भरतपुर. नागौर सांसद और आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल सोमवार को भरतपुर पहुंचे. यहां बेनीवाल ने कांग्रेस और बीजेपी पर गठबंधन और मिलीभगत का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा. बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान की बर्बादी का कारण कांग्रेस और भाजपा का मिलाजुला गठबंधन है. 22 साल तक वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत एक -दूसरे को बारी-बारी से जिताते रहे. कांग्रेस के करीब 1 दर्जन से अधिक नेताओं और मंत्रियों पर सीधे-सीधे आरोप लगे, लेकिन एक भी मामले की सीबीआई जांच नहीं कराई गई.
अपराध में राजस्थान नंबर वन: बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में जंगलराज है. आए दिन दुष्कर्म और हत्या की घटनाएं देखने को मिल रही है. अपराध के मामले में पहले राजस्थान 23वें नंबर पर था, लेकिन आज उत्तर प्रदेश और बिहार को पीछे छोड़कर पहले नंबर पर पहुंच गया. उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री कमजोर हो चुके हैं. सरकार को संभाल नहीं पा रहे हैं. बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान सरकार के 1 दर्जन से अधिक नेता, विधायक, मंत्री और मंत्री पुत्रों पर सीधे-सीधे आरोप लगे. लेकिन एक भी मामले में सरकार ने सीबीआई जांच नहीं कराई. ज्यादातर विधायक माफिया के रूप में सक्रिय हैं और शराब, भू माफिया और अन्य माफियाओं के रूप में काम कर रहे हैं.
बेनीवाल ने राज्यसभा चुनाव को लेकर कहा कि वह कांग्रेस पार्टी को अपना समर्थन नहीं देंगे और ना ही बीजेपी की बाड़ेबंदी मे शामिल होंगे. इसलिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने फैसला लिया है कि वो निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा को अपना पूरा समर्थन देंगे और उन्हीं के पक्ष में अपना मत (RLP to vote in favour of Subhash Chandra) देंगे. उन्होंने कहा कि विधायकों की बाड़ेबंदी की जा रही है. क्योंकि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों को अपने विधायकों पर विश्वास नहीं है. विधायक दिन में कुछ अलग बयान देते हैं और शाम को बयान बदल जाता है. क्योंकि सरकार में विधायकों को खुली छूट मिली हुई है. अपने कामों को करवाने के लिए मुख्यमंत्री पर विधायक दबाव बनाते हैं और मुख्यमंत्री को सरकार बचानी है.
उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां मिली हुई हैं. साढे 3 साल में किसी भी मुद्दे को लेकर बीजेपी ने अब तक कोई भी बड़ा आंदोलन नहीं किया है. राजस्थान सरकार के मंत्रियों-नेताओं पर बड़े आरोप लगने के बाद भाजपा के किसी नेता ने बयान नहीं दिया है. इसलिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने तय किया है कि राजस्थान में अब बड़े आंदोलन किए जाएंगे और जनता को यह संदेश दिया जाएगा कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी उनके साथ खड़ी हुई है.