जयपुर. प्रदेश में इस बार बारिश दौर देखने को नही मिल रहा है, जिससे की राजधानी में चारों ओर सूखा पड़ा हुआ नजर आ रहा है. वहीं अगर बीते जून और जुलाई महीने की बात करे तो पूरे राजस्थान में 34 फीसदी ही बारिश हुई है. साथ ही पश्चिमी राजस्थान में करीब 26 फीसदी कम वर्षा रिकॉर्ड दर्ज की गई है.
जानकारी के अनुसार प्रदेश के 33 जिलों में से 30 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है. साथ ही जोधपुर, चूरू और नागौर में औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई है. जिसके बाद तीनों की गिनती श्चिमी राजस्थान में की जाती है. इस बार सर्वाधिक बारिश न होने से नुकसान पूरे राजस्थान को भी हुआ है.
कोटा की बात करें तो कोटा संभाग और झमाझम बरसात रहने वाला उदयपुर संभाग पर भी इस बार मानसून मेहरबान नहीं हुआ है. साथ ही इन जगहों पर भी औसत से कम बारिश दर्ज की गई है. प्रदेश का सर्वाधिक बारिश वाला स्थान माउंट आबू में भी इस बार औसत से कम बारिश दर्ज की गई है.
पढ़ें: CM अशोक गहलोत जैसलमेर से जयपुर के लिए रवाना, कांग्रेस नेत्री सुनीता भाटी से की मुलाकात
माउंट आबू के सिरोही जिले की बात की जाए तो, पूरे सिरोही जिले में सामान्य से 62% तक कम बारिश दर्ज की गई है. मौसम विभाग के अनुसार मानसून अगस्त के दूसरे सप्ताह में एक बार फिर मौसम सक्रिय होगा, जिससे पूरे प्रदेश में औसत के आसपास मानसून की बारिश दर्ज की जाएगी.
राजधानी में औसत से 40% कम हुई बारिश…
मौसम विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों की मानें तो राजधानी जयपुर में भी जून और जुलाई में करीब 40% बारिश कम दर्ज हुई है. वहीं 2 महीनों में गुलाबी नगरी में कुल 147.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. जबकि 249.1 मिली मीटर बारिश होनी चाहिए थी. पिछले साल 2019 की तुलना में इस बार राजधानी में कम बारिश दर्ज की गई है, लेकिन मौसम विभाग का मानना है कि अगस्त के दूसरे सप्ताह में एक बार प्रदेश में बारिश का दौर शुरू होगा.
मौसम विभाग ने इन जिलों में जारी किया अलर्ट…
प्रदेश के मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के धौलपुर, भरतपुर, करौली जिले और दौसा, जालोर, भीलवाड़ा, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, बूंदी, पाली जिले में मेघ गर्जन वज्रपात के साथ हल्की सा मध्यम बारिश होने की चेतावनी भी जारी की गई है.