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निजी अस्पतालों ने किसी मरीज को बिना इलाज वापस भेजा तो होगी सख्त कार्रवाई: CM गहलोत

मंगलवार को सीएम अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पत्रकारों के साथ वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर मौजूदा हालात और कई अहम बिंदुओं पर चर्चा की. इस दौरान कई बड़े मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे.

जयपुर की खबर, Cm video conference
वीडियो कॉन्फ्रेंस करते हुए सीएम गहलोत
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Published : Apr 21, 2020, 11:33 PM IST

जयपुर. मंगलवार को सीएम अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पत्रकारों के साथ वार्ता की. उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में कोरोना के कारण नियमित रोगियों को समुचित उपचार सुविधा उपलब्ध नहीं होने की शिकायतें सामने आई हैं.

सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और कई अस्पतालों को नोटिस भी दिया है. मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि निजी अस्पताल संकट की इस घड़ी में अपनी नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी निभाएं, अन्यथा सरकार सख्ती से कार्रवाई करेगी. किसी भी निजी अस्पताल से किसी मरीज को बिना इलाज वापस लौटाने की शिकायत नहीं आए. इसके अलावा भी सीएम ने कई अहम बातों पर चर्चा की.

9 हजार एएनएम एवं जीएनएम के पदों पर नियुक्ति जल्द

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बीमारी से लड़ाई के लिए चिकित्साकर्मियों की कमी नहीं रहे, इसके लिए करीब 9 हजार एएनएम एवं जीएनएम के पदों पर नियुक्ति के संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं. जल्द ही इनकी नियुक्ति होगी.

सभी राज्यों को मिले प्रोत्साहन पैकेज

गहलोत ने कहा कि आर्थिक मंदी और कोरोना के कारण सभी राज्यों की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है. ऐसे में भारत सरकार को प्रोत्साहन पैकेज (स्टीम्यूलस पैकेज) देना चाहिए. ताकि राज्यों को इस संकट से बाहर आने में मदद मिल सके.

राज्यों की सलाह के साथ फैसले ले केंद्र

भारत में संघीय ढांचे की व्यवस्था के तहत केंद्र सरकार राज्यों की सलाह के आधार पर निर्णय ले. यदि कोई भी निर्णय आनन-फानन में लिया जाता है तो पूरे देश को परेशानी का सामना करना पड़ता है. देश में 3 मई से या जब भी लॉकडाउन खुलता है, उसकी तैयारी राज्यों की सलाह के साथ केंद्र सरकार को अभी से करनी चाहिए ताकि देशभर में सुनियोजित ढंग से आर्थिक गतिविधियां शुरू हो सकें.

दूसरे देशों की तरह जांच का दायरा बढ़ाना बेहद जरूरी

वास्तविक स्थिति का आंकलन करने के लिए जरूरी है कि टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाए. केंद्र इस पर गंभीरता से विचार करे. इस समय देश में प्रति दस लाख व्यक्तियों पर मात्र 291 टेस्ट हो रहे हैं. जबकि इतनी आबादी पर यूएई में 77 हजार, यूएसए में 12 हजार तथा स्पेन में 20 हजार तक जांचें हो रही हैं.

पढ़ें: लॉकडाउन के बीच जयपुर शेल्टर होम से अपने घरों को भेजे गए 272 मजदूर

हमारे सुझाव पर ध्यान दिया जाता तो नहीं बनता संदेह का वातावरण

गहलोत ने कहा कि पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आने में समय लगता है. इसी कारण हमने रैपिड टेस्ट पर जोर दिया था. उस समय मैंने प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेंस में अनुरोध किया था कि पीपीई, मास्क, वेंटिलेटर, रैपिड एवं पीसीआर टेस्ट किट इत्यादि की केन्द्रीयकृत खरीद हो, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया. अब रैपिड टेस्ट के नतीजों पर देशभर में जो संदेह का वातावरण बना है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है.

288 राशन डीलरों के लाइसेंस निलंबित

मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य एवं आवश्यक सामग्री की कालाबाजारी की कहीं भी शिकायत मिलती है, तो कड़ी कार्रवाई होगी. एडवाइजरी का पालन नहीं करने और निरीक्षण में अनियमितता पर अब तक 94 एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही 288 से अधिक राशन दुकानों के लाइसेंस निलम्बित किए गए हैं.

पढ़ें: कटारिया ने की कोरोना काल में राष्ट्रवाद पर व्याख्यान की शुरुआत

अन्य राज्य भी स्टूडेंट्स को ले जाने को तैयार

कोटा में अध्ययनरत अन्य राज्यों के कोचिंग स्टूडेंट्स को उनके घर पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं. बिहार और बंगाल को छोड़कर अन्य राज्य इसके लिए तैयार हो गए हैं. कोशिश यही है कि जल्द से जल्द ये बच्चे संकट के इस समय में अपने घर पहुंच सकें. इसके लिए हम हरसम्भव सहयोग प्रदान करेंगे.

वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

जयपुर. मंगलवार को सीएम अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पत्रकारों के साथ वार्ता की. उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में कोरोना के कारण नियमित रोगियों को समुचित उपचार सुविधा उपलब्ध नहीं होने की शिकायतें सामने आई हैं.

सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और कई अस्पतालों को नोटिस भी दिया है. मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि निजी अस्पताल संकट की इस घड़ी में अपनी नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी निभाएं, अन्यथा सरकार सख्ती से कार्रवाई करेगी. किसी भी निजी अस्पताल से किसी मरीज को बिना इलाज वापस लौटाने की शिकायत नहीं आए. इसके अलावा भी सीएम ने कई अहम बातों पर चर्चा की.

9 हजार एएनएम एवं जीएनएम के पदों पर नियुक्ति जल्द

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बीमारी से लड़ाई के लिए चिकित्साकर्मियों की कमी नहीं रहे, इसके लिए करीब 9 हजार एएनएम एवं जीएनएम के पदों पर नियुक्ति के संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं. जल्द ही इनकी नियुक्ति होगी.

सभी राज्यों को मिले प्रोत्साहन पैकेज

गहलोत ने कहा कि आर्थिक मंदी और कोरोना के कारण सभी राज्यों की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है. ऐसे में भारत सरकार को प्रोत्साहन पैकेज (स्टीम्यूलस पैकेज) देना चाहिए. ताकि राज्यों को इस संकट से बाहर आने में मदद मिल सके.

राज्यों की सलाह के साथ फैसले ले केंद्र

भारत में संघीय ढांचे की व्यवस्था के तहत केंद्र सरकार राज्यों की सलाह के आधार पर निर्णय ले. यदि कोई भी निर्णय आनन-फानन में लिया जाता है तो पूरे देश को परेशानी का सामना करना पड़ता है. देश में 3 मई से या जब भी लॉकडाउन खुलता है, उसकी तैयारी राज्यों की सलाह के साथ केंद्र सरकार को अभी से करनी चाहिए ताकि देशभर में सुनियोजित ढंग से आर्थिक गतिविधियां शुरू हो सकें.

दूसरे देशों की तरह जांच का दायरा बढ़ाना बेहद जरूरी

वास्तविक स्थिति का आंकलन करने के लिए जरूरी है कि टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाए. केंद्र इस पर गंभीरता से विचार करे. इस समय देश में प्रति दस लाख व्यक्तियों पर मात्र 291 टेस्ट हो रहे हैं. जबकि इतनी आबादी पर यूएई में 77 हजार, यूएसए में 12 हजार तथा स्पेन में 20 हजार तक जांचें हो रही हैं.

पढ़ें: लॉकडाउन के बीच जयपुर शेल्टर होम से अपने घरों को भेजे गए 272 मजदूर

हमारे सुझाव पर ध्यान दिया जाता तो नहीं बनता संदेह का वातावरण

गहलोत ने कहा कि पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आने में समय लगता है. इसी कारण हमने रैपिड टेस्ट पर जोर दिया था. उस समय मैंने प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेंस में अनुरोध किया था कि पीपीई, मास्क, वेंटिलेटर, रैपिड एवं पीसीआर टेस्ट किट इत्यादि की केन्द्रीयकृत खरीद हो, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया. अब रैपिड टेस्ट के नतीजों पर देशभर में जो संदेह का वातावरण बना है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है.

288 राशन डीलरों के लाइसेंस निलंबित

मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य एवं आवश्यक सामग्री की कालाबाजारी की कहीं भी शिकायत मिलती है, तो कड़ी कार्रवाई होगी. एडवाइजरी का पालन नहीं करने और निरीक्षण में अनियमितता पर अब तक 94 एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही 288 से अधिक राशन दुकानों के लाइसेंस निलम्बित किए गए हैं.

पढ़ें: कटारिया ने की कोरोना काल में राष्ट्रवाद पर व्याख्यान की शुरुआत

अन्य राज्य भी स्टूडेंट्स को ले जाने को तैयार

कोटा में अध्ययनरत अन्य राज्यों के कोचिंग स्टूडेंट्स को उनके घर पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं. बिहार और बंगाल को छोड़कर अन्य राज्य इसके लिए तैयार हो गए हैं. कोशिश यही है कि जल्द से जल्द ये बच्चे संकट के इस समय में अपने घर पहुंच सकें. इसके लिए हम हरसम्भव सहयोग प्रदान करेंगे.

वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

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