जयपुर. 26 मई को होने वाली ग्रेटर निगम की साधारण सभा की बैठक में (Nagar Nigam Greater Pre Board Meeting) इस बार जोन स्तर के अधिकारियों के खिलाफ फिर से पार्षदों की नाराजगी देखने को मिल सकती हैं. सोमवार को हुई प्री बोर्ड बैठक में बीजेपी पार्षदों ने अपनी समस्याएं सुनाई तो बड़े नेताओं ने उन्हें बैठक में रणनीति के साथ उतरने की सलाह दी. इसके साथ पार्षदों को अनुशासन में रहने की नसीहत भी दी गई. इस दौरान पार्षदों ने प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर भी अधिकारियों से सहयोग नहीं मिलने की शिकायतें दी.
पार्टी आलाकमान ने ये भी तय किया कि किस मुद्दे पर कौन सा पार्षद बात रखेगा. राज्य सरकार से निगम को वित्तीय सहायता नहीं मिलने के चलते बोर्ड बैठक के माध्यम से सरकार को कटघरे में खड़ा किया जाएगा. ग्रेटर नगर निगम की पिछली बोर्ड बैठक में प्रत्येक जोन में अलग-अलग सफाई कार्य योजना और प्रत्येक वार्ड में अतिरिक्त अस्थाई अकुशल सफाई श्रमिकों को लगाये जाने का एजेंडा तो पास हुआ. लेकिन निगम की प्रशासनिक कार्य प्रणाली के सरलीकरण के प्रस्ताव, प्रशासन शहरों के संग अभियान की अब तक की प्रगति और जन प्रतिनिधियों का सहयोग लेने और पार्षदों से मिले सुझाव के अनुसार संतोषजनक काम न होने की बात कही जा रही है.
इन सुझावों में वार्डों में कराए गए 50 लाख और 5 लाख के विकास कार्यों की वर्तमान स्थिति के संबंध में, आगामी वर्ष 2022-23 में प्रत्येक वार्ड में कराये जाने वाले 50 लाख के विकास कार्यों के संबंध में, सीवरेज लाईनों की सफाई व्यवस्था, नालों का सफाई कार्य और रोशनी व्यवस्था में आवश्यक सुधार करने के संबंध में चर्चा नहीं हो सकी थी. जिस पर अब 26 मई को ग्रेटर निगम की तीसरी बोर्ड बैठक में चर्चा की जाएगी.
इससे पहले सोमवार को भाजपा कार्यालय पर बीजेपी नेता राजेन्द्र राठौड़, पूर्व अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी, बीजेपी शहर अध्यक्ष राघव शर्मा, महापौर सौम्या गुर्जर, उपमहापौर पुनीत कर्णावट की मौजूदगी में बीजेपी पार्षदों की प्री बोर्ड मीटिंग हुई. बैठक में पार्षदों ने कांग्रेस सरकार की ओर विकास कार्यों में सहयोग नहीं करने के आरोप भी लगाए गए. बैठक के बाद उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पार्टी की एक कार्य पद्धति है, पार्टी से जुड़े जनप्रतिनिधि सेवा मिशन के साथ अपने काम में लगे हैं. किसी प्रकार का मनभेद और मतभेद न रहे इसे देखते हुए प्री बोर्ड मीटिंग हुई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार बीजेपी बोर्ड वाले नगर पालिका और नगर निगम के साथ जिस तरह का रवैया अपना रही है, वो लोकतंत्र को कमजोर करने वाला है.
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि वर्तमान सरकार को 3 साल से ज्यादा का समय हो चुका है. सरकार ने स्टेट फाइनेंस कमीशन का गठन देर से किया. गठन करने के बाद भी अब तक कोई रिकमेंडेशन नहीं आई. दो निगम होने के बावजूद भाजपा सरकार के समय जो रिकमेंडेशन दी गई, उन्हीं के आधार पर पैसा मिल रहा है. जिसका खामियाजा शहर के दोनों निगम भुगत रहे हैं. आलम ये है कि अब तक जो 50 लाख का सिविल वर्क और 5 लाख का पार्क का पैसा भी केंद्र से एनकैप फंड का मिला है. ऐसे में राज्य सरकार से नहीं मिल रही वित्तीय सहायता को लेकर अब बोर्ड की बैठक के माध्यम से सरकार को कटघरे में खड़ा किया जाएगा. ग्रेटर नगर निगम के महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने बोर्ड बैठक में चर्चा होने वाले एजेंडों की जानकारी देते हुए ग्रेटर नगर निगम के 'निगम आपके द्वार अभियान' को बोर्ड बैठक के बाद शुरू करने की बात कही. जिसमें सभी पार्षदों का भी सहयोग लिया जाएगा.