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महिलाओं के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेक रही मोदी सरकार : एनी राजा

देश में महिलाओं की सुरक्षा और समानता के अधिकार के लिए भारतीय महिला फेडरेशन देशभर में आंदोलन करेगी. 3 जनवरी से 30 जनवरी तक संविधान बचाओ आंदोलन के तहत देशभर में अलग-अलग कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे.

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Published : Dec 31, 2019, 10:30 PM IST

Annie Raja in jaipur, भारतीय महिला फेडरेशन
Annie Raja in jaipur

जयपुर. भारतीय महिला फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा ने कहा कि देश में महिलाओं के नाम पर इस तरह से माहौल बनाया जा रहा है जिससे सरकार सिर्फ महिलाओं के लिए ही काम कर रही है, जबकि ऐसा नहीं है.

भारतीय महिला फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा ने केन्द्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

एनी राजा ने कहा यह सिर्फ महिलाओं के नाम पर राजनीतिक लाभ लेने के लिए उन्हें द्रौपदी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. केंद्र की मोदी सरकार ने जिस तरीके से महिलाओं के नाम पर जिन योजनाओं की बात की है वह सिर्फ झूठ का मुखौटा है. नोटबंदी ने महिलाओं के रोजगार को छीना है. उन्होंने कहा उज्जवला गैस योजना के तहत महिलाओं को एक सिलेंडर तो मुफ्त में दे दिया गया लेकिन उसके बाद गैस के दाम लगातार बढ़ा दिए गए.

एनी राजा ने कहां इतना ही नही खाद्य सुरक्षा योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाले ₹6000 को घटाकर ₹5000 कर दिया गया. देश के प्रधानमंत्री मन की बात बोलते ही नहीं बल्कि मन की बात करते भी हैं. नोटबंदी, आयुष्मान योजना, एनआरसी, सीएए जैसे कई ऐसे फैसले हैं जो बिना किसी सोच विचार के लिए गए हैं. इनसे देश में अराजकता का माहौल फैला हुआ है.

पढे़ंः आदर्श नगर ACP ऑफिस बना देश के लिए मिसाल, UK से मिला ISO सर्टिफिकेट

दरअसल जयपुर में राष्ट्रीय भारतीय महिला फेडरेशन का 21 वां राष्ट्रीय सम्मेलन जयपुर में आयोजित किया गया था. चार दिन तक चले इस अधिवेशन में महिलाओं के अधिकार समानता रोजगार शिक्षा स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. इस अधिवेशन में 21 राज्यों के 1000 से अधिक डेलिगेट्स ने भाग लिया था जिसमें फेडरेशन द्वारा कई प्रस्ताव भी पास किए गए.

राष्ट्रीय अधिवेशन में ये प्रस्ताव पास किये

  • महिला हिंसा के खिलाफ प्रस्ताव-जिसमें केवल बलात्कार पर ही नहीं अन्य अपराधों पर भी कड़ी सजा का प्रावधान हो
  • अयोध्या फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया. इसके अलावा देश को बांटने वाली नीतियों और कानूनों जिसमें नागरिकता संशोधन एक्ट, एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया.
  • उत्तर प्रदेश में शासन द्वारा की गई हिंसा के खिलाफ एवं कश्मीर की जनता के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने का प्रस्ताव पारित किया गया.
  • सम्मेलन में मातृत्व लाभ को व्यापक करने , नई शिक्षा नीति के विरोध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के विरुद्ध प्रस्ताव पारित किया गया.
  • केंद्र सरकार की धर्म से संबंधित रवैया, सांप्रदायिकता के खिलाफ, हिंदुत्व के एजेंडे के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया
  • ट्रांसजेंडर बिल के विरोध का प्रस्ताव पारित किया गया
  • नर्सों को न्यूनतम वेतन और श्रम कानून अनुसार सभी भत्ते दिए जाने की मांग का प्रस्ताव पारित किया गया
  • एक अन्य प्रस्ताव में सूचना के अधिकार को पारदर्शी बनाने और विकास से संबंधित ताजा जानकारी देने का प्रस्ताव पारित किया गया

पढे़ंः नवजात बच्चों की मौत पर चिकित्सा मंत्री का अजीब तर्क, कहा- पिछली सरकार जिम्मेदार

इन सभी प्रस्तावों पर भारतीय महिला फेडरेशन अगले 3 साल में काम करेगी. फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा ने कहा कि फेडरेशन द्वारा 3 जनवरी से 30 जनवरी तक तीन अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करके संविधान बचाओ आंदोलन किया जाएगा. जिसमें 3 जनवरी को सावित्री फुले जयंती पर जिला और तहसील स्तर पर देशभर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा. 26 जनवरी को संविधान बचाओ देश बचाओ आंदोलन किया जाएगा. और 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सांप्रदायिकता के खिलाफ गांव ढाणी तक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.

जयपुर. भारतीय महिला फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा ने कहा कि देश में महिलाओं के नाम पर इस तरह से माहौल बनाया जा रहा है जिससे सरकार सिर्फ महिलाओं के लिए ही काम कर रही है, जबकि ऐसा नहीं है.

भारतीय महिला फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा ने केन्द्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

एनी राजा ने कहा यह सिर्फ महिलाओं के नाम पर राजनीतिक लाभ लेने के लिए उन्हें द्रौपदी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. केंद्र की मोदी सरकार ने जिस तरीके से महिलाओं के नाम पर जिन योजनाओं की बात की है वह सिर्फ झूठ का मुखौटा है. नोटबंदी ने महिलाओं के रोजगार को छीना है. उन्होंने कहा उज्जवला गैस योजना के तहत महिलाओं को एक सिलेंडर तो मुफ्त में दे दिया गया लेकिन उसके बाद गैस के दाम लगातार बढ़ा दिए गए.

एनी राजा ने कहां इतना ही नही खाद्य सुरक्षा योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाले ₹6000 को घटाकर ₹5000 कर दिया गया. देश के प्रधानमंत्री मन की बात बोलते ही नहीं बल्कि मन की बात करते भी हैं. नोटबंदी, आयुष्मान योजना, एनआरसी, सीएए जैसे कई ऐसे फैसले हैं जो बिना किसी सोच विचार के लिए गए हैं. इनसे देश में अराजकता का माहौल फैला हुआ है.

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दरअसल जयपुर में राष्ट्रीय भारतीय महिला फेडरेशन का 21 वां राष्ट्रीय सम्मेलन जयपुर में आयोजित किया गया था. चार दिन तक चले इस अधिवेशन में महिलाओं के अधिकार समानता रोजगार शिक्षा स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. इस अधिवेशन में 21 राज्यों के 1000 से अधिक डेलिगेट्स ने भाग लिया था जिसमें फेडरेशन द्वारा कई प्रस्ताव भी पास किए गए.

राष्ट्रीय अधिवेशन में ये प्रस्ताव पास किये

  • महिला हिंसा के खिलाफ प्रस्ताव-जिसमें केवल बलात्कार पर ही नहीं अन्य अपराधों पर भी कड़ी सजा का प्रावधान हो
  • अयोध्या फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया. इसके अलावा देश को बांटने वाली नीतियों और कानूनों जिसमें नागरिकता संशोधन एक्ट, एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया.
  • उत्तर प्रदेश में शासन द्वारा की गई हिंसा के खिलाफ एवं कश्मीर की जनता के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने का प्रस्ताव पारित किया गया.
  • सम्मेलन में मातृत्व लाभ को व्यापक करने , नई शिक्षा नीति के विरोध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के विरुद्ध प्रस्ताव पारित किया गया.
  • केंद्र सरकार की धर्म से संबंधित रवैया, सांप्रदायिकता के खिलाफ, हिंदुत्व के एजेंडे के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया
  • ट्रांसजेंडर बिल के विरोध का प्रस्ताव पारित किया गया
  • नर्सों को न्यूनतम वेतन और श्रम कानून अनुसार सभी भत्ते दिए जाने की मांग का प्रस्ताव पारित किया गया
  • एक अन्य प्रस्ताव में सूचना के अधिकार को पारदर्शी बनाने और विकास से संबंधित ताजा जानकारी देने का प्रस्ताव पारित किया गया

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इन सभी प्रस्तावों पर भारतीय महिला फेडरेशन अगले 3 साल में काम करेगी. फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा ने कहा कि फेडरेशन द्वारा 3 जनवरी से 30 जनवरी तक तीन अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करके संविधान बचाओ आंदोलन किया जाएगा. जिसमें 3 जनवरी को सावित्री फुले जयंती पर जिला और तहसील स्तर पर देशभर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा. 26 जनवरी को संविधान बचाओ देश बचाओ आंदोलन किया जाएगा. और 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सांप्रदायिकता के खिलाफ गांव ढाणी तक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.

Intro:
जयपुर

महिलाओं के नाम पर राजनैतिक रोठियां सेक कर द्रौपदी के रूप में यूज कर रही है केंद्र की मोदी सरकार - एनी राजा

एंकर:- देश की महिलाओं के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेकी जा रही है , केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार महिलाओं को द्रौपदी के रूप में काम ले रही है , यह बात भारतीय महिला फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा ने कही , उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा समानता की बात करी जा रही है लेकिन वह सब सिर्फ महिलाओं के नाम पर राजनीतिक लाभ देने के लिए , देश में महिलाओं की सुरक्षा और समानता के अधिकार के लिए भारतीय महिला फेडरेशन देशभर में आंदोलन करेगी 3 जनवरी से 30 जनवरी तक संविधान बचाओ आंदोलन के तहत देशभर में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित भी किये जायेंगे ,


Body:VO:- भारतीय महिला फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा ने कहा कि देश में महिलाओं के नाम पर इस तरह से माहौल बनाया जा रहा है जिससे सरकार सिर्फ महिलाओं के लिए ही काम कर रही हो , जबकि ऐसा नहीं है यह सिर्फ महिलाओं के नाम पर राजनीतिक लाभ लेने के लिए उन्हें द्रोपति के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है , राजा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने जिस तरीके से महिलाओं के नाम पर जिन योजनाओं की बात करी है वैसे झूँठ का मुकुटा है , नोटबंदी ने महिलाओं के रोजगार को छीना है , उज्वला गैस योजना के तहत महिलाओं को एक सिलेंडर तो मुफ्त में दे दिया गया लेकिन उसके बाद गैस के दाम लगातार बढ़ा दिए गए , इतना ही नही खाद्य सुरक्षा योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाले ₹6000 को घटाकर ₹5000 कर दिया गया , एनी राजा ने कहां की देश की प्रधानमंत्री मन की बात बोलते ही नही बल्कि मन की बात भी करते हैं , जिसमें नोटबंदी , आयुष्मान योजना , एनआरसी , सीएए जैसे कई ऐसे फैसले हैं जो बिना किसी सोच विचार के लिए गए हैं , इनसे देश में अराजकता का माहौल फैला हुआ है , दरअसल जयपुर में राष्ट्रीय भारतीय महिला फेडरेशन का 21 वां राष्ट्रीय सम्मेलन जयपुर में आयोजित किया गया था , 4 दिन तक चले इस अधिवेशन में महिलाओं के अधिकार समानता रोजगार शिक्षा स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई , इस अधिवेशन में 21 राज्यों के 1000 से अधिक डेलिगेट्स ने भाग लिया था , साथ ही इस अधिवेशन में फेडरेशन के द्वारा कई प्रस्ताव भी पास किए ,
राष्ट्रीय अधिवेशन में ये प्रस्ताव पास किये -
1- महिला हिंसा के खिलाफ प्रस्ताव - जिसमें केरला बलात्कार पर ही नहीं अन्य अपराधों पर भी कड़ी सजा का प्रावधान हो
2- अयोध्या फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया - इसके अलावा देश को बांटने वाली नीतियों और कानूनों जिसमें नागरिकता संशोधन कानून एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया
3- उत्तर प्रदेश में शासन द्वारा की गई हिंसा के खिलाफ एवं कश्मीर की जनता के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने का प्रस्ताव पारित किया गया
4- सम्मेलन में मातृत्व लाभ को व्यापक करने , नई शिक्षा नीति के विरोध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के विरुद्ध प्रस्ताव पारित किया गया 5 - केंद्र सरकार की धर्म से संबंधित रवैया सांप्रदायिकता के खिलाफ हिंदुत्व के एजेंडे के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया 6- ट्रांसजेंडर बिल के विरोध का प्रस्ताव पारित किया गया
7- नर्सों को न्यूनतम वेतन और श्रम कानून अनुसार सभी भत्ते दिए जाने की मांग का प्रस्ताव पारित किया गया
8 - एक अन्य प्रस्ताव में सूचना के अधिकार को पारदर्शी बनाने और विकास से संबंधित ताजा जानकारी देने का प्रस्ताव पारित किया गया ,
इन सभी प्रस्तावों पर भारतीय महिला फेडरेशन अगले 3 साल में काम करेगी , फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा ने कहा कि फेडरेशन द्वारा 3 जनवरी से 30 जनवरी तक तीन अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करके संविधान बचाओ आंदोलन किया जाएगा , जिसमें 3 जनवरी को सावित्री फुले जयंती पर जिला और तहसील स्तर पर देशभर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा , 26 जनवरी संविधान बचाओ देश बचाओ आंदोलन किया जाएगा , 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सांप्रदायिकता के खिलाफ गांव ढाणी तक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ,

बाइट:- एनी राजा - राष्ट्रीय महासचिव , भारतीय महिला फेडरेशन


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