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पर्यटन को Corona की मार से बचाने के लिए नई पर्यटन नीति पर लगी मुहर

राजस्थान में कोरोना की वजह से उपजे आर्थिक हालात को ठीक करने के लिए गहलोत सरकार ने नई पर्यटन नीति को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश की नई पर्यटन नीति पर मुहर लग गई. नई पर्यटन नीति बनने से कोरोना की वजह से चरमराई पर्यटन और होटल उद्योग को राहत मिलेगी.

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राजस्व मंत्री हरीश चौधरी मीडिया से रूबरू होते हुए
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Published : Sep 2, 2020, 10:29 PM IST

जयपुर. प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर हुई कैबिनेट बैठक के बाद राजस्व मंत्री हरीश चौधरी मीडिया से रू-ब-रू हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान में कोरोना की वजह से जो आर्थिक हालात सामने हैं, उनसे किस तरह से निपटा जाए. साथ ही वित्तीय स्थिति किस तरह से सुधारी जाए. रोजगार कैसे सर्जन किया जाए और निवेश को कैसे बढ़ाया जाए, इन सभी बिंदुओं पर चर्चा हुई.

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी मीडिया से रूबरू होते हुए

राजस्थान में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए और कोविड- 19 के चलते जो पर्यटन के हालात बिगड़े हैं, उनको सुधारने के लिए कैबिनेट की बैठक में पर्यटन नीति को मंजूरी दे दी गई है. इसके अलावा बैठक में प्रदेश में किस तरह से आर्थिक हालातों को ठीक किया जाए, इसको लेकर भी सुझाव लिए गए. इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में झुंझुनू के गुड्डा में स्थित राजकीय कॉलेज का नामकरण केदारनाथ मोदी राजकीय कॉलेज करने के प्रस्ताव पर अनुमोदन हुआ. इस कॉलेज का नाम दान दाता के नाम पर किया गया है.

यह भी पढ़ेंः प्रदेश के सभी 200 विधायकों की होगी कोरोना जांच, CM गहलोत ने दिए निर्देश

इसके अलावा कैबिनेट बैठक में मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के मामले, एनआरआई कोटे की सीटों को लेकर, रोजगार सर्जन और निवेश को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई. इस दौरान राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार राज्य के साथ में भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रही है. राज्य की आर्थिक हालात बिगड़े हुई है. उसके बावजूद केंद्र सरकार राज्य को दी जाने वाली आर्थिक सहायता देना तो दूर राज्य के हिस्से की GST के बकाया पैसे भी नहीं दे रही है. जबकि केंद्र सरकार की नीति जिम्मेदारी है कि वह सभी राज्यों को समानांतर रूप से लेकर चले, लेकिन केंद्र सरकार अन्य राज्यों को तो आर्थिक राहत उपलब्ध करा रही है, जबकि राजस्थान को वह किसी तरह का कोई सहयोग नहीं दे रही है.

यह भी पढ़ेंः कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों की अटकलों पर लगा विराम

मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में हो चाहे अन्य मामले हों, यहां तक कि पेयजल योजनाओं में भी राज्य के हिस्से की कटौती कर रही है. राजस्थान से चुनकर जाने वाले सांसदों को राजस्थान के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर केंद्र में आवाज उठानी चाहिए. लेकिन दुर्भाग्य कि राजस्थान का कोई भी सांसद केंद्र में राजस्थान को लेकर कोई भी बात नहीं कर रहा है. केंद्र सरकार लगातार केंद्र और राज्य के बीच चलने वाली योजनाओं में कटौती कर रही है. यह राजस्थान के लोगों के साथ में केंद्र सरकार का एक बड़ा धोखा है.

जयपुर. प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर हुई कैबिनेट बैठक के बाद राजस्व मंत्री हरीश चौधरी मीडिया से रू-ब-रू हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान में कोरोना की वजह से जो आर्थिक हालात सामने हैं, उनसे किस तरह से निपटा जाए. साथ ही वित्तीय स्थिति किस तरह से सुधारी जाए. रोजगार कैसे सर्जन किया जाए और निवेश को कैसे बढ़ाया जाए, इन सभी बिंदुओं पर चर्चा हुई.

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी मीडिया से रूबरू होते हुए

राजस्थान में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए और कोविड- 19 के चलते जो पर्यटन के हालात बिगड़े हैं, उनको सुधारने के लिए कैबिनेट की बैठक में पर्यटन नीति को मंजूरी दे दी गई है. इसके अलावा बैठक में प्रदेश में किस तरह से आर्थिक हालातों को ठीक किया जाए, इसको लेकर भी सुझाव लिए गए. इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में झुंझुनू के गुड्डा में स्थित राजकीय कॉलेज का नामकरण केदारनाथ मोदी राजकीय कॉलेज करने के प्रस्ताव पर अनुमोदन हुआ. इस कॉलेज का नाम दान दाता के नाम पर किया गया है.

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इसके अलावा कैबिनेट बैठक में मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के मामले, एनआरआई कोटे की सीटों को लेकर, रोजगार सर्जन और निवेश को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई. इस दौरान राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार राज्य के साथ में भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रही है. राज्य की आर्थिक हालात बिगड़े हुई है. उसके बावजूद केंद्र सरकार राज्य को दी जाने वाली आर्थिक सहायता देना तो दूर राज्य के हिस्से की GST के बकाया पैसे भी नहीं दे रही है. जबकि केंद्र सरकार की नीति जिम्मेदारी है कि वह सभी राज्यों को समानांतर रूप से लेकर चले, लेकिन केंद्र सरकार अन्य राज्यों को तो आर्थिक राहत उपलब्ध करा रही है, जबकि राजस्थान को वह किसी तरह का कोई सहयोग नहीं दे रही है.

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मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में हो चाहे अन्य मामले हों, यहां तक कि पेयजल योजनाओं में भी राज्य के हिस्से की कटौती कर रही है. राजस्थान से चुनकर जाने वाले सांसदों को राजस्थान के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर केंद्र में आवाज उठानी चाहिए. लेकिन दुर्भाग्य कि राजस्थान का कोई भी सांसद केंद्र में राजस्थान को लेकर कोई भी बात नहीं कर रहा है. केंद्र सरकार लगातार केंद्र और राज्य के बीच चलने वाली योजनाओं में कटौती कर रही है. यह राजस्थान के लोगों के साथ में केंद्र सरकार का एक बड़ा धोखा है.

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