जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए राजस्थान अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी नियम, 2022 (Unregulated Deposit Schemes Rules 2022) की अधिसूचना जारी करने संबंधी प्रस्ताव का अनुमोदन किया है. इसके बाद क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटियों पर लगाम लग सकेगी. लगातार हो रही धोखाधड़ी के मामलों को देखते हुए प्रदेश की गहलोत सरकार ने इन पर अंकुश लगाने के लिए ये अधिसूचना जारी की (New rules for Cooperative Societies) है.
2019 बजट घोषणा : बता दें कि निवेशकों के हित में ESA Banning of Unregulated Deposit Schemes Act, 2019 के प्रावधानों को अधिक कठोर करने और इन सोसायटियों पर अधिक नियंत्रण करने के लिए एक्ट के तहत राज्य सरकारों को शक्तियां प्रदान करने की मांग लम्बे समय से की जा रही थी. सीएम गहलोत की इस मंजूरी से मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों की धोखाधड़ी से राज्य के लाखों लोगों की मेहनत की कमाई के गबन पर रोक लगाने के साथ ही, इन सोसायटियों पर सख्त कार्रवाई कर आमजन को राहत प्रदान की जा सकेगी.
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राजपत्रित अधिकारियों के 18 नवीन पद सृजित: गहलोत ने कार्मिक हित में राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के राजपत्रित अधिकारियों के कैडर रिव्यू के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. गहलोत की स्वीकृति के बाद अब पदों की संख्या 126 से बढ़कर 144 हो गई है. इन पदों की बढ़ोतरी से प्रयोगशालाओं के कार्यों में और अधिक गुणवत्ता और सुगमता आ सकेगी. साथ ही न्यायालयों के समक्ष पेश की जाने वाली केस रिपोर्टिंग कार्य को गति मिलेगी.
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राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के राजपत्रित अधिकारियों के कैडर रिव्यू में अतिरिक्त निदेशक के 3 पद, उपनिदेशक के 6 पद और वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारियों के 9 पद सहित कुल 18 नवीन पद सृजित किए गए हैं. कैडर रिव्यू के पश्चात अब निदेशक का 1 पद, अतिरिक्त निदेशक के 7 पद, उप निदेशक के 11 पद, विभिन्न खण्डों के लिए सहायक निदेशक के 39 पद और वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी के 86 पद सहित कुल 144 पद होंगे. स्वीकृत 144 पद होने से अधिकारियों को पदोन्नति के बेहतर अवसर मिल सकेंगे.