जयपुर. प्रदेश में महापौर नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे मुस्लिम समाज ने मंगलवार को प्रदेश प्रभारी महासचिव अजय माकन के सामने अपनी नाराजगी जताई. साथ ही मुस्लिम समाज के नेताओं ने अपने साथ मांगों का ज्ञापन भी अजय माकन और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सौंपा.
इस दौरान मुस्लिम प्रतिनिधियों ने पूर्व विधायक भालू खान के बेटे उर्दू टीचर शमशेर खान की उर्दू बचाओ आंदोलन के तहत चल रही दांडी यात्रा का मसला भी अजय माकन के सामने रखा. मंगलवार को इस मामले में मुस्लिम प्रोग्रेसिव फॉर्म राजस्थान ने अजय माकन और गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने एक ज्ञापन अजय माकन और गोविंद डोटासरा को दिया और कहा कि सरकार उर्दू आंदोलन के तहत चल रही चूरू से दांडी गुजरात तक की 1090 किलोमीटर की यात्रा में से 650 किलोमीटर यात्रा पूरी होने के बावजूद कोई सकारात्मक दृष्टिकोण नहीं अपना रही है.
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माकन से की महापौर नहीं बनाए जाने की शिकायत...
इस दौरान जब उनकी बात अजय माकन से हुई तो उन्होंने महापौर नहीं बनाई जाने की शिकायत भी कर दी. माकन ने उर्दू पैराटीचर के मामले पर सरकार की ओर से कार्रवाई करने का आश्वासन और दांडी यात्रा को लेकर सकारात्मक जवाब दिया, लेकिन जैसे ही महापौर नहीं बनाए पर नाराजगी जताई जाने लगी तो अजय माकन ने कहा कि पार्टी ने उपमहापौर कितने बनाए हैं इनकी बात क्यों नहीं की जाती है.
उपमहापौर को लेकर मुस्लिम प्रतिनिधियों ने कहा कि इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है. इस पर माकन ने कहा कि उप महापौर से क्यों मतलब नहीं है और वैसे भी यह पार्टी का आंतरिक मामला है, इस मामले पर मुस्लिम प्रतिनिधि अलग से आकर मुलाकात कर ले.
जो होने वाला काम होगा, वह जरूर किया जाएगा: डोटासरा
वहीं, इसी मामले पर मुस्लिम प्रतिनिधियों ने प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से भी मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन दिया. डोटासरा ने कहा कि आप कांग्रेस के प्रतिनिधि होकर भी अगर मुझसे चर्चा नहीं कर रहे हो तो फिर और किसी से क्या उम्मीद की जाए. उन्होंने शमशेर खान की यात्रा को लेकर कहा कि यात्रा की नौबत क्यों आई, अगर आप लोग पहले ही बात कर लेते तो समस्या का समाधान हो जाता. सरकार आप लोगों ने बनाई है और जो काम आप लोगों का होने वाला होगा, वह जरूर किया जाएगा.
मुस्लिम प्रतिनिधियों के डोटासरा को सुनाया खरी-खरी...
मुस्लिम प्रतिनिधियों ने प्रदेश अध्यक्ष को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि मुस्लिम की बात सरकार नहीं सुनती है. उन्होंने कहा कि माइनॉरिटी को ही हमेशा सरकार को जगाना पड़ता है. इस पर डोटासरा भी नाराज हो गए और रवाना हो गए. साथ ही उन्होंने कहा कि जगाना नहीं, कम से कम बताना तो पड़ेगा कि क्या समस्या है.
दरअसल, मुस्लिम प्रोग्रेसिव फॉर्म की ओर से अजय माकन को जो ज्ञापन दिया गया, उसमें एक मांग यह थी कि शमशेर खान जो उर्दू बचाओ यात्रा निकाल रहे हैं उनकी मांगों को सरकार मानें. गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पिछली सरकार के समय जो स्टाफिंग पैटर्न हुआ था, उस पेटर्न को लेकर कुछ शिकायतें हैं जिन्हें लेकर सरकार ने संबंधित विभाग से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांग ली है.
सरकार हर किसी की भावना का ध्यान रख रही है: डोटासरा
डोटासरा ने कहा कि कक्षा 1 से 8 तक अगर उर्दू विषय था तो आगे भी उर्दू विषय पढ़ाया जाए, इसके लिए भी सरकार ने पत्रावली चला दी है. उन्होंने कहा कि हर किसी की भावना का सरकार ध्यान रख रही है. वहीं, मुस्लिम प्रतिनिधियों ने उपमहापौर बनाए जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय उपमहापौर पद से संतुष्ट नहीं है. हमें महापौर पद चाहिए था और हमने पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता होने के नाते अपनी वस्तु स्थिति से पार्टी को अवगत करा दिया है. अब सरकार को चाहिए कि वह शमशेर खान की यात्रा और पैरा टीचर्स के नियमितीकरण और पार्टी में मुस्लिमों को प्रतिनिधित्व देने पर विचार करें.
ज्ञापन के जरिए मुस्लिम समाज ने सरकार से यह मांग की...
- समस्त पैरा टीचर को पहले की भांति प्रबोधक बनाकर नियमित किया जाए.
- भविष्य में मदरसों में विभिन्न वर्गों के कार्मिकों की भर्ती के लिए सेवा नियम बनाकर नियमित भर्ती की जाए.
- शिक्षा निदेशालय बीकानेर का 13 दिसंबर 2004 का अल्प भाषा उर्दू, हिंदी, गुजराती और पंजाबी से संबंध का आदेश शत-प्रतिशत लागू किया जाए.
- प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्टाफिंग पैटर्न के नियम में संशोधन कर प्रस्तावित रीट भर्ती में उर्दू के L1 के 5000 और L2 के 5000 पदों पर तत्काल भर्ती करके विद्यालय में शिक्षण प्रारंभ किया जाए.
- उर्दू शिक्षा निदेशालय की स्थापना की जाए.
- सभी कॉलेजों में उर्दू व्याख्याता का पद सृजित किया जाए और सभी राष्ट्रीय विवेकानंद मॉडल स्कूल और महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल जो सरकार के द्वारा संचालित होते हैं, उसमें उर्दू शिक्षा को लागू किया जाए.
- कांग्रेस पार्टी की रीति-नीति के खिलाफ मनमाने तरीके से 2 सितंबर 2020 और 5 सितंबर 2020 के आदेश द्वारा स्कूलों में उर्दू शिक्षा को बंद करने का आदेश जारी करने वाले सौरव स्वामी निदेशक प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर को हटाकर पदस्थापन प्रतीक्षा में रखा जाए. साथ ही मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाकर उन्हें निलंबित किया जाए.