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जयपुर : प्रदेश में पेयजल आपूर्ति की होगी उच्च स्तरीय मॉनिटरिंग...अभियंताओं को सौंपा अलग-अलग जिलों का प्रभार

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Published : Feb 22, 2021, 9:10 PM IST

अधिकारी आगामी मार्च से प्रति माह अपने प्रभार वाले जिलों का कम से कम एक बार दौरा कर मॉनिटरिंग, निरीक्षण एवं समन्वय का कार्य करेंगे तथा निर्धारित बिन्दुओं पर अपनी मासिक रिपोर्ट तैयार कर जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला और अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत को सौपेंगे.

Drinking water monitoring, Rajasthan Drinking Water Supply Monitoring, Rajasthan Water Engineer District Charge
पेयजल आपूर्ति की होगी उच्च स्तरीय मॉनिटरिंग

जयपुर. प्रदेश में आगामी गर्मियों के सीजन के मद्देनजर प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध रूप से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति तथा सभी जिलों में चल रही पेयजल परियोजनाओं के समय पर पूरा करने के लिए उच्च स्तर से मानिटरिंग होगी.

इसके लिए जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने एक आदेश जारी कर करीब दर्जन भर चीफ इंजीनियर्स एवं एडिशनल चीफ इंजीनियर्स को अलग-अलग जिलों का प्रभारी नियुक्त किया है. ये अधिकारी आगामी मार्च से प्रति माह अपने प्रभार वाले जिलों का कम से कम एक बार दौरा कर मॉनिटरिंग, निरीक्षण एवं समन्वय का कार्य करेंगे तथा निर्धारित बिन्दुओं पर अपनी मासिक रिपोर्ट तैयार कर जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला और अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत को सौपेंगे.

मार्च से करेंगे दौरे, मंत्री और मुख्य सचिव को देंगे रिपोर्ट

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि ये सभी मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंता मार्च के प्रथम सप्ताह से अपने-अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा करेंगे तथा वहां जल जीवन मिशन में घर-घर नल से जल कनैक्शन की प्रगति के साथ-साथ मेजर प्रोजेक्ट्स एवं अन्य परियोजनाओं के कार्यों तथा पेयजल सप्लाई की व्यवस्था की मौके पर विस्तृत समीक्षा करेंगे.

सभी अधिकारियों को कहा गया है कि प्रभार वाले जिलो में चल रही जल प्रदाय योजनाओं के कार्यों को समय पर पूरे करने के लिए समुचित क्रिटिकल मैटेरियल उपलब्ध हो, इस पर अपने दौरों में विशेष ध्यान दें. सभी अधिकारी अपनी पूरी रिपोर्ट मंत्री बीडी कल्ला और अतिरिक्त मुख्य सचिव को देंगे.

इन अभियंताओं को सौंपा जिलों का प्रभार

जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने बताया कि मुख्य अभियंता (शहरी) सीएम चौहान को कोटा, झालावाड़, बारां, बूंदी तथा जयपुर जिले से संबंधित परियोजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए प्रभारी बनाया गया है। मुख्य अभियंता (ग्रामीण) आरके मीना को बीकानेर, हनुमानगढ़, गंगानगर व चूरू जिले की जिम्मेदारी दी गई है.

पढ़ें- नई शिक्षा नीति पर प्रिंसिपल कॉन्क्लेव 27 फरवरी को, प्रदेशभर के प्रिंसिपल करेंगे शिरकत

मुख्य अभियंता (प्रशासन) राकेश लुहाड़िया को भरतपुर एवं धौलपुर, चीफ इंजीनियर (नागौर प्रोजेक्ट) दिनेश गोयल को अजमेर एवं नागौर, मुख्य अभियंता (तकनीकी) संदीप शर्मा को सीकर, झुंझुनू, एवं दौसा, मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट) आरसी मिश्रा को उदयपुर, राजसमंद एवं डूंगरपुर का प्रभार दिया गया है.

चीफ इंजीनियर (जोधपुर प्रोजेक्ट) नीरज माथुर को जोधपुर, जालौर, बाड़मेर एवं जैसलमेर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (प्रोजेक्ट बाड़मेर) जुगल किशोर करवा को पाली एवं सिरोही, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट) राकेश जैन को सवाईमाधोपुर एवं करौली, अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं सचिव, आरडब्ल्यूएसएसएमबी हुकमचंद वर्मा को को टोंक एवं अलवर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (डी एंड एचपी) राम खिलाड़ी मीना को बांसवाड़ा एवं प्रतापगढ़, तथा अतिरिक्त मुख्य अभियंता (शहरी) देवराज सोलंकी को भीलवाड़ा एवं चित्तौड़गढ़ का प्रभारी नियुक्त किया गया है.

हैंडपंप रिपेयरिंग, सोलर डीएफयू का निरीक्षण

पंत ने बताया कि सभी चीफ इंजीनियर्स एवं एडिशनल चीफ इंजीनियर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे हैंड पंप रिपेयरिंग अभियान की प्रगति का जायजा लेने के लिए स्वयं चुनिंदा साइट्स का दौरा करें. जहां कहीं भी जल परिवहन की व्यवस्था चल रही है उसकी समीक्षा करें और कुछ स्थानों पर जाकर इसका व्यक्तिगत निरीक्षण करें. अधिकारियों को ट्यूबवैल एवं हैंडपंप को समय पर कमीशन करने की व्यवस्था के साथ ही लंबित विद्युत कनेक्शन का जायजा लेने के भी निर्देश दिए गए हैं. वे जिलों में आरओ प्लांट्स, सोलर डीएफयू (डी-फ्लोरिडेशन यूनिट्स) और सोलर बोरवैल वाले चुनिंदा स्थानों को देखकर इस बारे में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे.

रीजनल एसीई प्रति सप्ताह करेंगे विजिट

जलदाय विभाग के सभी रीजनल कार्यालयों के एडिशनल चीफ इंजीनियर्स को भी अपने अधीन आने वाले जिलों में से प्रति सप्ताह कम से कम एक जिले का दौरा करने और वहां पर रात्रि विश्राम करने के निर्देश दिए गए हैं. उनको संबंधित जिलों के कम से कम पेयजल समस्या वाले दो गांव का फीडबैक लेना होगा.

अतिरिक्त मुख्य सचिव से लेनी होगी अनुमति

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि सभी प्रभारी अधिकारी अपने प्रभार वाले जिलों में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वीकृत कार्यों की प्रगति की समीक्षा के साथ-साथ आगामी वित्तीय वर्ष 2021-2022 में स्वीकृत किए जा सकने वाले कार्य एवं योजनाओं के बारे में भी आंकलन कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे. सभी अधिकारियों को अपने ट्यूर प्रोग्राम की अतिरिक्त मुख्य सचिव से अग्रिम स्वीकृति लेनी होगी.

जयपुर. प्रदेश में आगामी गर्मियों के सीजन के मद्देनजर प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध रूप से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति तथा सभी जिलों में चल रही पेयजल परियोजनाओं के समय पर पूरा करने के लिए उच्च स्तर से मानिटरिंग होगी.

इसके लिए जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने एक आदेश जारी कर करीब दर्जन भर चीफ इंजीनियर्स एवं एडिशनल चीफ इंजीनियर्स को अलग-अलग जिलों का प्रभारी नियुक्त किया है. ये अधिकारी आगामी मार्च से प्रति माह अपने प्रभार वाले जिलों का कम से कम एक बार दौरा कर मॉनिटरिंग, निरीक्षण एवं समन्वय का कार्य करेंगे तथा निर्धारित बिन्दुओं पर अपनी मासिक रिपोर्ट तैयार कर जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला और अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत को सौपेंगे.

मार्च से करेंगे दौरे, मंत्री और मुख्य सचिव को देंगे रिपोर्ट

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि ये सभी मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंता मार्च के प्रथम सप्ताह से अपने-अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा करेंगे तथा वहां जल जीवन मिशन में घर-घर नल से जल कनैक्शन की प्रगति के साथ-साथ मेजर प्रोजेक्ट्स एवं अन्य परियोजनाओं के कार्यों तथा पेयजल सप्लाई की व्यवस्था की मौके पर विस्तृत समीक्षा करेंगे.

सभी अधिकारियों को कहा गया है कि प्रभार वाले जिलो में चल रही जल प्रदाय योजनाओं के कार्यों को समय पर पूरे करने के लिए समुचित क्रिटिकल मैटेरियल उपलब्ध हो, इस पर अपने दौरों में विशेष ध्यान दें. सभी अधिकारी अपनी पूरी रिपोर्ट मंत्री बीडी कल्ला और अतिरिक्त मुख्य सचिव को देंगे.

इन अभियंताओं को सौंपा जिलों का प्रभार

जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने बताया कि मुख्य अभियंता (शहरी) सीएम चौहान को कोटा, झालावाड़, बारां, बूंदी तथा जयपुर जिले से संबंधित परियोजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए प्रभारी बनाया गया है। मुख्य अभियंता (ग्रामीण) आरके मीना को बीकानेर, हनुमानगढ़, गंगानगर व चूरू जिले की जिम्मेदारी दी गई है.

पढ़ें- नई शिक्षा नीति पर प्रिंसिपल कॉन्क्लेव 27 फरवरी को, प्रदेशभर के प्रिंसिपल करेंगे शिरकत

मुख्य अभियंता (प्रशासन) राकेश लुहाड़िया को भरतपुर एवं धौलपुर, चीफ इंजीनियर (नागौर प्रोजेक्ट) दिनेश गोयल को अजमेर एवं नागौर, मुख्य अभियंता (तकनीकी) संदीप शर्मा को सीकर, झुंझुनू, एवं दौसा, मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट) आरसी मिश्रा को उदयपुर, राजसमंद एवं डूंगरपुर का प्रभार दिया गया है.

चीफ इंजीनियर (जोधपुर प्रोजेक्ट) नीरज माथुर को जोधपुर, जालौर, बाड़मेर एवं जैसलमेर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (प्रोजेक्ट बाड़मेर) जुगल किशोर करवा को पाली एवं सिरोही, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट) राकेश जैन को सवाईमाधोपुर एवं करौली, अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं सचिव, आरडब्ल्यूएसएसएमबी हुकमचंद वर्मा को को टोंक एवं अलवर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (डी एंड एचपी) राम खिलाड़ी मीना को बांसवाड़ा एवं प्रतापगढ़, तथा अतिरिक्त मुख्य अभियंता (शहरी) देवराज सोलंकी को भीलवाड़ा एवं चित्तौड़गढ़ का प्रभारी नियुक्त किया गया है.

हैंडपंप रिपेयरिंग, सोलर डीएफयू का निरीक्षण

पंत ने बताया कि सभी चीफ इंजीनियर्स एवं एडिशनल चीफ इंजीनियर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे हैंड पंप रिपेयरिंग अभियान की प्रगति का जायजा लेने के लिए स्वयं चुनिंदा साइट्स का दौरा करें. जहां कहीं भी जल परिवहन की व्यवस्था चल रही है उसकी समीक्षा करें और कुछ स्थानों पर जाकर इसका व्यक्तिगत निरीक्षण करें. अधिकारियों को ट्यूबवैल एवं हैंडपंप को समय पर कमीशन करने की व्यवस्था के साथ ही लंबित विद्युत कनेक्शन का जायजा लेने के भी निर्देश दिए गए हैं. वे जिलों में आरओ प्लांट्स, सोलर डीएफयू (डी-फ्लोरिडेशन यूनिट्स) और सोलर बोरवैल वाले चुनिंदा स्थानों को देखकर इस बारे में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे.

रीजनल एसीई प्रति सप्ताह करेंगे विजिट

जलदाय विभाग के सभी रीजनल कार्यालयों के एडिशनल चीफ इंजीनियर्स को भी अपने अधीन आने वाले जिलों में से प्रति सप्ताह कम से कम एक जिले का दौरा करने और वहां पर रात्रि विश्राम करने के निर्देश दिए गए हैं. उनको संबंधित जिलों के कम से कम पेयजल समस्या वाले दो गांव का फीडबैक लेना होगा.

अतिरिक्त मुख्य सचिव से लेनी होगी अनुमति

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि सभी प्रभारी अधिकारी अपने प्रभार वाले जिलों में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वीकृत कार्यों की प्रगति की समीक्षा के साथ-साथ आगामी वित्तीय वर्ष 2021-2022 में स्वीकृत किए जा सकने वाले कार्य एवं योजनाओं के बारे में भी आंकलन कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे. सभी अधिकारियों को अपने ट्यूर प्रोग्राम की अतिरिक्त मुख्य सचिव से अग्रिम स्वीकृति लेनी होगी.

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