जयपुर. नेशनल हेराल्ड मामले (National Herald Case) में प्रवर्तन निदेशालय आज फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछताछ करेगा. सोमवार को दस घंटे से अधिक पूछताछ के बाद उन्हें मंगलवार के लिए फिर तलब किया गया. इसको लेकर अब दिल्ली के बाहर से भी कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचना शुरू हो चुके हैं. पहले से दिल्ली में मोर्चा संभाल रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सहयोग के लिए राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी दिल्ली पहुंच चुके हैं.
राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोमवार को पैदल मार्च निकाला और आज डोटासरा न केवल खुद दिल्ली पहुंचे हैं बल्कि राजस्थान के सभी मंत्रियों, विधायकों, बोर्ड, निकाय में राजनीतिक नियुक्ति पाने वाले सभी नेताओं को दिल्ली पहुंचने के निर्देश दिए हैं. वैसे तो प्रमुख नेताओं को सोमवार रात को ही यह निर्देश दे दिए गए थे कि सुबह 7 बजे से पहले वे दिल्ली पहुंच जाए और यह जानकारी मीडिया से इसलिए छिपाई गई ताकि पुलिस उन्हें कहीं बॉर्डर पर ही न रोक ले.
कार्यकर्ता भी करते दिखेंगे विरोध प्रदर्शन- कांग्रेस पार्टी में राजस्थान के नेताओं और कार्यकर्ताओं का जिस तरह से कद बढ़ा है, अब वह दिल्ली में भी दिखाई देने लगा है. जिस तरह से राहुल गांधी के ईडी के सामने पेश होने से पहले ही दिल्ली में जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मोर्चा संभाल रखा है, सचिन पायलट भी पहले से दिल्ली में मौजूद हैं, तो वहीं सेवा दल के अध्यक्ष हेम सिंह शेखावत एआईसीसी में राष्ट्रीय सेवा दल अध्यक्ष के साथ डटे हुए हैं. वहीं, राजस्थान यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश घोघरा दिल्ली पहुंचकर राजस्थान यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ सोमवार को गिरफ्तारी भी दे चुके हैं. साथ ही वे आगे के प्रदर्शन के लिए भी तैयार हैं.
वहीं, राजस्थान में कल पैदल मार्च निकाल चुके राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ दिल्ली में होने वाले धरने प्रदर्शन का नेतृत्व करते दिखाई देंगे. डोटासरा के साथ समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष अर्चना शर्मा, कांग्रेस सचिव पुष्पेंद्र भारद्वाज भी दिल्ली पहुंच गए हैं. अब राजस्थान के सभी मंत्रियों, विधायकों और बोर्ड निगम अध्यक्षों के रूप में राजनीतिक नियुक्ति पा चुके नेताओं को भी दिल्ली पहुंचने का निर्देश दे दिया गया है. हालांकि, उम्र दराज विधायकों को इससे अलग रखा गया है. वहीं, दिल्ली के पास के जिलों अलवर, जयपुर और दौसा के नेताओं को 5-5 हजार कार्यकर्ता ले जाने का टारगेट भी दिया गया है.