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अब मौके पर नहीं ऑफिस में बैठकर करनी होगी नाम हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी - नाम हस्तांतरण की प्रक्रिया

प्रदेश सरकार ने नाम हस्तांतरण के लिए भूमि और भवन का मौका निरीक्षण करने पर रोक लगाई है. विकास प्राधिकरण, नगर सुधार न्यास और शहरी निकायों के अधिकारी अब ऑफिस में बैठकर ही नाम हस्तांतरण की प्रक्रिया को पूरा करेंगे. वहीं, इस प्रक्रिया को सरल करने से विकास प्राधिकरण और नगरीय निकायों के राजस्व बढ़ने की भी उम्मीद है.

जयपुर न्यूज, rajasthan news
ऑफिस में बैठकर करनी होगी नाम हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी
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Published : Sep 18, 2020, 3:41 PM IST

जयपुर. अब नाम हस्तांतरण के लिए भूमि और भवन का मौका निरीक्षण करने कोई अधिकारी नहीं जाएगा. विकास प्राधिकरण, नगर सुधार न्यास और शहरी निकायों के अधिकारी ऑफिस में बैठकर ही नाम हस्तांतरण की प्रक्रिया को पूरा करेंगे. इस प्रक्रिया को सरल करने से विकास प्राधिकरण और नगरीय निकायों के राजस्व बढ़ने की भी उम्मीद है.

ऑफिस में बैठकर करनी होगी नाम हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी

लीज मनी, यूडी टैक्स बकाया होने पर डिमांड नोटिस तब तक नहीं निकल सकता, जब तक मौजूदा मालिक का नाम रिकॉर्ड में नहीं चढ़ जाए. विकास प्राधिकरण और निकाय के अधिकारी इनका मौका निरीक्षण करने पर सेट बैक या निर्माण में कोई वायलेशन मिलने पर अक्सर फाइल अटका देते थे और नाम हस्तांतरण का काम नहीं हो पाता था.

ऐसे में प्रदेश सरकार ने नाम हस्तांतरण को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने नाम हस्तांतरण के लिए भूमि और भवन का मौका निरीक्षण करने पर रोक लगाई है. विकास प्राधिकरण, नगर सुधार न्यास और शहरी निकायों के अधिकारी अब ऑफिस में बैठकर ही नाम हस्तांतरण की प्रक्रिया को पूरा करेंगे. इस प्रक्रिया को सरल करने से विकास प्राधिकरण और निकायों को भी फायदा होगा.

दरअसल, कुछ राज्यों में रजिस्ट्री होने पर संबंधित निकाय या प्राधिकरण के पास एक कॉपी पहुंच जाती है. इसका स्वतः रोटेशन खुल जाता है. यहां रजिस्ट्री तो हो जाती है, लेकिन उक्त भूखंड पर बकाया राजस्व वसूल नहीं हो पाता था. ऐसे में भूखंड स्वामी को तो कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन निकायों या प्राधिकरण को राजस्व नहीं मिलता पाता था. हालांकि अब उम्मीद जताई जा रही है कि इस फैसले से सरकार को तकरीबन 100 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व मिलेगा.

पढ़ें- अधिकमास आज से शुरू, कोरोना के चलते गलताजी तीर्थ स्थल पर नहीं लगेगी आस्था की डुबकी

हालांकि अब अवैध निर्माण जिनमें बिल्डिंग बायलॉज का ध्यान नहीं रखा गया और बिना किसी नियमों के बना दिया गया. उनका भी नाम हस्तांतरण की प्रक्रिया होने से नुकसान की आशंका भी रहेगी.

जयपुर. अब नाम हस्तांतरण के लिए भूमि और भवन का मौका निरीक्षण करने कोई अधिकारी नहीं जाएगा. विकास प्राधिकरण, नगर सुधार न्यास और शहरी निकायों के अधिकारी ऑफिस में बैठकर ही नाम हस्तांतरण की प्रक्रिया को पूरा करेंगे. इस प्रक्रिया को सरल करने से विकास प्राधिकरण और नगरीय निकायों के राजस्व बढ़ने की भी उम्मीद है.

ऑफिस में बैठकर करनी होगी नाम हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी

लीज मनी, यूडी टैक्स बकाया होने पर डिमांड नोटिस तब तक नहीं निकल सकता, जब तक मौजूदा मालिक का नाम रिकॉर्ड में नहीं चढ़ जाए. विकास प्राधिकरण और निकाय के अधिकारी इनका मौका निरीक्षण करने पर सेट बैक या निर्माण में कोई वायलेशन मिलने पर अक्सर फाइल अटका देते थे और नाम हस्तांतरण का काम नहीं हो पाता था.

ऐसे में प्रदेश सरकार ने नाम हस्तांतरण को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने नाम हस्तांतरण के लिए भूमि और भवन का मौका निरीक्षण करने पर रोक लगाई है. विकास प्राधिकरण, नगर सुधार न्यास और शहरी निकायों के अधिकारी अब ऑफिस में बैठकर ही नाम हस्तांतरण की प्रक्रिया को पूरा करेंगे. इस प्रक्रिया को सरल करने से विकास प्राधिकरण और निकायों को भी फायदा होगा.

दरअसल, कुछ राज्यों में रजिस्ट्री होने पर संबंधित निकाय या प्राधिकरण के पास एक कॉपी पहुंच जाती है. इसका स्वतः रोटेशन खुल जाता है. यहां रजिस्ट्री तो हो जाती है, लेकिन उक्त भूखंड पर बकाया राजस्व वसूल नहीं हो पाता था. ऐसे में भूखंड स्वामी को तो कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन निकायों या प्राधिकरण को राजस्व नहीं मिलता पाता था. हालांकि अब उम्मीद जताई जा रही है कि इस फैसले से सरकार को तकरीबन 100 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व मिलेगा.

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हालांकि अब अवैध निर्माण जिनमें बिल्डिंग बायलॉज का ध्यान नहीं रखा गया और बिना किसी नियमों के बना दिया गया. उनका भी नाम हस्तांतरण की प्रक्रिया होने से नुकसान की आशंका भी रहेगी.

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