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कांग्रेस का मंत्री दरबार: अब तक 6500 से ज्यादा फरियादी जन सुनवाई के लिए कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शुरू किए गए जनसुनवाई कार्यक्रम के तहत अब तक मुख्यालय पर 6500 से ज्यादा फरियादी अपनी फरियाद लेकर आ चुके हैं. संगठन की माने तो जनसुनवाई में आई 40 फीसदी समस्याएं तो उसी समय फोन करके दूर कर दी जाती है. वहीं, 15 फीसदी मामले तबादलों से जुड़े हैं, जो तबादले खुलने के बाद ही पूरे हो सकते हैं.

कांग्रेस का जनसुनवाई कार्यक्रम, Congress public hearing program
कांग्रेस का जनसुनवाई कार्यक्रम
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Published : Jan 14, 2020, 3:31 PM IST

Updated : Jan 15, 2020, 10:17 AM IST

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में 7 अक्टूबर से मंत्री दरबार यानी जनसुनवाई कार्यक्रम शुरू हुआ. जिसमें पहली बार जनसुनवाई मंत्री बीडी कल्ला ने की थी और 7 अक्टूबर से अब तक 3 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है. इस दौरान करीब 6500 फरियादी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मंत्रियों के सामने अपनी फरियाद लेकर पहुंचे.

कांग्रेस मुख्यालय पर अब तक 65 हजार फरियादी जनसुनवाई में पहुंचे

खास बात यह है कि मंत्री हो या संगठन साफ तौर पर यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आने वाले लोगों को जनसुनवाई से सीधा फायदा हो रहा है. संगठन की माने तो जनसुनवाई में आई 40 फीसदी समस्याएं तो उसी समय फोन करके दूर कर दी जाती है. वहीं, 15 फीसदी मामले तबादलों से जुड़े हैं, जो तबादले खुलने के बाद ही पूरे हो सकते हैं.

उधर, 10 फीसदी जनसमस्याएं कांग्रेस के उन नेताओं की ही थी. जिन्होंने अपने लिए बोर्ड निगम या आयोग में राजनीतिक नियुक्तियों की मांग की है. इसी तरह से बाकी बची 35 फीसदी समस्याओं के लिए संबंधित विभागों को लिखा गया है. जिनकी स्टेटस रिपोर्ट बकायदा सीएमओ प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के साथ ही प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के जरिए दिल्ली भी पहुंचाई जाती है.

पढ़ें- CM पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करना चाहते हैं : सतीश पूनिया

राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में जब से जन सुनवाई शुरू हुई है तब से लेकर अब तक सबसे ज्यादा फरियादी अगर किसी मंत्री की जनसुनवाई में पहुंचे हैं, तो वह मंत्री रमेश मीणा है. अकेले रमेश मीणा ने तीन बार की अपनी जनसुनवाई में 1200 के करीब लोगों की जनसुनवाई की है. इसके बाद दूसरे नंबर पर आते हैं मंत्री शांति धारीवाल जो अपनी दो बार की जनसुनवाई में 500 लोगों की जनसुनवाई कर चुके हैं.

वहीं, मंत्री प्रताप सिंह भी अपनी तीन जनसुनवाई में 400 और मंत्री लालचंद कटारिया चार जनसुनवाई में करीब 400 लोगों की जन सुनवाई कर चुके हैं. अगर बात करें सबसे ज्यादा बाद जनसुनवाई करने की तो प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पहुंचने वाले मंत्रियों में सबसे ज्यादा बार जनसुनवाई करने पहुंचने वाले मंत्री भजन लाल जाटव है. जिन्होंने अब तक पांच बार जनसुनवाई की है. उसके बाद मंत्री बीडी कल्ला और लालचंद कटारिया चार-चार बार जनसुनवाई कर चुके हैं.

पढ़ें- उर्दू में लिखा धमकी भरा पत्र मिलने पर बोलीं प्रज्ञा ठाकुर- 'दम होता तो सामने आते'

जनसुनवाई में कुछ मंत्री पीछे भी रह गए...

ऐसा नहीं है कि प्रदेश में अब तक प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई जनसुनवाई में सभी मंत्री पहुंचे हो. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में होने वाली जनसुनवाई से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को अलग रखा गया है. मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अपने निवास पर जनसुनवाई करते हैं. इन दोनों के अलावा एक मात्र पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ऐसे मंत्री है जो एक बार भी जनसुनवाई करने नहीं पहुंचे हैं. वहीं, शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी भी केवल एक बार ही जन सुनवाई करने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे.

वहीं, जनसुनवाई से जुड़ी एक रोचक बात ये है कि मंत्री सुभाष गर्ग कांग्रेस के नहीं हैं लेकिन मंत्री होने के नाते वो कांग्रेस मुख्यालय पर जनसुनवाई के लिए पहुंचे. वह आरएलडी से चुनाव जीते हैं लेकिन फिर भी वह गठबंधन के तहत प्रदेश में मंत्री बने. जिसके तहत उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय पर जनसुनवाई की.

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में 7 अक्टूबर से मंत्री दरबार यानी जनसुनवाई कार्यक्रम शुरू हुआ. जिसमें पहली बार जनसुनवाई मंत्री बीडी कल्ला ने की थी और 7 अक्टूबर से अब तक 3 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है. इस दौरान करीब 6500 फरियादी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मंत्रियों के सामने अपनी फरियाद लेकर पहुंचे.

कांग्रेस मुख्यालय पर अब तक 65 हजार फरियादी जनसुनवाई में पहुंचे

खास बात यह है कि मंत्री हो या संगठन साफ तौर पर यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आने वाले लोगों को जनसुनवाई से सीधा फायदा हो रहा है. संगठन की माने तो जनसुनवाई में आई 40 फीसदी समस्याएं तो उसी समय फोन करके दूर कर दी जाती है. वहीं, 15 फीसदी मामले तबादलों से जुड़े हैं, जो तबादले खुलने के बाद ही पूरे हो सकते हैं.

उधर, 10 फीसदी जनसमस्याएं कांग्रेस के उन नेताओं की ही थी. जिन्होंने अपने लिए बोर्ड निगम या आयोग में राजनीतिक नियुक्तियों की मांग की है. इसी तरह से बाकी बची 35 फीसदी समस्याओं के लिए संबंधित विभागों को लिखा गया है. जिनकी स्टेटस रिपोर्ट बकायदा सीएमओ प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के साथ ही प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के जरिए दिल्ली भी पहुंचाई जाती है.

पढ़ें- CM पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करना चाहते हैं : सतीश पूनिया

राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में जब से जन सुनवाई शुरू हुई है तब से लेकर अब तक सबसे ज्यादा फरियादी अगर किसी मंत्री की जनसुनवाई में पहुंचे हैं, तो वह मंत्री रमेश मीणा है. अकेले रमेश मीणा ने तीन बार की अपनी जनसुनवाई में 1200 के करीब लोगों की जनसुनवाई की है. इसके बाद दूसरे नंबर पर आते हैं मंत्री शांति धारीवाल जो अपनी दो बार की जनसुनवाई में 500 लोगों की जनसुनवाई कर चुके हैं.

वहीं, मंत्री प्रताप सिंह भी अपनी तीन जनसुनवाई में 400 और मंत्री लालचंद कटारिया चार जनसुनवाई में करीब 400 लोगों की जन सुनवाई कर चुके हैं. अगर बात करें सबसे ज्यादा बाद जनसुनवाई करने की तो प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पहुंचने वाले मंत्रियों में सबसे ज्यादा बार जनसुनवाई करने पहुंचने वाले मंत्री भजन लाल जाटव है. जिन्होंने अब तक पांच बार जनसुनवाई की है. उसके बाद मंत्री बीडी कल्ला और लालचंद कटारिया चार-चार बार जनसुनवाई कर चुके हैं.

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जनसुनवाई में कुछ मंत्री पीछे भी रह गए...

ऐसा नहीं है कि प्रदेश में अब तक प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई जनसुनवाई में सभी मंत्री पहुंचे हो. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में होने वाली जनसुनवाई से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को अलग रखा गया है. मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अपने निवास पर जनसुनवाई करते हैं. इन दोनों के अलावा एक मात्र पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ऐसे मंत्री है जो एक बार भी जनसुनवाई करने नहीं पहुंचे हैं. वहीं, शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी भी केवल एक बार ही जन सुनवाई करने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे.

वहीं, जनसुनवाई से जुड़ी एक रोचक बात ये है कि मंत्री सुभाष गर्ग कांग्रेस के नहीं हैं लेकिन मंत्री होने के नाते वो कांग्रेस मुख्यालय पर जनसुनवाई के लिए पहुंचे. वह आरएलडी से चुनाव जीते हैं लेकिन फिर भी वह गठबंधन के तहत प्रदेश में मंत्री बने. जिसके तहत उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय पर जनसुनवाई की.

Intro:note_ये स्पेशल स्टोरी है

कांग्रेस का मंत्री दरबार अब तक आए 65 साल से ज्यादा फरियादी राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में फरियाद लेकर सबसे ज्यादा फरियादी आए मंत्री रमेश मीणा प्रताप सिंह और शांति धारीवाल के पास तो सबसे ज्यादा बार मंत्री दरबार में पहुंचे मंत्री भजन लाल जाटव बीडी कल्ला और लालचंद कटारिया विश्वेंद्र सिंह एक बार भी नहीं आए जनसुनवाई में तो मंत्री हरीश चौधरी और गोविंद डोटासरा भी केवल एक एक बार ही करने पहुंचे जनसुनवाई एक और रोचक बात कांग्रेस के नेता नहीं है सुभाष गर्ग फिर भी संगठन मुख्यालय में मंत्री होने के चलते पहुंचे जनसुनवाई करने


Body:राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में 7 अक्टूबर से मंत्री दरबार यानी की जनसुनवाई कार्यक्रम शुरू हुआ पहली बार जनसुनवाई मंत्री बीडी कल्ला ने की थी और 7 अक्टूबर से अब तक 3 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है इस दौरान करीब 6500 फरियादी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मंत्रियों के सामने अपनी फरियाद लेकर पहुंचे हैं खास बात यह है कि मंत्री हो या संगठन साफ तौर पर यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आने वाली जनसुनवाई लोगों को सीधा फायदा हो रहा है संगठन की माने तो जनसुनवाई में आई 40 फ़ीसदी समस्याएं तो उसी समय फोन करके दूर कर दी जाती है तो वही 15 फ़ीसदी मामले तबादलों से जुड़े हैं जो तबादले खुलने के बाद ही पूरे हो सकते हैं उधर 10 वीं सदी जन समस्याएं उन कांग्रेस के नेताओं की ही थी जिन्होंने अपने लिए बोर्ड निगम या आयोग ने राजनीतिक नियुक्तियों की मांग की है इसी तरह से बाकी बची 35% समस्याओं के लिए संबंधित विभागों को लिखा गया है जिनकी स्टेटस रिपोर्ट बकायदा सीएमओ प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के साथ ही प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के जरिए दिल्ली भी पहुंचाई जाती है
सचिन पायलट प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान कांग्रेस
बाइट महेश शर्मा संगठन महामंत्री राजस्थान कांग्रेस
रमेश मीणा प्रताप सिंह शांति धारीवाल और लालचंद कटारिया के पास आ रहे सबसे ज्यादा फरियादी तो भजन लाल जाटव बीडी कल्ला और लालचंद कटारिया पहुंचे सबसे ज्यादा बार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय जन सुनवाई करने
राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में जब से जन सुनवाई शुरू हुई है तब से लेकर अब तक सबसे ज्यादा फरियादी अगर किसी मंत्री की जनसुनवाई में पहुंचे हैं तो वह मंत्री रमेश मीणा है अकेले रमेश मीणा ने तीन बार की अपनी जनसुनवाई में 12 सौ के करीब लोगों की जनसुनवाई की है इसके बाद दूसरे नंबर पर आते हैं मंत्री शांति धारीवाल जो अपनी दोस्त जनसुनवाई में 500 लोगों की जन सुनवाई कर सके हैं तो वही मंत्री प्रतापसिंह भी अपनी तीन जनसुनवाई में 400 और मंत्री लालचंद कटारिया चार जनसुनवाई में करीब 400 लोगों की जन सुनवाई कर चुके हैं वही बात करें सबसे ज्यादा बाद जनसुनवाई की तो प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पहुंचने वाले मंत्रियों मैं सबसे ज्यादा बार जनसुनवाई करने पहुंचने वाले मंत्री भजन लाल जाटव है जिन्होंने अब तक पांच बार जनसुनवाई की है उसके बाद मंत्री बीडी कल्ला और लालचंद कटारिया चार चार बार जनसुनवाई कर चुके हैं
जनसुनवाई में कुछ मंत्री रह गए पीछे विश्वेंद्र सिंह तो एक बार भी नहीं आए जनसुनवाई में तो वही हरीश चौधरी और गोविंद डोटासरा 3 महीने में महज एक बार ही निकाल सके जन सुनवाई के लिए समय
ऐसा नहीं है कि प्रदेश में अब तक प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई जनसुनवाई में सभी मंत्री पहुंचे हो प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जनसुनवाई से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को अलग रखा गया है मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अपने निवास पर जनसुनवाई करते हैं इन दोनों के अलावा एक मात्र पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह वह मंत्री है जो एक बार भी जनसुनवाई करने नहीं पहुंचे हैं तो वहीं शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी केवल एक बार ही जन सुनवाई करने प्रदेश कांग्रेश मुख्यालय पहुंचे
मंत्री सुभाष गर्ग कांग्रेस के नहीं लेकिन फिर भी मंत्री होने के नाते पहुंचे जन सुनवाई करने कांग्रेस मुख्यालय
जनसुनवाई से जुड़ी एक रोचक बात कांग्रेस के नहीं है मंत्री सुभाष गर्ग लेकिन मंत्री होने के नाते पहुंचे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जन सुनवाई करने
जनसुनवाई की एक रोचक बात यह भी है कि मंत्री सुभाष घर कांग्रेस के नहीं है वह आरएलडी से चुनाव जीते हैं लेकिन फिर भी वह गठबंधन के तहत प्रदेश में मंत्री बने हैं और मंत्री होने के नाते ही वह जनसुनवाई करने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे
पीटीसी अजीत


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Last Updated : Jan 15, 2020, 10:17 AM IST
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