जयपुर. मंगलवार को राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजमेस) की छठी बैठक आयोजित की गई. जहां प्रदेश में बनाए जा रहे दो नए मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज के निर्माण को लेकर चर्चा हुई. इसमें चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने राज्य में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्य में गति लाने के निर्देश दिए. बैठक में बताया गया कि प्रथम चरण में 7 एवं द्वितीय चरण में 19 नर्सिंग कालेज भवनों का निर्माण कार्य शुरू दिया (New medical colleges in Rajasthan) जाएगा.
बैठक के दौरान चिकित्सा मंत्री ने नागौर, बांसवाड़ा, अलवर और हनुमानगढ़ मेडिकल कॉलेज निर्माण में हो रही देरी को लेकर नाराजगी जाहिर की और समय पर निर्माण पूरा करवाने के निर्देश दिए. राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी के शासकीय मंडल की छठी बैठक के दौरान चिकित्सा मंत्री ने कहा कि बजट घोषणाओं की क्रियान्विति में राजमेस के अन्तर्गत संचालित मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं को शुरू करने की स्वीकृति जारी की जा चुकी है. इसके लिए उपकरण खरीद के लिए बजट एवं पद भी स्वीकृत किए जा चुके हैं. उन्होंने निर्देश दिए कि उपकरण क्रय करने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए. साथ ही उपकरण खरीद में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाए.
मंत्री ने राजमेस के अन्तर्गत संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों में सुपर स्पेशियलिटी विभाग जैसे एन्डोक्रॉयनोलॉजी, गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजल गेस्ट्रोसर्जरी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, ऑन्कोसर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, कॉर्डियोलॉजी विभागों की स्थापना किए जाने एवं आवश्यक उपकरण खरीद की जारी स्वीकृतियों का अनुमोदन किया. बैठक में राजमेस के मेडिकल स्टॉफ से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई जिस पर चिकित्सा मंत्री ने स्टॉफ के मुद्दों का शीघ्र समाधान करवाने के निर्देश दिए.
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इस मौके पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के शासन सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि प्रथम चरण में स्वीकृत 7 एवं द्वितीय चरण के 19 नर्सिंग महाविद्यालयों के भवन का निर्माण कार्य सितम्बर माह से शुरू करवा दिया जाएगा. नर्सिंग कॉलेजों के संचालन में एकरूपता बनी रहे इसलिए बजट घोषणा के अतिरिक्त राज्य में खोले जाने वाले नवीन राजकीय नर्सिंग कॉलेजों को राजमेस के अधीन रखे जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन भी गवर्निंग काउंसिल द्वारा किया गया.