जयपुर. कोरोना काल के दौरान प्रदेश में बीयर की बिक्री में काफी गिरावट आई है. लॉकडाउन का भी बीयर की बिक्री पर काफी असर पड़ा है. वित्त वर्ष 2019-20 में बीयर की 2 करोड़ 65 लाख पेटियां बिकी थी. साल 2020-21 में बीयर की बिक्री घटकर 1 करोड़ 60 लाख पर आ गई. कोरोना की वजह से 95 लाख पेटी बियर की कम बिक्री हुई है.
बीयर की बिक्री कम होने से सरकार के राजस्व पर भी काफी असर पड़ा है. इससे सरकार को भी करोड़ों का नुकसान हुआ है. राज्य सरकार ने बीयर की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए इस बार अतिरिक्त आबकारी शुल्क और एमआरपी में कमी के साथ कोविड सरचार्ज हटाने का फैसला लिया है. सरकार ने बीयर की खपत में आई कमी से खजाने को हुए नुकसान की भरपाई के लिए बीयर की कीमत कम की है. इससे बिक्री बढ़ेगी तो सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी.
यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना 1 मई से होगी शुरू, आज से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया Start
प्रदेश में 1 अप्रैल से बीयर सस्ती दरों पर मिलने लगेगी. बीयर 30 से 35 रुपए तक सस्ती हो जाएगी. बीयर की दरों का बदलाव ब्रांड के अनुसार अलग-अलग होगा. राज्य सरकार ने गुरुवार से लागू हो रही आबकारी नीति में बीयर पर अतिरिक्त आबकारी शुल्क और कोविड सरचार्ज हटाया है. हालांकि, शराब की कीमतों में कोई इजाफा नहीं होगा. गुरुवार से प्रदेश भर में नई आबकारी नीति लागू हो रही है.
यह भी पढ़ें: अजमेर में 45 की उम्र तक के 4 लाख लोगों का 1 अप्रैल से होगा वैक्सीनेशन
उम्मीद लगाई जा रही है कि नई आबकारी नीति से सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी. कोविड काल से पहले बीयर की बिक्री ज्यादा होने से ज्यादा आय होती थी. लेकिन कोरोना काल के बाद बीयर की बिक्री में गिरावट आने से आय में भी कमी आ गई. ज्यादातर बीयर की बिक्री से अब सरकार को उम्मीद है कि विक्रय के साथ ही राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी.