चन्दौली: आईएसआई एजेंट राशिद को लेकर देश की तमाम सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हैं. रविवार को एनआईए की टीम रिमांड पर राशिद को उसके घर लेकर पहुंची, जहां उसकी मां और अन्य परिजनों से पूछताछ की गई. साथ ही राशिद से जुड़े दस्तावेज भी खंगाले गए. इस दौरान एनआईए की टीम करीब दो घंटे तक राशिद के घर जांच-पड़ताल करती रही. इस पड़ताल के बाद टीम राशिद को लखनऊ लेकर रवाना हो गई. जांच के दौरान पूरे इलाके को सील कर दिया गया था. बीते दिनों एटीएस वाराणसी की टीम ने राशिद को गिरफ्तार किया था.
महत्वपूर्ण जानकारी भेजता था पाकिस्तान
19 जनवरी 2020 को यूपी एटीएस ने आईएसआई एजेंट राशिद अहमद को संदिग्ध के तौर पर गिरफ्तार किया था. राशिद अहमद पर आरोप है कि वह महत्वपूर्ण स्थानों, आर्मी और सीआरपीएफ कैंप्स की रेकी कर उनकी फोटो और वीडियो भेजता था.
आईएसआई हैंडलर्स को उपलब्ध कराया भारतीय सिम
जांच में सामने आया था कि पाकिस्तान के आईएसआई हैंडलर ने उससे दो भारतीय सिम मंगवाए थे. बाद में उस पर वाट्सएप एक्टिव हुआ, जिससे वह यूपी के तमाम धार्मिक स्थलों और सेना से जुड़ी जानकारी भेजा करता था.
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राशिद दो बार जा चुका है पाकिस्तान
पाकिस्तान की सेना वाट्सएप से ही अपना एजेंडा चला रही थी. राशिद दो बार पाकिस्तान भी जा चुका है. अपनी मौसी की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए मां और नाना के साथ वह पाकिस्तान जा चुका है. पहली बार वह अगस्त 2017 में पाकिस्तान गया था, जहां वह एक महीने तक रुका था. दूसरी बार दिसंबर 2018 में मौसी की बेटी की शादी में शामिल होने पाकिस्तान गया था. दूसरी बार वह एक महीने 25 दिन रहा था. इस दौरान वहां के लोगों से अच्छे ताल्लुकात हो गए थे. यहीं नहीं राशिद को भारत वापसी के दौरान पाकिस्तान के काफी लोग छोड़ने भी आए थे.
पाकिस्तान को जानकारी साझा करने का मिला इनाम
एटीएस की जांच में जानकारी साझा करने के एवज में पाकिस्तानी एजेंट्स ने राशिद को 2019 में पाकिस्तान के राष्ट्रीय रंग हरे कलर की टी-शर्ट दी थी. जुलाई 2019 में 5 हजार रुपये की राशि भी पेटीएम के जरिये भेजी थी.
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पीएम मोदी के खिलाफ की थी अभद्र टिप्पणी
सोशल मीडिया के जरिये भी पाकिस्तान परस्ती की तश्वीरें सामने आईं थीं. राशिद ने फेसबुक अकाउंट पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी, जबकि पाकिस्तान और वहां के लोगों की तारीफ की बात सामने आई थी.
अपने नाना के यहां रहता था राशिद
आईएसआई एजेंट रशीद अहमद मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के चौरहट गांव में अपने नाना के यहां रहता था. राशिद के नाना मूल रूप से वाराणसी के प्रह्ललाद घाट क्षेत्र के रहने वाले हैं. वे 20 साल पहले चौरहट में आकर बसे थे. उनके दो बेटे और पांच बेटियां हैं. उनकी सबसे बड़ी बेटी पाकिस्तान के कराची में अपने परिवार के साथ रहती है, जबकि दूसरे नंबर की बेटी पति से तलाक के बाद बेटे राशिद के साथ यहीं रही है.
ग्लोसाइन बोर्ड लगाने का करता था काम
आठवीं पास राशिद साइन बोर्ड लगाने का काम करता था. अजमेर और मुंबई समेत देश के कई अन्य शहरों में उसका आना-जाना रहा है. वहीं उसके पिता इदरीश अपने दूसरे परिवार के साथ मुंबई में रहते हैं.