जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना का प्रकोप प्रदेश भर में बढ़ता ही जा रहा है. रोजाना सैकड़ों की तादाद में कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं. वहीं कई मरीज भी अपनी जान गवा रहे हैं. जान गवाने वाले मरीजों में हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई सभी समाज के लोग शामिल है. मुस्लिम समाज में धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार अगर किसी शख्स की मौत हो जाती है तो उसको सुपुर्द ए खाक किया जाता है. कोरोना से मरने वाले लोगों को राजधानी जयपुर और दूसरे कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया जा रहा है.
खास बात यह है कि कोरोना से मरने वाले लोगों की कब्र को जेसीबी मशीन के जरिए खोदा जा रहा है. इसलिए आम कब्र और कोरोना से लोगों का इंतकाल होने के बाद उनके लिए खोदी जा रही कब्र में काफी अंतर नजर आ रहा है. अब मरीजों की तादाद में भी बढ़ोतरी हो रही है. वहीं मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. ऐसे में मुस्लिम समाज के लोगों को सुपुर्द ए खाक करने के लिए कब्रिस्तान की तंगहाली का सामना करना पड़ रहा है.
मुस्लिम समाज की धार्मिक संस्थाओं की ओर से भी प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. पत्र में मांग की गई है कि कब्रिस्तान के लिए मुस्लिम समाज को और जगह दी जाए, ताकि कोरोना से मारने वाले लोगों को सुपुर्द ए खाक किया जा सके. जौहरी बाजार इलाके में स्थित जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष नईमुद्दीन कुरैशी का कहना है कि हम लोगों को यह बात बोलते हुए अफसोस हो रहा है कि आज कोरोना से रोजाना कई लोगों का इंतकाल हो रहा है.
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उन तमाम लोगों को सुपुर्द ए खाक करने के लिए कब्रिस्तान की तंगहाली का सामना करना पड़ रहा है, पिछले कुछ रोज पहले हमारी तरफ से प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत को पत्र भी लिखा गया था. तमाम महकमे के आला अधिकारियों और जयपुर जिला कलेक्टर को इस बारे में अवगत भी कराया गया था. एक बार फिर हम दोबारा राजस्थान के मुखिया और तमाम महकमों के आला अधिकारियों से अपील करेंगे कि कोरोना के संक्रमण को देखते हुए मुस्लिम समाज को कब्रिस्तान के लिए जमीन दी जाए.