जयपुर. चंदवाजी थाना इलाके में युवक की हत्या के लिए काम में लिए गए चाकू सहित अन्य साक्ष्यों को बंदर लेकर भागने के मामले में पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में तत्कालीन मालखाना इंचार्ज हनुमान सहाय यादव को दोषी माना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हनुमान सहाय की पुलिस सेवा से रिटायर्ड होने के बाद गत वर्ष 3 अप्रैल को मौत हो चुकी है.
ग्रामीण पुलिस अधीक्षक की ओर से लोक अभियोजक को सौंपी रिपोर्ट में कहा गया कि थाने के मालखाने में जगह नहीं थी. इस वजह से सारे साक्ष्यों को एक कट्टे में बांधकर टीन शेड के नीचे रखा गया था. मालखाने की सफाई के दौरान कट्टे को बाहर रखा गया था. इस दौरान बंदर कट्टे को लेकर भाग (Monkey took away evidence of Jaipur murder case) गया और तलाश के बावजूद नहीं मिला. कट्टे में वारदात स्थल की मिट्टी, मौके से उठाए सीमेंट कंक्रीट के सैंपल, वारदात स्थल के आसपास से उठाए खून के सैंपल, आरोपी का बनियान और टीशर्ट, प्लास्टिक बोतल, खून लगी नीली जींस, अंडरगारमेंट, खून लगा हुआ चाकू, सफेद और लाल टी शर्ट, आसमानी रंग का पजामा, भूरे रंग की खून लगी पेंट, हवाई चप्पल, मोबाइल फोन और जार में रखे गए कुछ अन्य सैंपल.
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वहीं इस संबंध में लोक अभियोजक रामलाल भामूं का कहना है कि सबूत आखिर कौन सा बंदर ले गया और मामले में तत्कालीन थानाधिकारी की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए. गौरतलब है कि चंदवाजी थाना इलाके में 17 सितंबर, 2014 को शशिकांत शर्मा का खून से लथपथ शव मिला था. शव देखकर ग्रामीणों ने हाईवे जाम कर दिया था. वहीं पुलिस ने हत्या के आरोप में मोहनलाल कुंडेरा और राहुल कुंडेरा को गिरफ्तार किया था. इसके बाद हत्या में काम लिया गया चाकू सहित अन्य साक्ष्य जब्त किए गए. अब कोर्ट ट्रायल के दौरान पुलिस ने कहा कि सारे साक्ष्य बंदर लेकर भाग गया है.