ETV Bharat / city

राष्ट्रीय बालिका दिवस विशेषः बालक-बालिकाओं  के बीच की खाई पाटने को जयपुर नगर निगम कर रहा ये अनूठा प्रयोग

भारत में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. बालिकाओं को विशेष महत्व देने वाले इस दिवस के मौके पर हर जगह तमाम कार्यक्रम हुए, जिसमें वक्ता बालिकाओं की शिक्षा से लेकर उनके अधिकारों पर बात करते दिखाई दिए. इन सभी के बीच जयपुर नगर निगम बालक-बालिकाओं के बीच के भेदभाव को खत्म करने के लिए हर वर-वधू से संकल्प पत्र भरवा रहा है. पढ़िये ये स्पेशल रिपोर्ट...

जयपुर की खबर, जयपुर नगर निगम, world girl child day
बेटियों को बचाने के लिए जयपुर नगर निगम की नई पहल
author img

By

Published : Jan 24, 2020, 11:00 PM IST

जयपुर. भारत में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. लड़कियों के प्रति होने वाले भेदभाव को दूर करने और परिवार-समाज में जागरूकता फैलाने के लिए ये दिवस मनाया जाता है. सरकार इस दिन लड़कियों की सुरक्षा, शिक्षा, लिंगानुपात, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करती है. ताकि लोगों की मानसिकता में बदलाव लाया जा सके. तमाम कवायदों के बीच जयपुर नगर निगम भी बालक और बालिका के बीच की खाई को पूरी तरह से खत्म करने के लिए ना केवल जागरुकता फैलाने का काम कर रहा है. बल्कि हर दंपति से इसके लिए संकल्प पत्र भी भरवा रहा है.

राजस्थान में जयपुर नगर निगम एकमात्र ऐसा नगरीय निकाय है जहां पर विवाह पंजीयन के दौरान वर-वधू से बेटे और बेटी में भेदभाव नहीं करने और समान व्यवहार करने का संकल्प पत्र बनाया जाता है. जयपुर नगर निगम की ये पहल समाज को नई दिशा देने वाली है.


नगर निगम प्रशासन 2006 के बाद बनने वाले विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र के साथ वर और वधु से एक संकल्प पत्र भी भराता है. जिसमें दोनों संयुक्त रूप से संकल्प लेते हैं कि कभी भी दांपत्य जीवन में भ्रूण के लिंग परीक्षण नहीं करेंगे और ना ही कभी ऐसे अमानवीय कृत्य में किसी का सहयोग करेंगे.पढ़ें- राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही, कल इन दो प्रस्तावों पर रहेगी सबकी नजर

बेटियों को बचाने के लिए जयपुर नगर निगम की नई पहल

बेटी का जन्म होने पर बेटे के समान ही पालन-पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा पर समान व्यवहार करेंगे. साथ ही बेटा-बेटी में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करने का संकल्प पत्र भराया जाता है. इस संबंध मे नगर निगम के विवाह पंजीयन रजिस्ट्रार प्रदीप पारीक ने बताया कि संकल्प पत्र में वर और वधु के हस्ताक्षर के साथ भ्रूण लिंग परीक्षण और बेटा बेटी में भेदभाव नहीं करने का संकल्प दिलाया जाता है. वहीं विवाह पंजीयन कराने वाले दंपत्ति भी नगर निगम की इस पहल की सराहना करते हैं.

पढ़ें- विधानसभा से बीजेपी का वॉकआउट एक पॉलिटिकल प्वॉइंट्स थाः पायलट

लोगों ने बताया कि आए दिन भ्रूण हत्या और नवजात बच्चियों को झाड़ियों में फेंकने की खबरें सामने आती हैं. इस तरह के संकल्प पत्र से दंपत्तियों में जागरूकता आएगी. वाकई, जयपुर नगर निगम का ये एक सराहनीय प्रयास है. इससे लैंगिक अनुपात में आ रही असमानता दूर होगी और लोग भी जागरूक होंगे.

जयपुर. भारत में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. लड़कियों के प्रति होने वाले भेदभाव को दूर करने और परिवार-समाज में जागरूकता फैलाने के लिए ये दिवस मनाया जाता है. सरकार इस दिन लड़कियों की सुरक्षा, शिक्षा, लिंगानुपात, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करती है. ताकि लोगों की मानसिकता में बदलाव लाया जा सके. तमाम कवायदों के बीच जयपुर नगर निगम भी बालक और बालिका के बीच की खाई को पूरी तरह से खत्म करने के लिए ना केवल जागरुकता फैलाने का काम कर रहा है. बल्कि हर दंपति से इसके लिए संकल्प पत्र भी भरवा रहा है.

राजस्थान में जयपुर नगर निगम एकमात्र ऐसा नगरीय निकाय है जहां पर विवाह पंजीयन के दौरान वर-वधू से बेटे और बेटी में भेदभाव नहीं करने और समान व्यवहार करने का संकल्प पत्र बनाया जाता है. जयपुर नगर निगम की ये पहल समाज को नई दिशा देने वाली है.


नगर निगम प्रशासन 2006 के बाद बनने वाले विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र के साथ वर और वधु से एक संकल्प पत्र भी भराता है. जिसमें दोनों संयुक्त रूप से संकल्प लेते हैं कि कभी भी दांपत्य जीवन में भ्रूण के लिंग परीक्षण नहीं करेंगे और ना ही कभी ऐसे अमानवीय कृत्य में किसी का सहयोग करेंगे.पढ़ें- राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही, कल इन दो प्रस्तावों पर रहेगी सबकी नजर

बेटियों को बचाने के लिए जयपुर नगर निगम की नई पहल

बेटी का जन्म होने पर बेटे के समान ही पालन-पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा पर समान व्यवहार करेंगे. साथ ही बेटा-बेटी में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करने का संकल्प पत्र भराया जाता है. इस संबंध मे नगर निगम के विवाह पंजीयन रजिस्ट्रार प्रदीप पारीक ने बताया कि संकल्प पत्र में वर और वधु के हस्ताक्षर के साथ भ्रूण लिंग परीक्षण और बेटा बेटी में भेदभाव नहीं करने का संकल्प दिलाया जाता है. वहीं विवाह पंजीयन कराने वाले दंपत्ति भी नगर निगम की इस पहल की सराहना करते हैं.

पढ़ें- विधानसभा से बीजेपी का वॉकआउट एक पॉलिटिकल प्वॉइंट्स थाः पायलट

लोगों ने बताया कि आए दिन भ्रूण हत्या और नवजात बच्चियों को झाड़ियों में फेंकने की खबरें सामने आती हैं. इस तरह के संकल्प पत्र से दंपत्तियों में जागरूकता आएगी. वाकई, जयपुर नगर निगम का ये एक सराहनीय प्रयास है. इससे लैंगिक अनुपात में आ रही असमानता दूर होगी और लोग भी जागरूक होंगे.

Intro:जयपुर - राजस्थान में जयपुर नगर निगम एकमात्र ऐसा नगरीय निकाय है जहां पर विवाह पंजीयन के दौरान वर-वधू से बेटे और बेटी में भेदभाव नहीं करने और समान व्यवहार करने का संकल्प पत्र बनाया जाता है। जयपुर नगर निगम की ये पहल समाज को नई दिशा देने वाली है।


Body:भारत में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। लड़कियों के प्रति होने वाले भेदभाव को दूर करने और परिवार-समाज में जागरूकता फैलाने के लिए ये दिवस मनाया जाता है। सरकार इस दिन लड़कियों की सुरक्षा, शिक्षा, लिंगानुपात, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करती है। ताकि लोगों की मानसिकता में बदलाव लाया जा सके। लेकिन जयपुर नगर निगम इस कड़ी में सालभर अपनी भूमिका अदा करता है। नगर निगम प्रशासन 2006 के बाद बनने वाले विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र के साथ वर और वधु से एक संकल्प पत्र भी भराता है। जिसमें दोनों संयुक्त रूप से संकल्प लेते हैं कि कभी भी दांपत्य जीवन में भ्रूण के लिंग परीक्षण नहीं करेंगे। और ना ही कभी ऐसे अमानवीय कृत्य में किसी का सहयोग करेंगे। बेटी का जन्म होने पर बेटे के समान ही पालन-पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा पर समान व्यवहार करेंगे। साथ ही बेटा बेटी में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करने का संकल्प पत्र भराया जाता है। इस संबंध में नगर निगम के विवाह पंजीयन रजिस्ट्रार प्रदीप पारीक ने बताया कि संकल्प पत्र में वर और वधु के हस्ताक्षर के साथ भ्रूण लिंग परीक्षण और बेटा बेटी में भेदभाव नहीं करने का संकल्प दिलाया जाता है।
बाईट - प्रदीप पारीक, रजिस्ट्रार, विवाह पंजीयन

वहीं विवाह पंजीयन कराने वाले दंपत्ति भी नगर निगम की इस पहल की सराहना करते हैं। लोगों ने बताया कि आए दिन भ्रूण हत्या और नवजात बच्चियों को झाड़ियों में फेंकने की खबरें सामने आती हैं। इस तरह के संकल्प पत्र से दंपत्तियों में जागरूकता आएगी।
बाईट - बीना जोशी, जयपुर वासी
बाईट - जितेंद्र, जयपुर वासी


Conclusion:वाकई, जयपुर नगर निगम का ये एक सराहनीय प्रयास है। इससे लैंगिक अनुपात में आ रही असमानता दूर होगी। और लोग भी जागरूक होंगे।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.