जयपर. महंगाई के खिलाफ 4 सितंबर को दिल्ली में महारैली को (Maharally on 4th September in Delhi) लेकर राजधानी जयपुर में मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने अपनी बात रखी. जीतू पटवारी ने पिछले 8 साल में हो रही विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर सवाल उठाए. पटवारी ने कहा कि विधायकों की मंडी नरेंद्र मोदी के रहते देश में क्यों लग गई? उन्होंने कहा कि (Jitu Patwari target PM Modi) जैसे आदिकाल में गुलाम खरीदे और बेचे जाते थे लेकिन बाद में सभ्य समाज हुआ तो मानव के तौर पर गुलामों के खरीद-फरोख्त पर रोक लगी. आगे जब लोकतांत्रिक व्यवस्था आई जिसमें जनता को ताकत मिली और विधायक चुने जाने लगे, लेकिन अब यह मंडी नरेंद्र मोदी के राज में क्यों लगी है?
नरेंद्र मोदी के आने के बाद 11 राज्यों में 400 से ज्यादा विधायकों की अदला बदली हुई. कहीं 50 करोड़, कहीं 30 करोड़ तो कहीं 20 करोड़ में विधायकों को खरीदा गया. वहीं गुलाम नबी आजाद को लेकर भी जीतू पटवारी ने कहा कि जो सवाल आजाद ने 2 साल पहले G-23 के तौर पर उठाए थे, अब उन बातों का पूरा होने का जब समय आया तो उन्होंने यह कदम क्यों उठा लिया. अब जब उन्होंने यह समय चुना है तो अंदेशा होता है कि बिना आग लगे धुंआ नहीं उठता है. उनके इस कदम से किसे ज्यादा लाभ होने वाला है यह सवाल सबके मन में है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में पहले महंगाई और भ्रष्टाचार, रुपये की कीमत को लेकर जो भी कहा था उसे लेकर वीडियो चलाएं. इस दौरान जीतू पटवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री हमारा है, देश हमारा है लेकिन दुख की बात यह है कि सबसे झूठा प्रधानमंत्री भी हमारा ही है. जीतू पटवारी (MP congress leader Jitu Patwari) ने भारत में महंगाई की तुलना श्रीलंका से करते हुए कहा कि अगर कीमतें इसी रफ्तार से बढ़ती गईं तो भारत के हालात भी श्रीलंका जैसे हो जाएंगे. पटवारी ने कहा कि पीएम मोदी उस समय कहते थे कि अटल बिहारी बाजपेयी ने जहां महंगाई छोड़ी वहां ले आओ तो अब हमारा सवाल है मनमोहन सिंह के समय महंगाई जहां थी आप वहां तक तो लेकर लेकर आएं. उन्होंने कहा कि भजपा के लोगों को महंगाई नहीं दिख रही है.
45 साल में पीएम मोदी सरकार में सबसे ज्यादा बेरोजगारी रही है और देश का 42 प्रतिशत युवा बेरोजगार है. उन्हीने कहा कि पाकिस्तान-श्रीलंका में हालात खराब होने पर भी आटे, दाल पर टैक्स नहीं है, लेकिन हमारे देश में लग रहा है. उन्होंने कहा कि 4 साल बाद अग्निवीर के तौर पर भर्ती होने वाले युवा जब निकाले जाने के बाद बाहर आएंगे तो क्या होगा.
जीतू पटवारी के आरोपों को भाजपा ने बताया बेबुनियाद : कांग्रेस की दिल्ली में 4 सितंबर को महंगाई के खिलाफ हल्ला बोल रैली को लेकर हुई कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी की प्रेस वार्ता में लगाए गए आरोपों को भाजपा ने निराधार बताया है. प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस शासित सरकार में ही आज सर्वाधिक महंगाई है. इसके जिम्मेदार प्रदेश सरकार है.
राठौड़ ने सोमवार शाम एक बयान जारी कर कहा कि हकीकत यह है कि राजस्थान में कांग्रेस शासित सरकार होने के बावजूद पेट्रोल-डीजल पर अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा वैट, सर्वाधिक मंडी शुल्क और 17 रुपये प्रति यूनिट तक की महंगी बिजली देकर उपभोक्ताओं को महंगाई के बोझ तले दबाया जा रहा है. राठौड़ ने कहा कि जनघोषणा पत्र में महंगाई नियंत्रण हेतु आवश्यक व प्रभावी कदम उठाने और पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का दावा करने वाली सरकार के शासन में पेट्रोल पर 31.4% व डीजल पर 19.30% वैट है. केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से त्रस्त आम लोगों को राहत देने के लिए नवंबर 2021 और मई 2022 में एक्साइज ड्यूटी घटाई थी और राज्य सरकारों से वैट घटाने का आग्रह किया था. दुर्भाग्य है कि राज्य के मुखिया ने वैट की दरों में कमी नहीं करके महंगाई का बूस्टर डोज प्रदेश की साढ़े 7 करोड़ जनता को देने का महापाप किया.
राठौड़ ने कहा कि CMIE के अनुसार 29.8% बेरोजगारी दर के साथ राजस्थान देश में दूसरे पायदान पर है. बेरोजगारी का आलम यह है कि प्रदेश के युवा आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं. राज्य में बेरोजगार युवाओं की संख्या 67 लाख है जिसमें 23 लाख ग्रेजुएट बेरोजगार है. सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी, लेकिन दुर्भाग्य है कि वर्तमान में महज 53 हजार बेरोजगार युवा ही भत्ता ले रहे हैं, क्योंकि सरकार ने 4 घंटे की सरकारी कार्यालय में चौकीदारी करने की मनमानी शर्त लगा रखी है.
राठौड़ ने कहा कि पांच सितारा होटलों में महंगाई पर चर्चा करने के लिए कभी 300 रुपये की चाय पीकर व 1 हजार रुपये की प्लेट का भोजन खाकर महंगाई कम करने और गरीबों की चिंता का दिखावा करने वाले कांग्रेस नेताओं को कांग्रेस शासित राज्यों में महंगाई और बेरोजगारी के आंकड़ों का गहन अध्ययन करना चाहिए. तत्पश्चात् वह स्वयं समझ जाएंगे कि महंगाई की जनक खुद कांग्रेस ही है. राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कभी महंगाई को लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की मूर्ति के सामने धरने का ढोंग करती हैं तो कभी राज्यपाल का घेराव करते हैं तो कभी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अनर्गल आरोप लगाती है.