जयपुर. जनसंख्या नियंत्रण के लिए जागरूकता वाले सरकारी और गैर सरकारी विज्ञापनों पर भी अब तुष्टीकरण की सियासत हावी होती दिख रही है. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस प्रकार के विज्ञापनों पर अब बुर्के वाली महिलाएं या टोपी वाले पुरुष को भी दिखाए जाने की मांग की है. फिलहाल वरिष्ठ नेता मुकेश दाधीच द्वारा लिखा गया ये पत्र राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
पत्र में मुकेश दाधीच ने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए विज्ञापनों में सामान्यता एक धर्म विशेष के महिला और पुरुषों को ही दिखाया जाता है. किसी भी विज्ञापन में बुर्के वाली महिला या टोपी वाले पुरुष को नहीं दिखाया जाता. इससे एक समुदाय विशेष में यह संदेश जाता है कि जनसंख्या नियंत्रण के उपाय या उपकरण जो है, वो हमारे समुदाय के नहीं हैं, जबकि भारत का कानून संदेश को सभी धर्मों में प्रसारित की बात करता है.
![Letter from Mukesh Dadhich, Population Control Advertisement](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-jpr-04-pmletter-editedpkg-7201261_29092020161349_2909f_1601376229_582.jpg)
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दाधीच ने लिखा कि पिछले लंबे समय से शायद तुष्टीकरण की नीति के कारण इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया. ऐसे में दाधीच ने पत्र के माध्यम से इसे देश की ज्वलंत समस्या बताते हुए प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित कर दिया और निवेदन भी कर डाला कि इस प्रकार के जनसंख्या नियंत्रण वाले विज्ञापनों में इस समुदाय की महिला और पुरुषों को भी प्रेरित करने के लिए दिखाने की कृपा करें.
इससे पहले मुकेश दाधीच ने अपने बयान में मुस्लिम समाज को इस बात के लिए भी धन्यवाद दिया था कि भ्रूण हत्या जैसे कृत्य इस समाज में नहीं के बराबर होते हैं. साथ ही मुकेश दाधीच यह भी कहते हैं कि यदि उनके इस निवेदन को सरकार मानती है तो इसका व्यापक असर जनसंख्या नियंत्रण पर भी पड़ेगा. बहरहाल पत्र तो प्रधानमंत्री को लिख दिया गया है, लेकिन इस पर सरकार अमल करती है या फिर इस पत्र के जरिए भी तुष्टीकरण की राजनीति परवान चढ़ेगी ये देखना लाजमी होगा.