जयपुर. राजस्थान बीजेपी (Rajasthan BJP) में चल रही खेमेबाजी और अंतरकलह के बीच पार्टी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा (Rajya Sabha MP Kirori Lal Meena) ने इस तरह की चर्चाओं को सिरे से खारिज किया है. हालांकि, एक सवाल के जवाब में मीणा ने ये जरूर कहा कि किसी भी नेता के बिना पार्टी शून्य नहीं होती. लेकिन यह कहने से भी नहीं चूके कि वसुंधरा राजे राजस्थान में वरिष्ठ और जनाधार वाली नेता हैं.
नेहरू की इंदिरा ने, वाजपेयी नहीं रहे तो मोदी ने ली जगह : मीणा
किरोड़ी लाल मीणा से जब सवाल पूछा गया कि राजे समर्थक कहते हैं कि वसुंधरा राजे के बिना बीजेपी राजस्थान में शून्य है. तब मीणा ने कहा किसी के बिना पार्टी शून्य नहीं होती. इस दौरान उन्होंने उदाहरण भी दिया कि कांग्रेस में जवाहरलाल नेहरू नहीं रहे तो उनकी जगह इंदिरा गांधी ने ले ली और इंदिरा गांधी नहीं रहीं तो अन्य ने. वैसे ही अटल बिहारी वाजपेयी नहीं रहे तो मोदी जी ने उनकी जगह ले ली.
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बीजेपी में चल रही गुटबाजी और पूर्व मुख्यमंत्री को साइड लाइन करने की चर्चाओं को विराम लगाते हुए किरोड़ी ने कहा कि यह सब गलत और भ्रामक है. राजे को साइड लाइन करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता और न वे पार्टी से अलग होने की सोच रही हैं. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि वसुंधरा राजे दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री और पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं और वह एक जनाधार वाले नेता भी हैं.
पूर्व में किरोड़ी मीणा रह चुके हैं, राजे के कट्टर विरोधी
कभी वसुंधरा राजे के कट्टर विरोधियों में शामिल रहे डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा का ये बयान थोड़ा चौंकाने वाला है. वो इसलिए क्योंकि किरोड़ी वहीं नेता है, जिन्होंने साल 2013 में हुए विधानसभा में खुद को बीजेपी से अलग करके नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) से चुनाव लड़ा था. उस समय किरोड़ी ने राज्य से चार सीटें जीती थी. जबकि 10 सीटों पर दूसरे नंबर की पार्टी रही थी.
हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले किरोड़ी लाल मीणा ने बीजेपी का दामन थाम लिया और उन्हें बीजेपी ने राज्यसभा सांसद भी बनाया. लेकिन न तो केंद्र की मोदी सरकार में उन्हें मंत्री पद मिल पाया और न ही प्रदेश बीजेपी संगठन में डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की कोई ज्यादा तवज्जो दी जा रही है.