जयपुर. प्राइवेट स्कूलों के राष्ट्रीय संगठन NISA (National Independent Schools Alliance) की ओर से प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को एक लीगल नोटिस भेजा गया है. इस लीगल नोटिस में शिक्षा मंत्री की ओर से निजी स्कूल संचालकों के लिए बोले गए 'धंधा' शब्द को लेकर आपत्ति जताई गई है. मंत्री के 15 दिन में माफी नहीं मांगने पर NISA की ओर से 10 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा किया जाएगा.
प्रदेश में फीस भुगतान की मांग को लेकर निजी स्कूल संचालक फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं और शहीद स्मारक पर पिछले 10 नवंबर से धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन कर रहे हैं. इस धरना प्रदर्शन में 2 महिला स्कूल संचालक आमरण अनशन पर बैठी हुई है. हालांकि दोनों ही महिलाओं की एक-एक बार तबीयत भी खराब हो चुकी है और उन्हें अस्पताल में भर्ती भी कराया गया, लेकिन दोनों ही महिलाएं सेहत में सुधार होने के बाद वापस लौट आई है.
NISA ने निजी स्कूल संचालकों को दिया समर्थन
नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस (NISA) ने प्रदेश के निजी स्कूल संचालकों के आंदोलन को समर्थन दिया है. कुछ दिनों पहले शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने निजी स्कूल संचालकों के लिए 'धंधा' का उपयोग किया था. इस शब्द को लेकर निजी स्कूल संचालकों में आक्रोश व्याप्त है. मंगलवार को फोरम के सभी जिलों के प्रतिनिधि जयपुर आए थे और शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की थी.
NISA ने डोटासरा को भेजा लीगल नोटिस
अब राष्ट्रीय संगठन नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस (NISA) की ओर से शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को एक लीगल नोटिस भेजा गया है. इस लीगल नोटिस में उनके ओर से 'धंधा' शब्द को लेकर आपत्ति जताई गई है. उन्होंने कहा है कि लीगल नोटिस मिलने के 15 दिन में अपना जवाब पेश करें. यदि 15 दिन में उनका जवाब नहीं आता है तो मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के खिलाफ 10 करोड़ रुपए के मानहानि का दावा किया जाएगा.
मानहानि का किया जाएगा दावा
NISA के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माण करता है और शिक्षक दिवस पर उन्हें सम्मानित किया जाता है. इसके बावजूद उनके लिए इस तरह के शब्द का उपयोग करना मंत्री को शोभा नहीं देता है. उन्होंने कहा कि यदि मंत्री 15 दिन में माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ मानहानि का दावा किया जाएगा. उनके घर और कार्यालय के पते पर नोटिस भेज दिया गया है. सभी राष्ट्रीय संगठन प्रदेश के निजी स्कूल संचालकों के साथ हैं.
निजी स्कूलों में भी प्रवेश और टीसी का काम ऑनलाइन
प्रदेश के निजी स्कूलों में अब विद्यार्थियों की जानकारी ऑनलाइन देनी होगी. स्कूल शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर बच्चों की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है. बच्चों के प्रवेश से लेकर टीसी कटवाने तक के सारे काम ऑनलाइन करने होंगे. बता दें, अभी यह नियम सरकारी स्कूलों के लिए था.
निजी स्कूलों की ओर से पूरी जानकारी अपडेट करने पर स्कूल छोड़ने वाले और स्कूल में प्रवेश करने वाले बच्चों की जानकारी सरकार को आसानी से मिल सकेगी. साथ ही जो स्टूडेंट प्रवेश नहीं लेगा उसकी भी जानकारी आसानी से उपलब्ध हो जाएगी.