जयपुर. कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में अपनी जान जोखिम में डालकर जुटे चिकित्साकर्मियों के सम्मान का सिलसिला जारी है. बुधवार को जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने जेके लोन अस्पताल पहुंचकर कोरोना योद्धाओं का सम्मान किया. साथ ही अस्पताल में शिशु उपचार के लिए सोनोग्राफी मशीन उपलब्ध कराने की घोषणा भी की.
रामचरण बोहरा ने अस्पताल में कोरोना संक्रमण से बचाव और पीपीपी किट बनाने के लिए अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता और सहायक आचार्य डॉ. योगेश यादव के कार्यों की सराहना की. उन्होंने कहा कि आपने सवाई मानसिंह चिकित्सालय के लिए पीपीपी किट बनाकर चिकित्सा जगत में जयपुर का नाम रोशन किया है.
साथ ही बोहरा ने कहा कि देश में आज ऐसे नवाचारों की जरूरत है, जिससे कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के संक्रमण से आमजन को बचाने में मदद मिलेगी. इस मौके पर सांसद ने अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ को पुष्पगुच्छ और माला पहनाकर उनका सम्मान किया. साथ ही हौसला अफजाई की.
सांसद रामचरण बोहरा ने इस मौके पर अस्पताल में नवजात शिशुओं के लिए हेड कूलिंग करने की मशीन और पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन, जिसमें हॉट प्रो भी शामिल है, देने की घोषणा की.
शराब बिक्री को लेकर बीजेपी नेता का बयान- मध्य प्रदेश की तर्ज पर बंद रखे शराब की दुकान
लॉकडाउन 3.0 के दौरान प्रदेश में खुली शराब की दुकानों को लेकर सियासत गर्म है. शराब की दुकानों के बाहर उमड़ रही लोगों की भीड़ को देखते हुए अब भाजपा नेताओं ने मध्य प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में भी शराब की दुकाने बंद रखने की मांग की है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और सत्कार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अजय धांधिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है.
धांधिया के अनुसार शराब की दुकानों पर जिस तरह भीड़ उमड़ रही है, उसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग और फिजिकल डिस्टेंसिंग की लगातार अवहेलना हो रही है. जिससे कोरोना वायरस का खतरा और बढ़ सकता है. उनके अनुसार किसी भी राज्य में अगर शराब की दुकानें खुलेंगी तो वहां की सरकार के लिए कोरोना को रोकना असंभव होगा. बावजूद इसके प्रदेश सरकार थोड़े से पैसे के लालच में लोगों की जान संकट में डाल रही है.
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने पहले ही यह भांप लिया था कि अगर शराब की दुकानें खुली तो कोरोना को रोकना असंभव होगा. इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी पत्रकारों से बातचीत के दौरान शराब की दुकानों पर लग रही भीड़ पर नाराजगी जताते हुए सरकार को सुझाव दिया था कि यदि राजस्व अर्जन करने का यही तरीका है तो फिर शराब विक्रय के सिस्टम में बदलाव करें और इसकी होम डिलीवरी कराएं.