जयपुर . छोटी काशी में भगवान नृसिंह का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर शहर के विभिन्न नृसिंह मंदिरों में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए.
जयपुर के चौड़ा रास्ता स्थित बाबा विश्वेश्वरजी व ताड़केश्वरजी मंदिर का 219 वर्ष पुराना दो दिवसीय नृसिंह लीला और वराह लीला महोत्सव का शुभारंभ हुआ. ताड़केश्वर नवयुवक मंडल के तत्वाधान में महाआरती के बाद मंदिर के सामने नृसिंह लीला का मंचन किया गया. मंचन के दौरान जयकारों के बीच खंभा फाड़कर भगवान नृसिंह के प्रकट होने की लीला को हर कोई निहारता रहा.
भगवान नृसिंह की जगह-जगह आरती उतारी गई. रास्ते में राधा-दामोदर, काले गणेश मंदिर से भगवान की आरती की गई. महोत्सव के तहत शनिवार को वराह लीला का मंचन होगा.
गौरतलब है कि 219 वर्ष पुरानी इस परंपरा का निर्वहन पौराणिक वेशभूषा पहनकर किया जाता है. इसमें भगवान नृसिंह का रूप धरे व्यक्ति कई किलो वजनी मुखौटा धारण करता है. खास बात यह है कि इस मुखेटे को पहनाने के दौरान मंत्रोचार किया जाता है. वहीं, मुखौटा धारण करने से पहले संबंधित व्यक्ति को घड़े के ठंडे पानी से स्नान कराया जाता है. भगवान नृसिंह के हाथ में प्रहलाद रूपी छोटे बच्चे को गोद देने की परंपरा है. इसे भगवान का आशीर्वाद माना जाता है.
मान्यता है कि भगवान का रूप धारण किए इस व्यक्ति से आशीर्वाद लेने पर घर में सुख शांति के अलावा बीमारी का प्रकोप मिट जाता है. उधर छोटी काशी में भगवान नृसिंह की जयंती पर बगरू वालों के रास्ते स्थित नृसिंह मंदिर, पांच बत्ती स्थित नृसिंह मंदिर, सूरजपोल गेट नृसिंह मंदिर, खजाने वालों के रास्ते और चांदपोल बाजार स्थित नृसिंह मंदिर में शाम 6:30 बजे नृसिंह भगवान के प्रकट होने के लीला का मंचन किया गया. इसी तरह आमेर स्थित नृसिंह मंदिर में भी नृसिंह जयंती मनाई गई.