जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रयासों से राज्य के किसानों को शुक्रवार को बड़ी सौगात मिली. नाबार्ड ने शीर्ष सहकारी बैंक अपेक्स को 3766 करोड़ रूपये स्वीकृत किये. इस स्वीकृति से किसानों के कृषि कार्यों की जरूरत समय पर पूरी हो पायेगी.
राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक को भी दीर्घकालीन कृषि ऋण के लिये 200 करोड़ रूपये नाबार्ड ने स्वीकृत किये हैं. सहकारिता रजिस्ट्रार डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशों पर नाबार्ड सीजीएम और अपेक्स बैंक के एमडी इन्दर सिंह के साथ नाबार्ड परिसर में बैठक आयोजित की गई. बैठक में जिसमें नाबार्ड की ओर से किसानों को फसली ऋण के लिये 3766 करोड़ रूपये की स्वीकृति जारी की गयी है. अपेक्स बैंक द्वारा 95 करोड़ की राशि तत्काल ही ले ली गयी है.
राज्य सरकार ने दिये 600 करोड़ रुपये
डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर कल ही राज्य सरकार की ओर से 600 करोड़ रूपये अपेक्स बैंक को जारी करने का निर्णय लिया गया था. शुक्रवार को ही राज्य सरकार ने 600 करोड़ रूपये अपेक्स बैंक को जारी किए जा चुके हैं और अपेक्स बैंक की ओर से सभी 29 सीसीबी को राशि उनके खातों में डाल दी गई है और किसानों को ऋण देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
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डॉ. पवन ने बताया कि 30 सितम्बर तक खरीफ फसली ऋण पंजीयन कराने वाले सभी किसानों के खातों में जमा हो जायेगा. इस प्रकार खरीफ, 2019 में लगभग 20 लाख किसानों को फसली ऋण मिल सकेगा. रबी 2019-20 के लिये 1 अक्टूबर से फसली ऋण की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. उन्होंने कहा कि बैंकों के पास पर्याप्त राशि उपलब्ध है और ऋण वितरण में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आयेगी.
बंटाईदार किसानों को भी मिलेगा फसली ऋण
राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि बंटाईदार किसानों को भी फसली ऋण मिले. इस संबंध में सभी को निर्देशित किया गया है कि जो किसान बंटाई पर खेती कर रहा है उसे भी सहकारी बैंकों के द्वारा फसली ऋण मुहैया कराया जायेगा.
रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि जिन किसानों के नाम जमीन नहीं है लेकिन वे खेती के लिये फसली ऋण लेना चाहते हैं तो ऐसे किसानों को भी सहकारी बैंकों की ओर से फसली ऋण उपलब्ध कराया जायेगा. राज्य सरकार को नाबार्ड ने आवश्यक राशि की पूरी व्यवस्था की है.
उन्होंने बताया कि राज्य में पहली बार ऑनलाइन पंजीयन और ऋण वितरण की व्यवस्था लागू होने से बायोमैट्रिक सत्यापन द्वारा सही किसान को फसली ऋण प्रदान किया जा रहा है.