल में राजस्थान से लेकर विज्ञान तक हर जानकारी को जानने का मौका दिया जा रहा है. चूंकि देश विदेश में सैकड़ों भाषाएं और बोलियां प्रचलित हैं. ऐसे में छात्र को उनके समूह के हिसाब से दूसरे शनिवार 'भाषा कौशल विकास' कार्यक्रम के जरिए लैंग्वेज स्किल्स में निखार लाने का कार्यक्रम निर्धारित है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो इससे विद्यार्थियों का मानसिक विकास होगा. साथ ही सह शैक्षणिक गतिविधियों के प्रति विद्यार्थियों की रुचि भी बढ़ रही है. इसके अलावा कुछ विद्यालयों में शनिवार को ही गांधी सप्ताह के उपलक्ष्य में संगोष्ठी और सामाजिक चेतना कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. वहीं कुछ स्कूल में वायु सेना दिवस भी मनाया जाएगा.

बता दें कि राजस्थान में हर शनिवार छात्रों को बस्ते के बिना स्कूल जाना होता है. उस दिन न कोई पहली कक्षा में होता है न कोई 12वीं कक्षा में. शिक्षा विभाग के कैलेंडर में हर शनिवार छात्रों को मनोरंजक तरीके से सीखने-सिखाने के लिए क्लासेस को 5 समूह में बांटा गया है. पहली-दूसरी के छात्रों के समूह को अंकुर नाम दिया गया है. तीसरी से पांचवी तक के समूह को प्रवेश, छठी से 8वीं तक के समूह को दिशा, 9वीं और 10वीं का समूह क्षितिज और 11वीं- 12वीं के विद्यार्थियों का समूह उन्नति के नाम से जाना जाता है.

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