जयपुर. जिले के दोनों नगर निगम सहित 6 नवगठित नगर निगमों में वार्ड पुनर्गठन का काम मुख्य नगरपालिका अधिकारी की सरपरस्ती में ही होगा. स्वायत्त शासन विभाग की ओर से निकाली गई अधिसूचना के अनुसार जयपुर, जोधपुर और कोटा के दोनों निगमों में वार्ड पुनर्गठन का काम 15 नवंबर से शुरू हो जाएगा और 31 मार्च 2020 तक वार्डों का अंतिम प्रारूप प्रकाशित होगा.
जानकारी के अनुसार जयपुर, जोधपुर और कोटा में वार्डों का पुनर्गठन एक बार फिर निगम प्रशासन ही देखेगा. नगर पालिका चुनाव के लिए नवगठित नगर निगमों में साल 2011 की जनगणना के आधार पर ही वार्डों का पुनर्गठन किया जाएगा. अधिसूचना के अनुसार राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 6 और 9 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह फैसला लिया गया है. जिसके तहत जयपुर हेरिटेज में 100, जयपुर ग्रेटर में 150, जोधपुर उत्तर, दक्षिण में 80-80, कोटा उत्तर में 70 और कोटा दक्षिण में 80 वार्डों का पुनर्गठन किया जाएगा.
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वहीं, अधिसूचना के अनुसार आयुक्त की ओर से वार्डों के पुनर्सीमांकन का प्रस्ताव तैयार कर उसका प्रकाशन 60 दिन में होना है. जिसके लिए 15 नवंबर से 13 जनवरी 2020 की तारीख निर्धारित की गई है. पुनर्सीमांकन के प्रस्ताव पर आपत्ति आमंत्रित कर उन्हें प्राप्त करने के लिए 30 दिन का समय निर्धारित किया गया है.
बता दें कि यह काम 13 फरवरी 2020 तक चलेगा. इसके बाद 15 दिन में नक्शे, आपत्तियों का निपटारा और राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा. आखिर में राज्य सरकार की ओर से आपत्तियों का निस्तारण एवं प्रस्ताव का अनुमोदन करने के लिए 2 मार्च से लेकर 31 मार्च 2020 तक का समय निर्धारित किया गया है.
जयपुर नगर निगम के कमिश्नर विजय पाल सिंह ने बताया कि वार्ड पुनर्गठन के काम को करने के लिए जल्द कमेटी बनाई जाएगी और सभी मापदंडों को ध्यान में रखते हुए ये कार्य संपादित किया जाएगा. हालांकि, पिछले दिनों जयपुर में किए गए 150 वार्ड के पुनर्गठन के दौरान आपत्तियों में कुछ वार्ड में जनसंख्या से ज्यादा वोटर आने की स्थिति भी सामने आई. जिस पर उन्होंने वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर वार्ड पुनर्गठन का काम होने और तब से लेकर अब तक कई क्षेत्रों में आबादी का औसत बढ़ने पर ऐसी स्थिति उत्पन्न होने का तर्क दिया.