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राजस्थान में 90 सीटों पर निकाय चुनाव, बागियों को मनाने में जुटीं बीजेपी-कांग्रेस - राजस्थान हिंदी न्यूज

राजस्थान में 20 जिलों में 90 सीटों पर होने वाले निकाय चुनाव के लिए नामांकन दाखिल हो चुके हैं. ऐसे में अब भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियां टिकट नहीं मिलने से नाराज अपनी पार्टी के सदस्यों के मान मनौव्वल में जुट गई हैं.

Municipal elections in Rajasthan, बागियों को मनाने में जुटीं बीजेपी-कांग्रेस
बागियों को मनाने में जुटीं बीजेपी-कांग्रेस
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Published : Jan 16, 2021, 2:08 PM IST

जयपुर. राजस्थान में 20 जिलों में 90 सीटों पर होने वाले निकाय चुनाव के लिए नामांकन दाखिल हो चुके हैं. ऐसे में अब भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियां टिकट नहीं मिलने से नाराज अपनी पार्टी के सदस्यों के मान मनौव्वल में जुट गई हैं.

दरअसल 90 सीटों पर होने वाले निकाय चुनाव में 3035 वार्डों के लिए 15 हजार 144 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है. ऐसे में साफ है कि प्रदेश के 20 जिलों में होने वाले निकाय चुनाव में दोनों पार्टियों में करीब 6000 प्रत्याशी ऐसे हैं, जो अपनी पार्टी से बगावत कर रहे हैं. ऐसे में दोनों ही पार्टियां अपने बागियों को मनाने के प्रयास में लगी हैं, ताकि चुनाव में जीत दर्ज की जा सके.

कांग्रेस के जो बागी मानेंगे, उन्हें दिया जाएगा राजनीतिक नियुक्तियों में स्थान

राजस्थान में सत्ताधारी दल कांग्रेस है. ऐसे में इस चुनाव में हार जीत का ज्यादा असर कांग्रेस पार्टी पर ही पड़ेगा. कांग्रेस पार्टी अपने बागियों को मनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी और सबसे बड़ा आश्वासन इन बागियों के लिए होगा राजनीतिक नियुक्तियों का.

यह भी पढ़ेंः सलमान खान कोरोना को ढाल बना 7वीं बार नहीं हुए पेश, कोर्ट ने कहा-हर बार नहीं चलेगी हाजिरी माफी

दरअसल, प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियां हैं जो जिले स्तर पर होनी हैं. ऐसे में जो बागी पार्टी की बात मानकर नाम वापस लेता है, उसे राजनीतिक नियुक्तियों का आश्वासन मिलेगा और संभव है कि उनके नाम उस लिस्ट में शामिल भी कर लिए जाएं जो राजनीतिक नियुक्तियों के लिए तैयार किए जा रहे हैं.

भाजपा को बचाना है शहरों का घर, लेकिन उसके पास केवल अनुशासन का डंडा

ऐसा नहीं है कि चुनाव में केवल कांग्रेस के प्रत्याशी ही बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं. यही हाल भाजपा का भी है. भाजपा के सामने चुनौती यह है कि उसे किसी भी तरीके से अपने शहरी वोटरों को संभाल कर रखना है. ऐसे में अपना गढ़ बचाने के लिए भाजपा को बगावत कर रहे नेताओं की समझाइश करनी होगी और अगर यह समझाइश से नहीं मानते हैं, तो भाजपा फिर एक बार अनुशासन का डंडा इन बगीयों पर चलाएगी.

इन 20 जिलों में है 90 सीटों पर निकाय चुनाव

प्रदेश के झुंझुनू, झालावाड़, पाली, नागौर, राजसमंद, सीकर, अजमेर, बीकानेर ,भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, बूंदी, डुंगरपुर, चूरू, टोंक, उदयपुर, बांसवाड़ा, जैसलमेर और जालौर में चुनाव हैं, जहां एक नगर निगम, नगर परिषद और 80 नगर पालिका हैं यहा कुल 3035 वार्डों में चुनाव होंगे.

जयपुर. राजस्थान में 20 जिलों में 90 सीटों पर होने वाले निकाय चुनाव के लिए नामांकन दाखिल हो चुके हैं. ऐसे में अब भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियां टिकट नहीं मिलने से नाराज अपनी पार्टी के सदस्यों के मान मनौव्वल में जुट गई हैं.

दरअसल 90 सीटों पर होने वाले निकाय चुनाव में 3035 वार्डों के लिए 15 हजार 144 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है. ऐसे में साफ है कि प्रदेश के 20 जिलों में होने वाले निकाय चुनाव में दोनों पार्टियों में करीब 6000 प्रत्याशी ऐसे हैं, जो अपनी पार्टी से बगावत कर रहे हैं. ऐसे में दोनों ही पार्टियां अपने बागियों को मनाने के प्रयास में लगी हैं, ताकि चुनाव में जीत दर्ज की जा सके.

कांग्रेस के जो बागी मानेंगे, उन्हें दिया जाएगा राजनीतिक नियुक्तियों में स्थान

राजस्थान में सत्ताधारी दल कांग्रेस है. ऐसे में इस चुनाव में हार जीत का ज्यादा असर कांग्रेस पार्टी पर ही पड़ेगा. कांग्रेस पार्टी अपने बागियों को मनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी और सबसे बड़ा आश्वासन इन बागियों के लिए होगा राजनीतिक नियुक्तियों का.

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दरअसल, प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियां हैं जो जिले स्तर पर होनी हैं. ऐसे में जो बागी पार्टी की बात मानकर नाम वापस लेता है, उसे राजनीतिक नियुक्तियों का आश्वासन मिलेगा और संभव है कि उनके नाम उस लिस्ट में शामिल भी कर लिए जाएं जो राजनीतिक नियुक्तियों के लिए तैयार किए जा रहे हैं.

भाजपा को बचाना है शहरों का घर, लेकिन उसके पास केवल अनुशासन का डंडा

ऐसा नहीं है कि चुनाव में केवल कांग्रेस के प्रत्याशी ही बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं. यही हाल भाजपा का भी है. भाजपा के सामने चुनौती यह है कि उसे किसी भी तरीके से अपने शहरी वोटरों को संभाल कर रखना है. ऐसे में अपना गढ़ बचाने के लिए भाजपा को बगावत कर रहे नेताओं की समझाइश करनी होगी और अगर यह समझाइश से नहीं मानते हैं, तो भाजपा फिर एक बार अनुशासन का डंडा इन बगीयों पर चलाएगी.

इन 20 जिलों में है 90 सीटों पर निकाय चुनाव

प्रदेश के झुंझुनू, झालावाड़, पाली, नागौर, राजसमंद, सीकर, अजमेर, बीकानेर ,भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, बूंदी, डुंगरपुर, चूरू, टोंक, उदयपुर, बांसवाड़ा, जैसलमेर और जालौर में चुनाव हैं, जहां एक नगर निगम, नगर परिषद और 80 नगर पालिका हैं यहा कुल 3035 वार्डों में चुनाव होंगे.

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