जयपुर. मुस्लिम परिषद संस्थान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद को पत्र लिखकर कोविड 19 महामारी में ड्यूटी दे रहे मदरसा पैराटीचर्स का भी 50 लाख का बीमा कराने की मांग की है. मुस्लिम परिषद संस्थान ने मांग की है कि कोरोना संक्रमण से मौत होने पर मदरसा पैराटीचर्स को भी 50 लाख का मुआवजा दिया जाए. पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के मदरसा पैराटीचर्स संविदाकर्मी हैं और बेहद कम मानदेय पर काम कर रहे हैं, इसलिए कोरोना ड्यूटी पर कार्यरत पैराटीचर्स को अतिरिक्त भत्ता भी दिया जाए.
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मदरसा पैरा टीचरों की इस मांग को लेकर अब मुस्लिम संस्थाएं भी आगे आ रही हैं. मुस्लिम परिषद संस्थान ने इसके लिए मुख्यमंत्री और अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि राजस्थान मदरसा बोर्ड के तहत संविदा पर नियुक्त मदरसा शिक्षा सहयोगियों से जिला प्रशासन, कोरोना वायरस के इस मुश्किल दौर में शिक्षकों की भांति सर्वे और सैंपलिंग टीम के साथ काम लिया जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा कोरोना ड्यूटी पर नियुक्त कर्मचारियों के लिए यह घोषणा की जा चुकी है कि मदरसा पैरा टीचरों के कोरोना वायरस से संक्रमण से मौत होने पर 50 लाख का मुआवजा दिया जाएगा.
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मदरसा पैरा टीचर, संविदा कर्मी होने के बावजूद वर्तमान में सरकार के आदेशों की पालना में कोरोना योद्धा की तरह संक्रमण वाले इलाकों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि इनका मानदेय भी बेहद कम है. लेकिन, इनके लिए इस प्रकार की कोई घोषणा नहीं किए जाने की पीड़ा मदरसा पैरा टीचर्स द्वारा व्यक्त की जा रही है.
मुस्लिम परिषद संस्थान ने मांग की है कि अन्य कर्मचारियों के साथ कोरोना ड्यूटी में लगे पैराटीचर्स को भी यह मुआवजा दिया जाने का आदेश सरकार की ओर से दिया जाए. साथ ही मानदेय के बावजूद ड्यूटी दे रहे मदरसा शिक्षकों के लिए विशेष भत्ता भी दिया जाए.