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जयपुर: बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराने की बरसी पर मुस्लिम फोरम ने की प्रार्थना सभा

मुस्लिम मुसाफिर खाने में बाबरी मस्जिद विवादित ढांचा गिराने की बरसी के मौके पर राजस्थान मुस्लिम फोरम के तत्वावधान में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. अलग-अलग मुस्लिम संस्थाओं के पदाधिकारियों ने इस प्रार्थना सभा को संबोधित किया.

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बाबरी विध्वंस की बरसी
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Published : Dec 6, 2020, 9:22 PM IST

जयपुर. बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराने की बरसी पर रविवार को मुस्लिम संगठनों ने कई कार्यक्रम आयोजित किए. मुस्लिम मुसाफिर खाने में बाबरी मस्जिद विवादित ढांचा गिराने की बरसी के मौके पर राजस्थान मुस्लिम फोरम के तत्वावधान में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. अलग-अलग मुस्लिम संस्थाओं के पदाधिकारियों ने इस प्रार्थना सभा को संबोधित किया.

आज ही के दिन 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विवादित ढांचा ढहाया गया था. एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स के उपाध्यक्ष एडवोकेट सैयद सआदत अली ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि बाबरी मस्जिद विवादित ढांचे के गिराने के मामले में अदालत इंसाफ करेगी लेकिन नाउम्मीदी हाथ लगी. पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद आसिफ, जामा मस्जिद के सेक्रेटरी नईम कुरैशी ने भी इस दौरान अपनी बात रखी.

पढे़ं: कांग्रेस सरकार यदि आंतरिक कलह से गिरेगी को BJP विपक्ष की रोल अदा करेगी : देवनानी

शिया जाम मस्जिद के खतीब ने कहा कि बाबरी मस्जिद विवादित ढांचे पर अदालत का फैसला बहुसंख्यक समुदाय की आस्था पर आधारित है. हालांकि बहुसंख्यक समुदाय की आस्था भी नाइंसाफी का समर्थन नहीं करती है. वहदत इस्लामी के साजिद सहराई ने कहा कि लोकतंत्र में इंसाफ नहीं होता है बल्कि बहुसंख्यक वर्ग की इच्छा पूर्ति होती है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में चाहे जितना बड़ा मंदिर का निर्माण हो जाए लेकिन वह हमारे लिए हमेशा मस्जिद ही रहेगी.

जमात-ए-इस्लामी हिंद राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद नाजिमुद्दीन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले में जबरदस्त विरोधाभास है. उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिराने वाले मुजरिमों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए.

जयपुर. बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराने की बरसी पर रविवार को मुस्लिम संगठनों ने कई कार्यक्रम आयोजित किए. मुस्लिम मुसाफिर खाने में बाबरी मस्जिद विवादित ढांचा गिराने की बरसी के मौके पर राजस्थान मुस्लिम फोरम के तत्वावधान में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. अलग-अलग मुस्लिम संस्थाओं के पदाधिकारियों ने इस प्रार्थना सभा को संबोधित किया.

आज ही के दिन 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विवादित ढांचा ढहाया गया था. एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स के उपाध्यक्ष एडवोकेट सैयद सआदत अली ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि बाबरी मस्जिद विवादित ढांचे के गिराने के मामले में अदालत इंसाफ करेगी लेकिन नाउम्मीदी हाथ लगी. पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद आसिफ, जामा मस्जिद के सेक्रेटरी नईम कुरैशी ने भी इस दौरान अपनी बात रखी.

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शिया जाम मस्जिद के खतीब ने कहा कि बाबरी मस्जिद विवादित ढांचे पर अदालत का फैसला बहुसंख्यक समुदाय की आस्था पर आधारित है. हालांकि बहुसंख्यक समुदाय की आस्था भी नाइंसाफी का समर्थन नहीं करती है. वहदत इस्लामी के साजिद सहराई ने कहा कि लोकतंत्र में इंसाफ नहीं होता है बल्कि बहुसंख्यक वर्ग की इच्छा पूर्ति होती है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में चाहे जितना बड़ा मंदिर का निर्माण हो जाए लेकिन वह हमारे लिए हमेशा मस्जिद ही रहेगी.

जमात-ए-इस्लामी हिंद राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद नाजिमुद्दीन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले में जबरदस्त विरोधाभास है. उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिराने वाले मुजरिमों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए.

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