जयपुर. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने राजसमंद झील में केमिकल टैंकर खाली करने से फैले प्रदूषण के मामले को गंभीर माना है. आयोग ने राजस्थान विश्वविद्यालय के पंच वर्षीय विधि महाविद्यालय के अंतिम वर्ष के छात्र तपिश सारस्वत की ओर से राजसमंद झील में फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज का वेस्टेज खाली कर प्रदूषण फैलाने की शिकायत के मामले में बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव निरंजन आर्य को नोटिस जारी कर आगामी 8 सप्ताह में उक्त मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने छात्र तपिश सारस्वत की शिकायत को गंभीर मानते हुए मुख्य सचिव आर्य को निर्देशित किया है कि इस संबंध में वह जांच कराएं और तथ्यात्मक रिपोर्ट आगामी 8 सप्ताह में शिकायतकर्ता और आयोग को प्रेषित करें. शिकायतकर्ता तपिश सारस्वत ने आयोग को अपनी शिकायत में लिखा था कि राजसमंद झील में गत 10 मई से 15 मई की अवधि के दौरान दो टैंकर केमिकल के खाली किए गए.
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उन्होंने आयोग को शिकायत में कहा कि राजसमंद झील, राजस्थान में फार्मास्यूटिकल्स की ओर से उत्पादित खतरनाक रसायनों के हानिकारक अवैध डंपिंग के परिणामस्वरूप कृषि, मिट्टी और वनस्पतियों और उससे जुड़े जीवों के साथ-साथ मानव और पशु जीवन के लिए गंभीर खतरा पैदा हो रहा है. उन्होंने आयोग से इस गलत कार्य को रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही करने का आग्रह किया.